झाबुआ

कर्नाटक में जैन समाज के संत की निर्मम हत्या को लेकर , सकल जैन समाज ने निकाली रैली व दिया ज्ञापन…..।

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झाबुआ – दक्षिण भारत के कर्नाटक प्रांत मे जैन आचार्य 108 श्रीकाम कुमार नंदी जी महाराज साहब की हुई निर्मम हत्या के विरोध में आज झाबुआ सकल जैन समाज के सैकड़ों समाज जनों ने रैली के रूप मे कलेक्टर कार्यालय पहुंचकर राष्ट्रपति के नाम एक ज्ञापन एडीएम श्री मुजाल्दे को सौंपा है । इसके साथ ही दोषियों के खिलाफ आवश्यक एवं सख्त कानूनी कारवाई की मांग को लेकर यहां ज्ञापन दिया गया है । इसके साथ ही साधु-संतों को सुरक्षा प्रदान करने का भी आग्रह किया गया। इसक घटना को लेकर जैन समाज में काफी आक्रोश व्याप्त हैं ।

गुरुवार को दोपहर 1:00 बजे सकल जैन समाज के श्रावक श्राविकाए राजवाड़ा चौक पर एकत्रित हुए । यहां से सकल जैन समाज एक रैली के रूप में मुनि श्री चंद्रयश विजय म.सा जी के नेतृत्व में कलेक्टर कार्यालय पहुंचे । ज्ञातव्य है कि दक्षिण भारत के कर्नाटक प्रांत के चिक्कोड़ी ग्राम के नंदी पर्वत पर चातुर्मास हेतु विराजित 108 आचार्य श्री कामकुमार नंद जी महाराज की 5 व 6 जुलाई की मध्यरात्रि को कदापि विधर्मी लोगों द्वारा अमानवीय तरीके से निर्मम हत्या कर दी गई । जिससे भारत मे नहीं विश्व में जहां भी जैन धर्म लंबी निवासरत हैं सभी ने एक स्वर में इस घृणित कृत्य की घोर निंदा की है । मुनि श्री चंद्रयश विजय जी महाराज साहब ने श्रावक श्राविका को कलेक्ट्रेट कार्यालय में संबोधित करते हुए कहा कि सदियों से चली आ रही जैन परंपरा जिसमें संस्कार ,सद्भावना, सभ्यता, सद्वविचार का विशेष महत्व है । संस्कार सद्भावना सभ्यता सत्य विचार को देने वाले संत होते हैं वहीं हर धर्म में संतों का सम्मान हुआ हैं और होता रहेगा । ऐसे संस्कार सद्भावना, सभ्यता ,सद्विचार को जीवंत रखने वाले संत होते हैं और यदि किसी परिस्थिति वश किसी भी धर्म के संत पर प्रहार होता है तो वह निंदनीय है जैसा कि चिकोड़ी गांव में नंदी पर्वत पर 108 आचार्य श्री कामकुमार नंद जी महाराज के साथ हुआ । पूरे मन ,वचन, काय योग से इसकी निंदा करते हैं । मुनिश्री. ने यह भी कहा जैन समाज में अहिंसा परमो धर्म माना गया है भगवान ने कहा है कि किसी भी जीव को परेशान नहीं करना है चींटी जैसे सूक्ष्म जीव को भी बचाना है लेकिन यदि कोई भक्षक बन कर सामने आए , तो आत्मरक्षा में चुप बैठना भी अन्याय है । जैन श्वेतांबर मूर्तिपूजक संघ के अध्यक्ष मनोहर लाल भंडारी ने भी संतों पर हुए इस तरह के प्रहार को लेकर आक्रोश जताते हुए अपराधियों पर कारवाई की मांग की है । वही तेरापंथ समाज से पंकज कोठारी ने भी संतों की सुरक्षा को लेकर सरकार और समाज से आह्वान किया है । समाजसेवी यशवंत भंडारी ने भी जैन संतों पर हुए इस प्रहार को लेकर आक्रोश जाते हुए कारवाई हेतु निवेदन किया । ज्ञापन का वचन दिगंबर समाज से वीरेंद्र मोदी ने किया । ज्ञापान मे महामहिम राष्ट्रपति से अनुरोध करते हुए, सकल जैन समाज की ओर से निवेदन करते हुए.कहा….1. आचार्य श्री काम कुमार नंदी जी महाराज के हत्यारों के प्रकरण की फास्ट ट्रैक कोर्ट में सुनवाई हो और दोषियों को कठोर से कठोर दंड दिलाया जावे । 2.समस्त जैन संतों के पैदल विहार में पर्याप्त सुरक्षा उपलब्ध करवाई जावे । 3. देश के प्रत्येक राज्य में जैन श्रमण संस्कृति की रक्षा हेतु आयोग का गठन किया जावे । 4. चातुर्मास में विराजित साध्वी जी एवं साधु भगवान की स्थानीय प्रशासन द्वारा सुरक्षा हेतु निरंतर समीक्षा की जावे । उपरोक्त ज्ञापन का वाचन करने के बाद दिगंबर जैन समाज अध्यक्ष/ सचिव श्वेतांबर जैन समाज अध्यक्ष /सचिव , स्थानकवासी जैन समाज अध्यक्ष / सचिव.व तेरापंथ जैन समाज अध्यक्ष/ सचिव के द्वारा एडीएम श्री मुजाल्दे को ज्ञापन प्रेषित किया । इस रैली व ज्ञापन देने के लिए सकल जैन समाज के सैकडो श्रावक श्राविका हाथो में जैन ध्वज लिए हुए ….अहिंसा परमो धर्म के नारे लगाते हुए ..कलेक्ट्रेट कार्यालय पहुंचे थे ।

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