झाबुआ

समग्र सृष्टि के आधार शिव – आचार्य जैमिन शुक्ल*

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“कॉउ नही सिव समान प्रिय मोरे
असि परतीति तबहु जनी भोरे “

थांदला,,,(वत्सल आचार्य)

शकल मनोरथ सिद्ध करने वाली शिव कथा मोक्ष प्रदायक एवं मृत्यु रूपी भय को नाश करने वाली है, अधिक श्रावण मास के पावन पर्व सावरिया सेठ मंदिर थांदला मे चल रही शिव पुराण की कथा मे कथा व्यास आचार्य जैमिन शुक्ल द्वारा द्वितीय दिवस सांवरिया सेठ मंदिर पर चल रही है शिव पुराण कथा मे शिव तत्व का उपदेश देते हुए बताया की शिव को पाने के लिए शिव कथा का श्रवण करे एवं अपने मन को शुद्ध कर शिव चरित्र का श्रवण करे। कथा श्रवण कर वाणी द्वारा शिव का कीर्तन करे तत्पश्चात शिव का मनन करे । अगर आप यह करने समर्थ नही है तो शिवलिंग की पूजा करे। कथा के चलते आचार्यजी ने शिवलिंग की पूजा का महत्व एवं पूजा विधि का वर्णन किया। सभी शिव भक्तो ने आदर भाव से कथा सुन कर नाचते हुए कीर्तन का लाभ लिया। नित्य क्रम की तरह मंगलाचरण एवं कीर्तन के साथ हुआ द्वितीय दिवस की कथा का प्रारंभ, ब्रह्मा जी द्वारा सृष्टि का निर्माण एवं ब्रह्मा जी के भवरो से रुद्र की उत्पति तथा रुद्र ने जब भूतो की रचना करने लगे तब ब्रह्मा द्वारा उनको रोक लार मनु एवं शतरूपा की उत्पत्ति की तत्पश्चात मैथुनी सृष्टि की उत्पति की कथा एवं सृष्टि का वर्णन वगेरा कथा का वर्णन किया गया, शिव भक्तो द्वारा भव्य आयोजन सहित शिव कथा मे अनेक मार्मिक बाते आचार्य जैमिन शुक्ल द्वारा बताई गई, साथ मे ही कथा व्यास द्वारा सुंदर शिव कथा का रस पान कराया जा रहा है, शिव समान कोई दाता नही विपद् वीदारण हार लजीया मोरी राखियो शिव नंदी के सवार इस प्रकार अनेक उदाहरण द्वारा शिव महिमा का गान करने के साथ ही संगीत के साथ सभी शिव चरित्र कथा का पान करते है।।

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