झाबुआ

है नमन उनको जो देश के खातिर बलिदानी हो गए, देश की मिट्टी के लिए मिटकर आसमानी हो गए ।

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वीरेंद्र सिंह राठौड़ की रिपोर्ट………

आज़ाद के ऊपर नृत्य नाटिक ने रोंगटे खड़े किए, आज़ाद चौक से शहीद स्मारक तक निकाला मशाल जुलूस,लोगों ने याद किया अमर शहीद चंद्रशेखर आज़ाद को ।……………….

झाबुआ- अमर शहीद चंद्रशेखर आज़ाद के शहादत दिवस पर संस्था लोकरंग और राष्ट्र जागरण मंच ने एक शाम आज़ाद के नाम कार्यक्रम का आयोजन स्थानीय आज़ाद चौक पर किया था ।

लोकरंग के कलाकारों  आज़ाद के जीवन के ऊपर नृत्य नाटिक की बेहतरीन प्रस्तुति दी ।  आज़ाद के फौलादी इरादों की जीवंत करती इस नृत्य नाटिका में आज़ाद के जीवन के महत्वपूर्ण घटनाक्रम को संवाद और नृत्य के जरिये लोकरंग के कलाकारों ने प्रस्तुत किया था । अंतिम समय में जब आज़ाद के बाद आखिर गोली बची थी, वे भारत भूमि की माटी को नमन कर आत्म बलिदान करते हैं…नृत्य नाटिक के इस दृश्य ने लोगों के रोंगटे खड़ कर दिए , लोगों के महसूस किया कि 27 फरवरी 1931 को अलफ्रेंड पार्क प्रयागराज में क्या कुछ हुआ था । संस्था के कलाकार राहुल डामोर,महावीर परमार,ऋतिक नाडिया,सुरेश डामोर,यश त्रिवेदी,अल्फाज़ खान और अंकुर ने ये नृत्य नाटिका प्रस्तुत की थी ।

कार्यक्रम की शुरूआत में आज़ाद को याद करते हुए माल्यार्पण और  क्रांति की प्रतीक मशाल का प्रज्जवलन किया गया । मशाल प्रज्जवलन आज़ाद के भक्त सत्यनाराणय राठौर ने किया । सत्यनारायण राठौर नियमित रूप से आज़ाद चौक पर आज़ाद प्रतिमा पर सेवा करते हैं, रोज प्रतिमा की सफाई करना और वहां पुष्प अर्पित करना उनकी दिनचर्चा का अहम हिस्सा है ।

इसके बाद कलाकार अन्नू भाबोर ने भाली बोली में आज़ाद को याद को करते हुए गीत के माध्यम से अपनी भावनाओं को कार्यक्रम में मौजूद लोगों के सामने रखा….आज़ाद के ऊपर लिखे उनके भीली गीत की लोगों ने मुक्त कंठ से प्रशंसा की ।

कार्यक्रम में लोकरंग के कलाकारों ने सांस्कृतिक कार्यक्रमों की प्रस्तुतियां दी…संस्था के कलाकार डॉली सोलंकी, शुभ जैन, दर्श ने वाद्य यंत्रों पर सारे जहां से अच्छा गीत की शानदार प्रस्तुति से लोगों का मन मोह लिया । देश ही धर्म है नृत्य भी संस्था के छोटे-छोटे कलाकारों ने प्रस्तुत किया और ये संदेश दिया कि हर भारतीय का धर्म केवल भारत देश है, ना कोई जाति है, ना कोई धर्म है…भारत देश ही हर भारतीय का धर्म है । नृत्य बाल कलाकार दर्शनी नायडू, सुदीप्ता नायडू, राशि बिलवाल प्रस्तुत किया था । कार्यक्रम में कवि भेरूसिंह तंरग ने अपना शानदार गीत प्रस्तुत किया तो वहीं शायर एज़ाज धारवी ने भी अपनी नज्म़ के जरिये आज़ाद को याद किया । कार्यक्रम में राष्ट्र जागरण मंच के नारायण सिंह ठाकुर ने भी अपने विचार रखे ।

मंचीय कार्यक्रम के बाद आज़ाद प्रेमी शहर के लोग हाथों में मशाल लेकर आज़ाद चौक से शहीद स्मारक विजय स्तंभ पहुंचे । झाबुआ नगर के का मुख्य बाजार वंदे मातरम्, भारत माता की जय और चंद्रशेखर आज़ाद अमर रहे के नारों से गूंज उठा । शहीद स्मारक पर आज़ाद समेत देश की स्वतंत्रता के लिए अपने प्राणों की आहुति देने वाले शहीदों की याद में 2 मिनट का मौन रखकर उन्हें श्रृद्धाजंलि दी गई । मशाल जुलूस में बच्चों से लेकर बुजुर्ग तक शामिल हुए थे, जिसमें महिलाएं भी शामिल हुई थी ।

कार्यक्रम में बड़ी संख्या की शहर के युवाओं के साथ झाबुआ सामाजिक और साहितित्य जगत से जुड़े लोग और आम  नागरिक पहुंचे थे । कार्यक्रम में इतिहासकार के.के.त्रिवेदी, समाजसेवी विद्याराम शर्मा, साहित्यकार गणेश उपाध्याय,हर्ष भट्ट खासतौर पर मौजूद थे । कार्यक्रम को सफल बनाने में राष्ट्र जागरण मंच से सौरभ सोनी, राजीव शुक्ला,सुशील बाजपेयी,अंकित जैन,  हिमांशु त्रिवेदी,मनोज पांचाल,लोकरंग संस्था के प्रवेश उपाध्याय,दीपक दोहरे, विकास पांडे,कृष्णा कलानी,विपिन अडबालकर,आशीष पांडे और कलाकारों का विशेष सहयोग प्राप्त हुआ । कार्यक्रम के अंत में पधारे सभी आज़ाद प्रेमी जनता का और कार्यक्रम प्रत्यक्ष-अप्रत्यक्ष रूप से सहयोग करने वालों का आभार राष्ट्रजागरण मंच के आलोक कुमार द्विवेदी ने माना, कार्यक्रम का संचालन लोगरंग संस्था के वीरेन्द्र सिहं राठौर (भाईजी) ने किया । 

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