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जाति-पाति पूछे नहीं कोई, हरि को भजे सो हरि को होई का मंत्र देती है स्नेह यात्राः- स्वामी नीलकंठेश्वर जी

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जाति-पाति पूछे नहीं कोई, हरि को भजे सो हरि को होई का मंत्र देती है स्नेह यात्राः- स्वामी नीलकंठेश्वर जी

        रतलाम 22 अगस्त 2023/मध्यप्रदेश जन अभियान परिषद एवं जिला प्रशासन द्वारा निकाली जा रही स्नेह यात्रा आज सातवे दिन जावरा विकासखंड की पंचायत मुण्डलाराम में प्रवेश हुई। गांव की समस्त धर्म प्रेमी जनता व इस्कॉन मंदिर के नीलकंठेश्वर प्रभू जी , अद्वैत सिंह प्रभु जी, सुमन दास प्रभु जी, रामचंद्र जी, यश प्रभु जी एवं स्नेह यात्रा प्रमुख नीलकंठेश्वर प्रभु जी धर्म को सर्वश्रेष्ठ बताते हुए एकता व संगठन के साथ रहते हुए सबका साथ, सबका विश्वास, सबका विकास निहित रहने का संदेश दिया।  संत, समाज  और सरकार  साथ रहे व समाज का विकास करे यही यात्रा का उद्देश्य है।

यदि हमारे अंदर प्रेम होता है तो दोष भी भूला दिए जाते हैं यही भावना प्रेम की सच्ची भावना है। कहना गलत न होगा कि जाति पाति पूछे न कोई हरि को भजे सो हरि को होई का मंत्र यह स्नेह यात्रा देती है। जहां प्रेम स्नेह आता वहां भेदभाव स्वतः ही समाप्त हो जाता है। इसलिए आप सभी सारे द्वेष, विद्वेष और कटुता को भुलाकर आपस में स्नेह का मार्ग प्रशस्त करें। मध्यप्रदेश शासन की यही मंशा है। इसलिए यह स्नेह यात्रा है। उक्त बात नीलकंठेश्वर प्रभू जी महाराज ने कही। वे जिले में सातवे  दिन जावरा विकासखंड में संचालित स्नेह यात्रा में बोल रहे थे।

नीलकंठेश्वर प्रभू जी महाराज ने कहा मध्यप्रदेश शासन द्वारा निकाली जा रही इस स्नेह यात्रा में आप सभी लोग इसकी मूल अवधारणा को समझकर कार्य करें। भगवान ने सबको समान अवसर दिए हैं। जब ईश्वर ने  भेदभाव नहीं किया तो आप कैसे कर सकते हैं। इसलिए हमें जातियों से ऊपर उठकर सोचना होगा। गांवों में आज भी भेद का भाव आता है लेकिन उसे स्नेह से दूर किया जा सकता है। इस यात्रा में जिस प्रकार का स्नेह मिल रहा है यह अविभूत है। जैसे ही द्वेष खत्म होगा और  प्रेम का विस्तार होगा शासन की इस यात्रा का उद्देश्य  पूर्ण हो जाएगा। यह यात्रा प्रत्येक दिन लगभग 10 वंचित ग्रामो  से निकल रही है। रतलाम जिले के विकासखंड जावरा में स्नेह यात्रा निरंतर है। इस दौरान प्रथम दिन यात्रा जब रतलाम से आरंभ हुई उक्त यात्रा जगह-जगह स्वागत संवाद, भोजन एवं विश्राम, जगह जगह यात्रा का स्वागत में संवाद और सहभोज तथा रात्रि विश्राम हुआ। यात्रा के प्रति ग्रामीणों में काफी उत्साह है। स्वामी जी के द्वारा समस्त  ग्रामों में ग्रामवासियों को आपसी प्रेम, सहयोग, स्नेह साथ ही जाति-पांति, उंच-नीच, अमीर-गरीब, छूआ छूत इन सबसे उपर उठकर सभी को सामूहिक रूप से समाज में सामूहिकता से रहने का संदेश दिया जा रहा है। इस यात्रा में महाराज का आशीर्वाद भी लोगों को प्राप्त हो रहा है। ज्ञातव्य है उक्त यात्रा में प्रमुख संत के रूप में स्वामी नील कंठेश्वर प्रभू जी का मार्गदर्शन जनमानस को प्राप्त हो रहा है। यात्रा में जिला प्रशासन के साथ-साथ प्रमुख रूप से मुख्य संत स्वामी नील कंठेश्वर प्रभू जी (राजकीय अतिथि), गायत्री परिवार, पतंजलि, रामचंद्र मिशन, अन्य सामाजिक संगठनों के प्रतिनिधि, रत्नेश विजयवर्गीय  जिला समन्वयक जन अभियान परिषद जिला रतलाम तथा रतलाम के समस्त मेंटर, समस्त सीएमसीएलडीपी के छात्र/छात्राएं की सहभागिता रही।

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