राष्ट्र मे अभाव की स्थिति में सच्चाई और ईमानदारी से व्यापार करें…. सैयदना मुफद्दल सैफुद्दीन।
दाऊदी बोहरा हज़रत अली के आदर्शों को अपनाए।
मेघनगर । दाऊदी बोहरा समाज के पंडित मुस्तफा आरिफ एवं अली असगर बोहरा ने जानकारी देते हुए बताया कि दाऊदी बोहरा समाज का नैसर्गिक चाल, चरित्र और चेहरा सच्चाई और ईमानदारी पर आधारित हैं। उत्पत्ति से लेकर आज तक उनकी गाड़ी कभी पटरी से नहीं उतरी है। जीवन के हर क्षेत्र में चाहे धर्म हो, राष्ट्र हो या समाज हो, बोहरा भाईयो ने अपने धर्म गुरूओ के बताए मार्ग को नहीं छोड़ा, यहीं वजह है कि वे दुनिया में जहां भी है सम्मान और प्रतिष्ठा मे सबसे आगे हैं।
इस वर्ष इस्लामिक कैलेंडर का 1445 वां वर्ष है, और संपूर्ण समाज अपने आध्यात्मिक गुरू सैयदना डाक्टर मुफद्दल सैफुद्दीन के न केवल आध्यात्मिक अपितु सामाजिक, व्यापारिक और चारित्रिक मार्गदर्शन पर चलते हुए गर्व के साथ आगे बढ़ रहा हैं। इस वर्ष सैयदना सैफुद्दीन दुबई मे हज़रत इमाम हुसैन अ.स. की शहादत की वाअज़ फरमा रहें है।
यद्यपि विषय विशुद्ध रूप से हज़रत हुसैन की शहादत का जिक्र है, अगर केवल शहादत का वर्णन हो तो, बमुश्किल एक घंटा पर्याप्त है। परंतु कर्बला की घटना सिर्फ शहादत नहीं थी, अल्लाह और उनके रसूल के द्वारा प्रदत्त उन मूल्यो की रक्षा थी। जो मानव कल्याण के लिए सृष्टि के अंत तक मार्गदर्शन करते रहेंगे।
इन दिनो में सैयदना साहब जहां भी अपना व्याख्यान करते है, वहां अल्लाह द्वारा अपने रसूल मोहम्मद स.अ.व. के माध्यम से भेजे गए मानव कल्याण के मूल्यो की स्थापना मे उनके अनुयाईयों का क्या योगदान रहा, उन पर विस्तृत चर्चा कर दाऊदी बोहरा भाईयों को प्रेरित करते है कि हम उसी रास्ते पर चलकर जीवन यापन कर जिसके लिए हम जाने जाते है।
सबसे अहम बात ये हैं कि जब व्यापार मे शुद्धता, सच्चाई और ईमानदारी की बात आती है, तो आदमी दिल से कह उठता है, “बोहरा व्यापारी की दुकान से खरीदी कर लो।” अहले बेत और आले मोहम्मद के बताए मापदंडो से इस्लाम के अनुयाईयो को अवगत कराना भी इमाम हुसैन की शहादत के ज़िक्र का हिस्सा है। यहीं वो मुल्य है जो धरती पर स्थापित रहें इसी बात के मद्देनजर हज़रत इमाम हुसैन अ.स. ने आततायी यज़ीद की अधीनता स्वीकार नहीं की। उन्होने न केवल इस्लाम के आध्यात्म, सच्चाई और ईमानदारी की स्थापना के लिए अल्लाह के हुक्म का पालन करते हुए शहादत इख़्तियार की। अपितु कुरान और इस्लाम को पुनर्जीवित कर दिया।
सैयदना मुफद्दल सैफुद्दीन की व्याख्यान श्रंखला इन्हीं मूल्यों के इर्द-गिर्द घूमती है, जिससे संपूर्ण विश्व में दाऊदी बोहरा समुदाय के भाई अविचलित होकर सत्य के मार्ग पर चले। सैयदना सैफुद्दीन अपने व्याख्यान मे तकवा यानि अल्लाह से समर्पण के साथ जुड़ने की बात करते है। उनका मानना है कि तकवा का रास्ता ही हमें अल्लाह से जोड़कर कयामत के दिन हमें जन्नत का अधिकारी बनाकर अल्लाह के रसूल की शफक्कत और उनके वली हज़रत अली अ.स. की करामत से सरफराज करेगा।
सैयदना मुफद्दल सैफुद्दीन अपने अनुयाईयों को प्रेरित करते हुए ताकीद करते है कि ज्यादा और त्वरित लाभ कमाने की लालच मे मिलावट का सहारा न ले, सच बात बताकर सामान बेचे। इससे आपकी विश्वसनीयता स्थापित होगी, और कालांतर मे अल्लाह की रहमत और बरकत के साथ चहुंमुखी प्रगति ऐसी होगी जिसका आप अनुमान नहीं लगा सकते।
अपनी बात को सत्यापित करने के लिए सैयदना मुफद्दल सैफुद्दीन मौलाए काएनात हज़रत अली के तौर तरीके के अनेक उदाहरण पेश करते है, जो आपको शुन्य से प्रचुरता और आत्म निर्भरता की तरफ ले जाता है। हमारा व्यापार खजूर के वृक्ष के समान हो, जिसकी जड़े ज़मीन पर होती है, परंतु ऊंचाई आसमान को छूती है। हम लाभ कमाएं जड़ का ध्यान रखते हुए, और आसमान छूएं अल्लाह की ओर रुख करते हुए।
सबसे महत्वपूर्ण बात अपने उद्बोधन मे अनुयाईयों को ताकीद करते हुए सैयदना मुफद्दल सैफुद्दीन कहते है जब राष्ट्र पर संकट हो विशेषकर वस्तुओं के अभाव का संकट तब सच्चाई और ईमानदारी से व्यापार करे और एक मजबूत और अडिग स्तंभ के रूप मे देश के साथ खड़े रहें।
सैयदना मुफद्दल सैफुद्दीन ने अपनी अनुयाईयो को आश्वस्त किया कहा कि अपना रास्ता जो ईमान का रास्ता है। जो हज़रत इमाम हुसैन की शहादत और अली शेरे ख़ुदा की नसीहत का मंतव्य है, हरगिज न छोड़े। इतिहास उठाकर देखे इन्ही रास्तो पर चलकर भारी संकट के बावजूद बोहरा भाई उभरे है, और आज भी विश्वसनीय है। खारी संकट उसका सबसे बड़ा उदाहरण है।