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‘पापा की ही बेकरी… फास्ट फूड का शौक, मम्मी से कहा: दीक्षा लूंगा तो मजाक समझीं’

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‘पापा की ही बेकरी… फास्ट फूड का शौक, मम्मी से कहा: दीक्षा लूंगा तो मजाक समझीं

 रतलाम/सैलाना~~उम्र सिर्फ 12 साल… चेहरा मासूम सा, विचार हम सभी की सोच से बहुत बड़े। हम बात कर रहे हैं, रतलाम के सैलाना के रहने वाले दिव्यांश मोदी की। स्कूल जाने… मस्ती करने की उम्र में दिव्यांश ने दीक्षा लेने का फैसला लिया है। मुंबई में हुए आयोजन में आचार्य श्री विश्वरत्नसागरजी महाराज ने 21 फरवरी 2024 को दीक्षा देने की घोषणा भी कर दी है। दीक्षा भी सैलाना में ही होगी।

बता दें दिव्यांश के पापा की ही बेकरी और आइसक्रीम पार्लर है। दिव्यांश का शौक भी ऐसा कि दुकान पर जाकर जब इच्छा हो मन भर खा लो। ऐसे दिव्यांश ने एकाएक मम्मी के सामने दीक्षा लेने की बात रख दी, मम्मी ने मजाक समझ लिया। पापा ने तो मना ही कर दिया। बहरहाल, अब दिव्यांश दीक्षा ले रहे हैं… पढ़िए, उन्हीं की जुबानी दीक्षा लेने की घोषणा तक का यह सफर…

^मैंने एक साल पहले ही कक्षा 6 पास की है। इसके बाद पढ़ाई रोक दी। क्योंकि मेरा मूड दीक्षा लेने का हो चुका था। तप पहले से करते थे, भगवान से लगाव हुआ, तब पता चला कि संसार में कुछ भी नहीं है। मन बनाया कि संसार की माया से दूर रहना है। इतने लोग दीक्षा लेते हैं, तो मैं क्यों नहीं ले सकता हूं। दीक्षा के लिए सबसे पहले मम्मी को बताया था। मम्मी को कहा कि सांसारिक जीवन में नहीं रहना है। मम्मी ने इसे मजाक ही समझ लिया। जब बताया कि यह मजाक नहीं है तो मम्मी ने पापा से पूछा। पापा ने तो साफ मना ही कर दिया। पापा को मनाया तो परिवार की ना हो गई। सभी को मनाना पड़ा।

मुझे खाने-पीने, घूमने का बहुत शौक है। पापा की बेकरी और आईसक्रीम पार्लर है। हम कभी भी कुछ भी खाते रहते हैं। अभी मोबाइल से दूर हो गया हूं। किसी का फोन आता है तो बात कर लेता हूं। दीक्षा को लेकर किसी भी तरह का कोई डर नहीं है। उल्टा मैं सोच रहा हूं कि 21 फरवरी तक इंतजार कितना लंबा होगा।’( दैनिक भास्कर से सादर साभार)

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