झाबुआ

अमृत सरोवर तालाब से किसानो की आय में हुई वृद्धि

Published

on

खुशियों की दास्तान

अमृत सरोवर तालाब अंतर्गत निस्तार तालाब निर्माण रतनजोत वाली नाकी पिपलीपाडा बेकल्दा जल संरचना के संबंध में उपयोगकर्ता समूह के सदस्य बादर मडिया बड़े हर्ष से बताते है कि अमृत सरोवर का तालाब जब से बना है क्षेत्र में किसानों की बाछे खिल गयी है। यहां के किसानों को अमृत सरोवर बनने के पूर्व सिंचाई के लिए वर्षा ऋतु पर निर्भर रहना पड़ता था, किंतु जब से अमृत सरोवर बना है क्षेत्र के किसानों की जमीन सिंचित होने के साथ - साथ भूजल स्तर में भी सुधार आया है और मतस्य उत्पादन हेतु शासन द्वारा मछली के बीज डालने के बाद से समूह को अतिरिक्त आय में वृद्धि होने लगी है। समूह के किसान नानुराम तेजा, दिनेश दल्ला एवं केगु तेजा बताते है कि अमृत सरोवर बनने के पूर्व गेहूँ की फसल में तीन बार पानी चलाना पड़ता है किंतु तीसरी बार पानी कम उपलब्ध होने के कारण गेहूँ पतला पड जाता था, जिससे उत्पादन आधार रह जाता था। तालाब बनने के बाद गेहूँ में सिचाई हेतु पर्याप्त पानी उपलब्ध होने से गेहूं की उपज एवं गुणवत्ता में वृद्धि हुई है। जिससे किसानों की आय दुगनी हो रही है एवं किसानों में हर्ष का महौल है। किसानो द्वारा बताया गया कि जल एकत्रित होने से 31.2 जल संरचना की सिचाई क्षमता में वृद्धि हुई है, 35 परिवारो को पेयजल प्राप्त हो रहा है, भूजल स्तर में भी सुधार हुआ है, जिससे किसानो के कुए एवं ट्यूबवेलो मे अब वर्ष भर पानी रहता है।

Trending