समय तो सबके पास है, लेकिन उस समय में क्या करना है यह सबको नहीं पता है। जीवन के प्लाट में मर्यादा की बाउंड्री रखना जरूरी है। नदी को किनारे का, सुई को धागे का, पैसे को पॉकेट का बंधन है। ठीक ऐसे ही बहू को सास का, पुत्र को पिता का, पत्नी को पति का और शिष्य को गुरु की मर्यादा होना चाहिए। आज अपराध बढ़ने का कारण भी मर्यादा का बंधन खत्म होना है।
2500 से अधिक युवा शिविर में हुए शामिल
श्री देवसूर तपागच्छ चारथुई जैन श्रीसंघ गुजराती उपाश्रय, श्री ऋषभदेव केशरीमल जैन श्वेताम्बर तीर्थ पेढ़ी के तत्वावधान में आयोजित चौथे युवा शिविर में 2500 से अधिक युवा एवं श्रावक-श्राविकाएं उपस्थित रहे। शिविर के लाभार्थी विधायक चेतन्य काश्यप एवं परिवार रहा। शिविर में मुंबई बोरीवली के संगीतकार जैनम ने सुमधुर भजनों की प्रस्तुतियां दी गई।