एमसीएच अस्पताल में विश्व स्तनपान सप्ताह का शुभारंभ
रतलाम 01 अगस्त 2023/ मातृ एवं शिशु अस्पताल रतलाम में विश्व स्तनपान सप्ताह (1 से 7 अगस्त) के संबंध में जागरूकता गतिविधियॉ आयोजित की गई। सीएमएचओडॉ. आंनद चंदेलकर ने बताया कि इस वर्ष विश्व स्तनपान सप्ताह की थीम ‘’ Enabling breastfeeding : making a difference for working parents’ है । स्तनपान मॉ और बच्चे दोनों का अधिकार है । एक माता को दोहरे दायित्वों का संवहन करना होता है जिसके चलते शिशु का संपूर्ण ध्यान रखना उसके लिए चुनौतीपूर्ण हो जाता है।
रतलाम के एमसीएच अस्पताल में प्रभारी सिविल सर्जन एवं शिशु रोग विशेषज्ञ डॉ. ए.पी. सिंह, एमसीएच प्रभारी एवं शिशु रोग विशेषज्ञ डॉ. आर.सी. डामोर, रोगी कल्याण समिति सदस्य श्री गोविंद काकानी, पार्षद श्रीमती हिना उत्सव मेहता, एसएनसीयू प्रभारी एवं शिशु रोग विशेषज्ञ डॉ. नावेद कुरेशी तथा नर्सिंग ऑफिसर की उपस्थिति में अस्पताल में भर्ती प्रसूताओं को स्तनपान कराने के लाभों की जानकारी ‘काउंसिलिंग ऑवर’ मनाकर दी गई। इस अवसर पर डॉ. एपी सिंह ने बताया कि शिशु के जन्म के एक घंटे के भीतर स्तनपान कराना अनिवार्य है। बच्चे के छ: माह का होने तक केवल स्तनपान कराना चाहिए। स्तनपान के अलावा पानी, चाय, बाहर का दूध, घुटटी, शहद कुछ भी नहीं देना चाहिए। शिशु जन्म के छ: माह बाद पूरक पोषाहार देना प्रारंभ करना चाहिए। इसकी शुरूआत दाल के पानी, चावल का पानी, गाढा दलिया, मसला हुआ केला आदि से करना चाहिए । शिशु के 2 वर्ष का होने तक अथवा जब तक शिशु चाहे स्तनपान जारी रखना चाहिए।
डॉ. आर. सी. डामोर ने बताया कि स्तनपान बच्चे के लिए पहला टीका होने के साथ अमृत समान है । इससे बच्चे में रोग प्रतिरोधक क्षमता का विकास होता है तथा बच्चे और माता के मध्य अटूट लगाव स्थापित होता है । माता के दूध में बच्चे के लिए आवश्यक समस्त प्रकार के पोषक तत्व विद्यमान होते है तथा पानी सहित सभी तत्वों की पूर्ति के लिए मॉ का पहला गाढा दूध पर्याप्त होता है । श्री गोविंद काकानी ने थेलेसीमिया और सिकल सेल अनीमिया के बारे में जानकारी दी और शादी के पहले वर वधु की रक्त की जॉच कराने की बात कही ।
पार्षद श्रीमती हिना मेहता ने कहा कि उचित स्तनपान व्यवहार अपनाने से कुपोषण में उल्लेखनीय कमी लाई जा सकती है । प्रसव के 1 घंटे के भीतर प्रसव कराने वाली धात्री माताओं को प्रशस्ति पत्र प्रदान किए गए । इस अवसर पर कार्यक्रम में डॉ. सोनू कुशवाह शिशु रोग विशेषज्ञ, श्री चेतन पांडे एवं नर्सिंग ऑफिसर तथा बडी संख्या में धात्री माताऐं उपस्थित रही।