थांदला (वत्सल आचार्य) आचार्यश्री उमेशमुनिजी के सुशिष्य प्रवर्तकश्री जिनेंद्रमुनिजी की आज्ञानुवर्ती साध्वीश्री निखिलशीलाजी, दिव्यशीलाजी, प्रियशीलाजी, दीप्तिजी ठाणा-4 के सानिध्य में विभिन्न तपस्याओं की झड़ी लग रही हैं। इस प्रसंग पर तपस्या के क्रम में तपस्वी दीपा गौरव शाहजी की 44 दिवसीय सिद्धि तप की कठोर तपस्या 13 अगस्त रविवार को पूर्ण हो रही है। तपस्वी दीपा गौरव शाहजी पूर्व में वर्ष 2020 में 11 उपवास, 2021 मे धर्मचक्र और 2022 में 31 उपवास मासक्षमण की दीर्घ तपस्या व कई बार तेले तप आदि अनेक तपस्या कर चुकी है।
तपस्विनी का होगा बहुमान
साध्वी मंडल के पावन सानिध्य में तपस्विनी दीपा शाहजी का बहुमान 14 अगस्त सोमवार को धर्मसभा में तप की बोली लगाकर किया जाएगा। इसमें जो भी श्रावक या श्राविका तप की सर्वाधिक बोली लेगा। वह श्री वर्धमान स्थानकवासी जैन श्रावक संघ की ओर से शॉल ओढ़ाकर, माला पहनाकर तपस्विनी का बहुमान करेगा। पश्चात तपस्विनी का पारणा होगा। रविवार को दोपहर में तपस्वी दीपा शाहजी व अन्य तप आराधकों की तपस्या के अनुमोदनार्थ पौषध भवन पर सुजानमल गेंदालालजी शाहजी परिवार द्वारा चौवीसी का आयोजन रखा गया है।