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मुस्‍कान ग्रुप ने 27 बार बनाया ग्रीन कारिडोर, 150 से अधिक लोगों को मिला नया जीवन

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मुस्‍कान ग्रुप ने 27 बार बनाया ग्रीन कारिडोर, 150 से अधिक लोगों को मिला नया जीवन

रतलाम में अंगदान को लेकर अलग-अलग कार्यक्रम का आयोजन किया गया। जिसमें अंगदान को लेकर लोगों को प्रेरित किया गया

 रतलाम। रोटरी क्लब द्वारा रामकृष्ण परमहंस आश्रम पर कार्यशाला आयोजित की गई। जहां मुस्कान समूह के सेवादार संदीपन आर्य ने बताया कि इंदौर में पिछले छह वर्षों में 7500 कार्निया नेत्रदान और 375 त्वचा दान किया गया है। वहीं दो वर्षो में 27 बार ग्रीन कारिडोर की सहायता से ब्रेन डेड रोगियों के अंगदान करवा कर 150 से अधिक लोगों को नया जीवन मिला है।

जीवन का श्रेष्ठतम दान है अंगदान

लायंस आफ रतलाम द्वारा लायंस हाल में आयोजित अंगदान शिविर को संबोधित करते हुए मुस्कान ग्रुप के सेवादार संदीपन आर्य ने कहा कि मानव के अंगों का दान दूसरे मानव के प्राणों की रक्षा करने के लिए करना अत्यंत पवित्र और पुण्य सेवा का कार्य है। इसके लिए शासन के साथ-साथ सामाजिक संस्थाओं को भी आगे आना होगा। उन्होंने मनुष्य के जीवित रहते हुए और मृत्यु के बाद दिए जाने वाले अंगदानों के संबंध में जानकारियां दी।

अंगदान पर दिया जोर

कार्यक्रम संयोजक प्रोजेक्ट प्रभारी डा. सुलोचना शर्मा ने कहा कि सेवा कार्यों में हमारी पहली प्राथमिकता मनुष्य के प्राणों को बचाने की रहती हैं। इसके लिए हमें अंगदान जैसे महत्वपूर्ण अभियान को एक आंदोलन के रूप में चलाना होगा। गोविंद काकानी ने भी रक्तदान से संबंधित आवश्यक जानकारियां देते हुए कहा कि रक्तदान से किसी प्रकार की कमजोरी नहीं आती हैं।

कहानियों से बताया अंगदान का महत्व

वहीं सृजन महाविद्यालय में आयोजित अंगदान जागरूक कार्यक्रम में स्वामी आत्मानंद ने कहा कि समय-समय पर हिंदू ग्रंथो के माध्यमों से यह जानकारी प्राप्त होती रही है कि अंगदान भारतीय संस्कृति का एक हिस्सा रहा है। ऐसा एक किस्सा महान ऋषि दधिचि का शास्त्रों से मालूम होता है, जिसमें उन्होंने अपनी हड्डियों का दान देवताओं को शस्त्र बनाने के लिए किया, जिससे असुरों का नाश हो सके।(दैनिक नईदुनिया से साभार )

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