RATLAM

संत शिरोमणि श्री रविदास जी समरसता यात्रा का रतलाम में सर्व समाज द्वारा भव्य स्वागत संतों की वाणी से लहराएगा देश का परचम – जिला प्रभारी पाण्डेय शहरवासियों ने समरसता यात्रा को साकार किया – विधायक काश्यप

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संत शिरोमणि श्री रविदास जी समरसता यात्रा का रतलाम में सर्व समाज द्वारा भव्य स्वागत
संतों की वाणी से लहराएगा देश का परचम – जिला प्रभारी पाण्डेय
शहरवासियों ने समरसता यात्रा को साकार किया – विधायक काश्यप

रतलाम, । संत शिरोमणि श्री रविदास मंदिर निर्माण समरसता यात्रा ने रतलाम में प्रवेश के बाद नगर भ्रमण किया। मार्ग में जगह-जगह स्वागत मंच बनाकर पुष्पवर्षा द्वारा सर्वसमाजों ने यात्रा का स्वागत किया। नगर के प्रमुख मार्गों से होकर यह यात्रा करमदी नाका स्थित संत रविदास चौक के समीप सभा में परिवर्तित हो गई। सभा को संबोधित करते हुए जिला भाजपा प्रभारी प्रदीप पाण्डेय ने कहा कि भारत संतों का देश है और संतों की वाणी से एक बार फिर देश का परचम लहराएगा। विधायक चेतन्य काश्यप ने कहा कि समरसता यात्रा को शहरवासियों ने आत्मीय स्वागत कर साकार किया है।

समरसता यात्रा अलकापुरी चौराहा से आरंभ होकर सैलाना बस स्टैण्ड, शहर सराय, धान मण्डी, चौमुखीपुल, घांस बाजार, कलाईगर रोड़ होते हुए संत रविदास चौक पहुंची। मार्ग में यात्रा से पुरा वातावरण धर्ममय रहा। यात्रा के आगे संत शिरोमणि जी का प्रतीक वाहन चल रहा था जबकि पीछे रथों में धर्मगुरू सवार रहे। यात्रा का प्रमुख चौराहों एवं मार्गों पर जगह-जगह धार्मिक, सामाजिक एवं अन्य संगठनों ने स्वागत कर समरसता का परिचय दिया।
यात्रा के अंतिम पड़ाव के रूप में आयोजित सभा के आरंभ में संतों का स्वागत किया गया। इस मौके पर रतलाम एवं आस-पास के क्षेत्रों से लाई गई मिट्टी एवं जल भेंट की गई। सभा को संबोधित करते हुए जिला प्रभारी श्री पाण्डेय ने कहा कि इस यात्रा का उद्देश्य जन जागरण करना है। इसके माध्यम से महापुरूषों को, मिट्टी को और नदियों को याद करना ही समरसता का भाव है। विधायक श्री काश्यप ने कहा कि सागर में सरकार द्वारा सौ करोड़ से अधिक लागत का मंदिर निर्माण किया जा रहा है, जिसके लिए जल एवं मिट्टी संग्रहण अभियान के माध्यम से हर व्यक्ति की सहभागिता सुनिश्चित की जा रही है। रविदास जी का जीवन प्रेरणादायी रहा है। उन्होंने विपरीत परिस्थितियों में समाज को एकजुट करने का प्रयास किया, जो सदैव शाश्वत रहेगा। श्री काश्यप ने इस मौके पर मुख्यमंत्री श्री शिवराजसिंह चौहान के संदेश का वाचन भी किया। भाजपा जिलाध्यक्ष श्री राजेन्द्र सिंह लुनेरा ने जिले में यात्रा के प्रवास की जानकारी दी। महापौर प्रहलाद पटेल ने कहा कि रविदास जी ने पूरे समाज को जागृत करने का कार्य किया है और शहरवासी समरसता का परिचय देकर उनके संदेशों को सार्थक कर रहे है।

इस मौके पर जन अभियान परिषद द्वारा संत श्री के जीवन पर आधारित विद्यालयीन परीक्षा के विजेताओं को पुरस्कृत किया गया। जिला संयोजक रत्नेश विजयवर्गीय ने परीक्षा की जानकारी दी। इस दौरान संत स्वामी श्री कृष्णानंद जी, स्वामी श्री स्वरूपानंद जी, स्वामी श्री सिद्धानंदजी, पंडित संजय दवे, सिख समाज से ज्ञानी मानसिंह जी, पंडित श्री दिनेश व्यास आदि संत गण मंचासीन रहे। कार्यक्रम में नगर निगम अध्यक्ष मनीषा शर्मा, जिला भाजपा महामंत्री प्रदीप उपाध्याय, निर्मल कटारिया, यात्रा जिला प्रभारी बलवंत भाटी, सह प्रभारी ओमप्रकाश बोरिया, विधानसभा प्रभारी मनोहर पोरवाल, सह प्रभारी प्रेम उपाध्याय, प्रदेश कार्यसमिति सदस्य निमिष व्यास, जिला पदाधिकारी सुनील सारस्वत, दशरथ पाटीदार, अरूण त्रिपाठी, निलेश बाफना, राकेश नागर, निलेश गांधी, मयूर पुरोहित, आदित्य डागा, विनोद यादव, कृष्णकुमार सोनी सहित पार्टी, मोर्चा, प्रकोष्ठ के पदाधिकारी एवं कार्यकर्तागण उपस्थित रहे। कार्यक्रम का संचालन जिला कार्यालय मंत्री मनोज शर्मा ने किया। आभार जन अभियान परिषद के शैलेंद्र सिंह सोलंकी ने माना।
संतों ने सदैव समाज को जोड़ने का कार्य किया
सभा में स्वामी कृष्णानंद जी ने कहा कि रविदास जी का जन्म वाराणसी में हुआ था, स्वामी श्री रामानंद जी ने उनको मंत्र दीक्षा दी और कहा था कि वे आगे चल कर पूरे राष्ट्र को नई दिशा देंगे, उसके बाद संत श्री ने अपने दोहों और विचारो से समाज को नई दिशा दी। संतो की आज समाज को आवश्यकता है। संत जब समाज में आते है तो वह जोड़ने का कार्य करते है। पंडित दिनेश व्यास ने इस मौके पर कहा कि संसार के अंदर कोई जाति है तो वो सिर्फ मानव की जाति है, हिंदू विचार धारा है, भारत में कोई जन्म लेता है, तो वह हिंदू हो जाता है। जैसे जापान में जापानी, चाइना में चीनी और हिन्दुस्तान में हिंदू। हमारे वेदों ने हमको संदेश दिया है कि पूरा विश्व हमारा परिवार है, यदि आप अपने पड़ोसी से प्रेम करोगे तो आप को कहीं तीर्थ यात्रा करने की कोई जरूरत नहीं। रविदास जी ने जो संदेश दिया उसे फैलाने के लिए समरसता के साथ घर से निकलना पड़ेगा तभी ऐसे आयोजन की सार्थकता होगी। 

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