प्रधान जिला न्यायाधीश एवं अध्यक्ष जिला विधिक सेवा प्राधिकरण झाबुआ श्री लखनलाल गर्ग के निर्देशानुसार मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट श्री गौतम सिंह मरकाम की अध्यक्षता एवं न्यायिक मजिस्ट्रेट प्रथम श्रेणी श्रीमती पूनम सिंह तथा जिला विधिक सहायता अधिकारी श्री सागर अग्रवाल की उपस्थिति में जिला जेल झाबुआ में विधिक साक्षरता शिविर का आयोजन किया गया। शिविर में मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट श्री गौतम सिंह मरकाम ने अपने संबोधन में बंदियों से कहा कि विधिक साक्षरता एक ऐसा माध्यम है जिससे हम समाज को बेहतर बनाने की दिशा में कदम बढ़ा सकते हैं। जब हम सभी लोग विधिक ज्ञान हासिल करते हैं तो हमारा समाज अधिक जागरूक अधिक न्यायपूर्ण और अधिक सशक्त होता है। जेल के अंदर होने के बावजूद हम सभी का यह कर्तव्य है कि हम अपने आप को और अपने समाज को सिखाने का माध्यम बनाएं। यह विधिक साक्षरता शिविर एक महत्वपूर्ण कदम है इस मार्ग पर आगे बढ़ने के लिए।मैं आप सभी से यह कहना चाहता हूँ कि आपका संघर्ष महत्वपूर्ण है और यह आपके जीवन को सकारात्मक दिशा में बदल सकते है। साक्षरता का अर्थ निश्चित रूप से केवल पढ़ाई और लिखाई से ही नहीं होता। यह उससे अधिक होता है यह समझना कि कैसे हम अपने जीवन को बेहतर बना सकते हैं कैसे हम समाज के लिए सहायक हो सकते हैं और कैसे हम अपने आप को सामाजिक रूप से भी जागरूक बना सकते हैं।उन्होंने कहा कि हम सभी जानते हैं कि बंदी भी हमारे समाज का एक हिस्सा हैं। उन्हें भी अधिकारों का अधिकार है। आप लोगों को निःशुल्क कानूनी सहायता का अधिकार, चिकित्सा सुविधा का अधिकार, जमानत का अधिकार, रहन-सहन और भोजन की सुविधा, जेल में किए गए कार्य की न्यूनतम मजदूरी पाने का अधिकार, अपील और रिवीजन के लिए मुफ्त कानूनी सहायता का अधिकार है। शिविर में न्यायिक मजिस्ट्रेट प्रथम श्रेणी श्रीमती पूनम सिंह ने महिला बंदियों को उनके अधिकारों से अवगत कराया साथ ही उन्होंने पैरवी हेतु निःशुल्क अधिवक्ता, विधिक सहायता एवं सलाह योजना, प्लीबागेनिंग योजना की जानकारी दी। शिविर में जिला विधिक सहायता अधिकारी श्री सागर अग्रवाल लीगल एड डिफरेंस काउंसिल सिस्टम के संबंध में जानकारी प्रदान की। शिविर में जेल अधीक्षक श्री दुष्यंत पगारे, उप अधीक्षक श्री राजेश विश्वकर्मा एवं अन्य स्टॉफ उपस्थित रहे।