झाबुआ

*संवर्धिनी चिंतन भारतीय स्त्री का* कार्यक्रम आयोजित

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संवर्धिनी चिंतन भारतीय स्त्री का* कार्यक्रम आयोजित  

Jhabua / भारत सदैव से विश्वगुरू के रूप में जाना जाता  रहा है, इसका श्रेय यहां की पारिवारिक व्यवस्था को जाता है जो आज भी विश्व की सर्वश्रेष्ठ पारिवारिक व्यवस्था है। भारतीय सभ्यता में स्त्री को जो अनिवार्य स्थान दिया गया है उसका दूसरा कोई उदाहरण विश्व की किसी भी सभ्यता में नही दिखाई देता। विश्व की अनेक सभ्यताओं में जहां स्त्री को भोग विलास की वस्तु मात्र समझा जाता है वही हमारी सभ्यता में स्त्री को देवी का सर्वोच्च स्थान प्राप्त है। ईश्वर प्रदत्त भावुकता के कारण नारी त्याग एवं बलिदान के लिए सदैव सहज प्रवृत्त रहती है, इनकी कहानियों से हमारा इतिहास भरा पड़ा है। वर्तमान में भारत को विश्व में प्राप्त महत्वपूर्ण स्थान से हटाने के ध्येय से हमारी पारिवारिक व्यवस्था को तहस नहस करने के लिए भारतीय स्त्री के बारे में षड्यंत्र पूर्वक  कई भ्रामक विचार फैलाए जा रहे है, जिसके दुष्परिणाम समाज में व्याप्त विभिन्न बुराइयों के रूप में सामने आ रहे है। इन्ही सब भ्रांतियों को दूर कर स्त्री को समाज में उसका उचित स्थान प्राप्त हो ताकि वह राष्ट्र निर्माण में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका का निर्वहन कर सके, इस उद्वेश्य को लेकर  श्री घनश्याम जी व्यास ट्रस्ट समिति के तत्वावधान में रविवार को झाबुआ के केशव इंटरनेशनल स्कूल के सभागार में *संवर्धिनी चिंतन भारतीय स्त्री का* कार्यक्रम आयोजित किया जा रहा है। इस कार्यक्रम में सम्पूर्ण जिले के विभिन्न स्थानों यथा पेटलावद, थांदला, मेघनगर, रामा, रंभापुर, पारा, कालीदेवी,पिटोल, रानापुर आदि से लगभग ५०० महिलाए सहभागिता करेगी। दिन भर चलने वाला यह कार्यक्रम कई मामलो में अपने आप में अनूठा होगा, मुख्य रूप से इस कार्यक्रम में उद्बोधन के स्थान पर सामूहिक चिंतन को महत्व दिया जा रहा है जिसके चलते कार्यक्रम विभिन्न चिंतन सत्रों में बटा होगा जिसमे समसामयिक तथा ज्वलंत मुद्दों पर परिचर्चा का आयोजन होगा। श्री घनश्याम जी ट्रस्ट समिति की श्रीमति किरण शर्मा ने बताया की कार्यक्रम को सफल बनाने के लिए अर्चना सिसोदिया, अंजू शर्मा, सारिका निरंजनी, शैलू बाबेल, वंदना नायर, अंबिका टवली, कंचन चौहान,  वंदना जोशी, प्रवीणा माथुर, कीर्ति गोड, शैलु जैन, ऋतु सोडाणी, सीमा शर्मा, लता देवल, अपेक्षा उपाध्याय, नेहा मेहता सहित अनेकोनेक बहनों का सहयोग प्राप्त हो रहा है।

 

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