थांदला (वत्सल आचार्य) आचार्यश्री उमेशमुनिजी के सुशिष्य प्रवर्तकश्री जिनेंद्रमुनिजी की आज्ञानुवर्ती साध्वीश्री निखिलशीलाजी, दिव्यशीलाजी, प्रियशीलाजी, दीप्तिजी म. सा. ठाणा-4 के सानिध्य में विभिन्न तपस्याओं की झड़ी लग रही हैं। इस प्रसंग पर तपस्या के क्रम में केवल अचित जल के आधार पर निराहार रहते हुए सपना प्रदीप व्होरा की 1 अगस्त मंगलवार को 31 उपवास मासक्षमण की कठोर तपस्या पूर्ण हो रही हैं। सपना व्होरा पूर्व में दो मासक्षमण, पाच अट्ठाई व कई मर्तबा तेले तप आदि अनेक तपस्या कर चुकी है। इस दिन तपस्या पूर्ण होने पर निवास स्थान से जयकार यात्रा विभिन्न मार्गो से पौषध भवन पहुंचेगी वहा साध्वी मंडल के पावन सानिध्य में 2 अगस्त बुधवार को तप का बहुमान तप की बोली लगाकर किया जाएगा। इसमें जो भी श्रावक या श्राविका तप की सर्वाधिक बोली लेगा। वह श्रीवर्धमान स्थानकवासी जैन श्रावक संघ की ओर से शॉल ओढ़ाकर, माला पहनाकर तपस्वी सपना प्रदीप व्होरा का बहुमान करेगा। श्री वर्धमान स्थानकवासी जैन श्रावक संघ की ओर से अभिनंदन पत्र भेंट किया जाएगा। वहीं विभिन्न धार्मिक व सामाजिक संस्थाएं भी बहुमान करेगी। प्रातः 9 से 10 बजे तक व्याख्यान होंगे। पश्चात तपस्वी का बहुमान समारोह होगा। प्रातः 11 : 10 बजे तपस्वी का पारणा होगा। चौबीसी का आयोजन तपस्या के उपलक्ष व्होरा परिवार द्वारा चोविसी का आयोजन एवम प्रवचन प्रभावना वितरित की जावेगी।