सफलता की कहानी धर्मराज पिता जगन्नाथ ग्राम रायपुरिया विकासखण्ड पेटलावद का निवासी है। धर्मराज एक बेरोजगार व्यक्ति थे एवं कृषि में भी ज्यादा मन नहीं लगता था। धर्मराज ने पशुपालन विभाग में संपर्क किया वहां उन्हें पशु चिकित्सा सहायक शल्यज्ञ डॉ. दिलीप निनामा ने आचार्य विद्या सागर योजना के बारे में धर्मराज को जानकारी दी फिर उन्होंने योजना के लिए आवेदन किया। धर्मराज को इस योजना से 5 शंकर गाय के लिए अनुदान राशि रूपए 95 हजार 500 एवं शेष राशि बैंक ऋण मिला कर 05 शंकर गाय राजस्थान से खरीदी। इन गायों से धर्मराज के घर प्रतिदिन औसतन 80 ली. दुग्ध उत्पादन हो रहा है, जिसे धर्मराज सॉची डेयरी पर 25 रूपये प्रति ली. के मान से बेचते है। इस प्रकार दूध विक्रय से प्रतिमाह लगभग 60 हजार रूपए की आमदनी प्राप्त होती है जिसमे से 40,000 रूपए पशुआहार तथा बैंक किस्त पर खर्च हो जाता है। इस प्रकार योजना से धर्मराज को शु़द्ध आय 20 हजार रूपए प्रतिमाह प्राप्त होती है। जिससे धर्मराज की आर्थिक स्थिति में सुधार आया है। योजना का लाभ लेकर वे बहुत प्रसन्न है।