झाबुआ- झाबुआ में छटवां भगोरिया हाट रविवार को उत्कृष्ट मैदान पर लगा | आदिवासी परंपराओं से भरपूर लोक संस्कृति का पर्व भगोरिया हर्षोल्लास के साथ मनाया गया |एक और जहां कई समाज अपनी पुरानी परंपराएं भुलाते जा रहे हैं वहीं आदिवासी परंपरा का भगोरिया मानाे नित नए अंदाज में निखरता जा रहा है जिले के इस महत्वपूर्ण त्यौहार पर नए परिवेश का असर नजर आ रहा है। लेकिन मूल भावनाएं कहीं न कहीं परंपराओं को फिर से जीवित कर देती है। आदिवासी पृष्ठभूमि के इस त्यौहार में क्या बच्चा, क्या बूढा और क्या जवान इस तरह रंग जाते हैं मानो इस त्यौहार में ही पूरी संस्कृति छुपी हो।
जिला मुख्यालय पर उत्कृष्ट मैदान पर आयोजित भगोरिया हाट में जनसैलाब देखने को मिला। रविवार दोपहर करीब 12:00 बजे के बाद युवक-युवतियों ने मेले में आना प्रारंभ किया। सभी आयु वर्ग के लोगों में विशेषकर युवक-युवतियों की टोलियां ने ढोल मांदल की थाप पर और बांसुरी की मधुर धुन से मस्ती भरा माहौल बनाया |इन दोनों ने वर्षों पुरानी संस्कृति का निर्वाहन ही नहीं किया , बल्कि वेशभूषा में आधुनिकता का परिचय भी दिया। कई युवा धोती को छोड़कर जींस और टीशर्ट में दिखाई दिए | वही युवतिया भी अपनी ओढनी पहनने की परंपरा को छोड़कर फैंसी साड़ियों और सलवार में नजर आएंगे। कई युवक युवतियां एक ही ड्रेस कोड में भी नजर आए। युवक-युवतियों में मशीन से टैटू बनवाने के लिए भी काफी उत्साह देखा गया। युवतियों ने आदिवासी वर्क फैंसी गहनों के साथ आर्टिफिशियल ज्वेलरी तथा रंग बिरंगी आकर्षक परिधानों से सुसज्जित होकर हाट बाजार में आनंद लिया। झूला चकरी में झूला झूलना के लिए लंबी कतारें देखी गई और झूले के साथ भगोरिया का खूब लुफ्त उठाया। युवा वर्ग में ठंडाई, आइसक्रीम, मिठाई , कुल्फी और पान की दुकानों पर काफी भीड़ दिखाई दी। युवतीया आकर्षक परिधान व रंग-बिरंगे वस्त्रों सुसज्जित नजर आई वहीं युवा अपनी ही मस्ती में मदमस्त होकर चश्मे पहन कर घूमते हुए नजर आए। कई युवाओं ने इस दौरान सेल्फी भी ली। करीब 5 दर्जन से अधिक झूला , चकरी पर झूलना के लिए लंबी-लंबी कतारें देखी गई। झूला झूलने के लिए युवतियों में विशेष उत्साह देखा गया। हाट बाजार में ग्रामीणों की भीड़ देखने को मिली | ग्रामीणों ने ढोल मांदल की थाप पर नाचते ,गाते , कुर्राटिया मारते हुए झूमते हुए गुलाल उड़ाकर परंपरा अनुसार इस पर्व को मनाया। युवक युवतियों सहित हर किसी ने उल्लास और मस्ती का पर्व बड़ी धूमधाम और परंपराओं का निर्वहन करते हुए मनाया। बर्फ के गोले , आइसक्रीम और पान इनके विशेष पसंदीदा। हैं। इसके अलावा भगोरिया हाट में चांदी ,कपड़ा, ज्वेलरी व अन्य सामग्री की दुकानें से भी ग्रामीणों ने खरीदी की।। इसके अलावा युवक-युवतियों ने विभिन्न ड्रेस के साथ फोटो भी खिचवाए । इस अवसर पर मन्नत धारी रायबुलिए बने |श्रद्धालुओं ने हल्दी लगाकर, लाल व सफेद वस्त्र पहनकर हाथों में नारियल लिए भगोरिया हाट में भ्रमण भी किया। जानकारी अनुसार यह मन्नत धारी रायबुलिए अपनी मन्नत पूरी करने के लिए कुछ दिनों पूर्व से ही अपने शरीर पर हल्दी लगाकर होली पर दहकते अंगारों पर नंगे पैर चलते हैं। मन्नत पूरी होने की खुशी में इस रस्म की अदायगी की जाती है।
भगोरिया मेले में अल्ट्राटेक सीमेंट के कर्मचारियों ने स्टॉल लगाकर शरबत पिलाया।
लोक संस्कृति के प्रतीक भगोरिया मेले में अल्ट्राटेक सीमेंट लिमिटेड के कर्मचारियों द्वारा उत्कृष्ट विद्यालय ग्राउंड पर स्टाल लगाया और डीजे लगाकर ग्रामीणों के पसंदीदा गाने लगाए | पसंदीदा गानों पर कई युवकाे ने मदमस्त होकर डांस भी किया। साथ ही कंपनी के कर्मचारियों ने भगोरिया मेले में युवक-युवतियों को शरबत भी पिलाई | इसके अलावा झाबुआ जिले के सेल्स एग्जीक्यूटिव श्री आशीष शर्मा ने मेले में शामिल ग्रामीणजन को भगोरिया पर्व की शुभकामनाएं दी व साथ ही अल्ट्राटेक सीमेंट के क्वालिटी के बारे में सबको बताया। इसके अलावा कंपनी का नया प्रोडक्ट वेदर प्लस के बारे में भी विस्तृत जानकारी भी दी गई। सिलन की समस्या से निजात पाने के लिए या फिर वाटर प्रूफिंग सीमेंट वेदर प्लस के बारे में जानकारी दी। कुछ ग्रामीणों ने भी प्रश्नों के माध्यम से इसकी क्वालिटी के बारे में जानकारी ली। तकनीकी जानकारी कंपनी के कर्मचारी अंकित जी ने भी प्रदान की। कंपनी ने करीब 4000 लोगों को शरबत का सेवन कराया। साथ ही कंपनी के कर्मचारियों ने ग्रामीण जन को अल्ट्राटेक सीमेंट के टीशर्ट , टोपी, पेन, की- चैन आदि भी वितरित किए। कंपनी के कर्मचारियों ने भी लोक संस्कृति के पर्व भगोरिया को ग्रामीण जनों के साथ हर्षोल्लास के साथ मनाया।