झाबुआ – भारत के वयस्क अधिवासियों के लिए भारत निर्वाचन आयोग द्वारा जारी एक पहचान दस्तावेज है, जो 18 वर्ष की आयु पूरा किये व्यक्तियो को दिया जाता है , मुख्य रूप से भारतीय मतदाता पहचान पत्र देश के नगरपालिका, राज्य और राष्ट्रीय चुनाव में अपना मत डालते समय भारतीय नागरिकों के लिए एक पहचान प्रमाण के रूप में कार्य करता है । यह अन्य उद्देश्यों जैसे मोबाइल फोन सिम कार्ड खरीदने या पासपोर्ट के लिए आवेदन करने के लिए सामान्य पहचान, पता और आयु प्रमाण के रूप में भी कार्य करता है । यह भूमि या वायु द्वारा नेपाल और भूटान की यात्रा करने के लिए एक यात्रा दस्तावेज के रूप में भी कार्य करता है । इसे चुनावी फोटो पहचान पत्र (EPIC) के रूप में भी जाना जाता है । इसे मुख्य चुनाव आयुक्त टीएन शेषन के कार्यकाल के दौरान पहली बार 1993 में पेश किया गया था । लेकिन लेकिन झाबुआ की बालिका ऐंजल और अनिका मतदाता पहचान पत्र के आवेदन के 6 माह बाद भी प्राप्त नहीं होने पर निराश है ।
जानकारी अनुसार झाबुआ की बालिका ऐंजल गादीया और अनिका डागा ने अपने 18 वर्ष की आयु पूर्ण होने पर मतदाता पहचान पत्र बनाने हेतु नियमानुसार विधानसभा क्षेत्र क्रमांक 193 वार्ड नंबर 14 बूथ क्र 101 के बीएलओ से संपर्क कर सारी कागजी खानापूर्ति पूर्ण कर आनलाईन आवेदन किया । बीएलओ द्वारा संपूर्ण वेरिफिकेशन करने के बाद आवेदन को ओके कर दिया गया । नियमानुसार सभी कार्य खानापूर्ति होने के बाद संभवतः एक माह पश्चात मतदाता परिचय पत्र बन जाता है तथा डाक विभाग के माध्यम से इसे वितरित किया जाता है लेकिन झाबुआ की बालिका ऐंजल गादिया और अनिका डागा द्वारा संभवत नवंबर / दिसंबर 2022 माह में मतदाता परिचय पत्र हेतु आवेदन किया था । लेकिन आज करीब 6 माह से अधिक समय बीत जाने के बाद भी ऐंजल और अनिका अपना वोटर आईडी कार्ड ढूंढ रही है हां यह जरूर है कि उनके EPIC नंबर जनरेट हो गए हैं । वही EPIC कार्ड नं जनरेट होने के बाद बाजार से इसे प्रिंट किया जा सकता है लेकिन वहां पर करीब इस तरह के कार्ड प्रिंटिंग के लिए ₹200 लिए जाते हैं । जबकि निर्वाचन आयोग द्वारा इसकी प्रिंटिंग और वितरण को लेकर राशि दी जा रही है । वही भारत निर्वाचन आयोग द्वारा बनाया गया यह कार्ड अब तक दोनों ही विद्यार्थियों को प्राप्त नहीं हुए है । जब हमने जिला मुख्यालय के निर्वाचन विभाग में इन दोनों बालिकाओं के वोटर आईडी कार्ड को लेकर जानकारी प्राप्त करने प्रयास किया ,तो विभाग जवाब देने में असफल रहा । वहीं हमने डाक विभाग में भी वोटर आईडी कार्ड वितरण को लेकर जानकारी चाही ,तो डाक विभाग के कर्मचारियों ने बताया कि कोई भी वोटर आईडी कार्ड वितरण हेतु पेंडिंग नहीं है । जब हमने EPIC कार्ड अनुसार बारकोड को ट्रैक करने का प्रयास भी किया, तो बारकोड भी डिटेक्ट नहीं हो पाया । प्रश्न यह है कि क्या यह कार्ड प्रिंट होकर नहीं आया है या फिर डाक विभाग द्वारा इसे वितरित नहीं किया जा रहा है कहीं ना कहीं प्रशासकीय लापरवाही के कारण आज की युवा पीढ़ी EPIC कार्ड के आवेदन के बाद नहीं मिलने से निराश है । यह तो झाबुआ जिला मुख्यालय की स्थिति है यदि इस तरह की मतदाता परिचय पत्र को लेकर ग्रामीण अंचलों में क्या स्थिति होगी यह विचारनीय.हैं । शासन प्रशासन को चाहिए कि इस महत्वपूर्ण दस्तावेज वोटर आईडी कार्ड की प्रिंटिंग और वितरण को लेकर सजता से कार्य किया जाए, ताकि ऐंजल और अनिका जैसी बालिकाएं अपने वोटर आईडी कार्ड के लिए भटकती ना रहे…….?