पानी का वेग अभी अधिक है, ऐसे में खरीदारी या अन्य कार्य के लिए ग्रामीण 35 से 40 किलोमीटर घूमकर आ रहे हैं, लेकिन सरकारी कार्मिकों, मजदूरों व अन्य नौकरीपेशा लोगों के लिए नाव का जोखिम भरा सफर मजबूरी बना हुआ है। हाट बाजार में खरीदारी, कृषि सामान या अन्य कार्य के लिए ग्रामीण केलकच्छ और माताजी गांव से आते हैं, जो करीब 40 किलोमीटर लम्बा है। ग्रामीणों के अनुसार इसमें समय के साथ पैसों की भी बर्बादी होती है
रतलाम. माही नदी के दूसरी पार रहने वाले करीब दो दर्जन गांवों के हजारों ग्रामीणों का 15 किलोमीटर दूर तहसील व जनपद मुख्यालय बाजना आना इन दिनों दुश्वार हो गया है। बीच में करीब एक किलोमीटर तक नदी है। पानी का वेग अभी अधिक है, ऐसे में खरीदारी या अन्य कार्य के लिए ग्रामीण 35 से 40 किलोमीटर घूमकर आ रहे हैं, लेकिन सरकारी कार्मिकों, मजदूरों व अन्य नौकरीपेशा लोगों के लिए नाव का जोखिम भरा सफर मजबूरी बना हुआ है। कई लोग तो नाव में बाइक रखकर तट पर ला रहे हैं और शाम को पुन: ले जाते हैं। गांव चन्द्रगढ़झोली, नलपाडा, हरियाल खेड़ा, झामलापाडा, नेयाबाडी, चन्द्रगढ़ माल, रायपाडा, सेरा, गुढभेली, सालरा पाड़ा, रायखोड़ा समेत करीब 25 गांवों, मजरों के लोगों को माही नदी पर पुल का कई मर्तबा आश्वासन दिया लेकिन अभी तक निर्माण नहीं किया। करीब 13 हजार लोग इससे प्रभावित हैं।