भगवान परशुराम ने गढ़मुक्तेश्वर से गंगाजल लेकर पुरातन महादेव मंदिर में शिवलिंग का अभिषेक किया था- महंत अभिषेक गिरी । शिव हनुमान मंदिर में मनाया गया अन्तिम श्रावण सोमवार,गढ मुक्तेश्वर की आकर्षक झांकी सजाई गई । रतलाम । श्रावण के अन्तिम सोमवार को स्थानीय कस्तुरबा नगर गली नम्बर 6 में शिव हनुमान मंदिर में बिराजित भगवान भोलेनाथ के मंदिर में श्रद्धा-भक्ति के साथ मनाया गया । प्रातःकाल से ही यहां दर्शनार्थियों एवं श्रद्धालुओं का तांता लगा । भ्रवान भोलेनाथ का महिलाओं एवं पुरूष भक्तों ने दुग्धभिषेक, जलाभिषेक, रूदा्रभिषेक के साथ ही विधि विधान से पूजा अर्चना कर भोलेबाबा की कृपा प्राप्त करने के लिये अर्चना की । मंदिर के महन्त श्री अभिषेक गिरी ने बताया कि श्रावण के अधिक मास के अन्तिम सोमवार को भगवान का आकर्षक तरिके से गढमुक्तेश्वर स्वरूप का श्रृंगार किया गया । सैकडों की संख्या में श्रद्धालुओं ने गढ मुक्तेश्वर स्वरूप् के दर्शन वंदन किये । गढ मुक्तेश्वर के बारे में जानकारी देते हुए महंत अभिषेक गिरी ने बताया कि भारत में गढ़मुक्तेश्वर हिन्दुओं के लिए प्राचीन तीर्थ स्थल है। इस स्थान को गढ़मुक्तेश्वर इसलिए कहा जाता है क्योंकि कहते हैं यहीं भगवान शिव के गणों को पिशाच योनि से मुक्ति मिली थी। गढ मुक्तेश्वर गंगा नदी के किनारे स्थित है। यह स्थान हिन्दुओं के लिए संास्कृतिक व धार्मिक दृष्टि से बेहद महत्त्वपूर्ण है। क्योंकि भगवान शिव के गणों को पिशाच योनि से मुक्ति मिली थी। मान्यता है कि भगवान परशुराम ने गढ़मुक्तेश्वर से गंगाजल लेकर पुरातन महादेव मंदिर में शिवलिंग का अभिषेक किया था। तभी से ही कांवड़ यात्रा की परंपरा शुरू हुई थी। श्री शिव हनुमान मंदिर से सायंकाल 3-30 बजे से भगवान भोलेनाथ की शाही पालकी गाजे बाजे, ढोल ढमाकों के साथ निकाली गई । बेंड बाजे के धुन बज रहे भक्ति संगीत में श्रद्धालुजन नृत्य करते हुए चल रहे थे । जगह जगह डोली मे बिराजित भगवान भोलेनाथ की महिलाओं ने आरती, पूजन कर प्रसाद अर्पित किया । वही शाही सवारी के आगे अश्वारोह हाथ में सनातन ध्वज लेकर चल रहे थे। भगवान शिवजी का आकर्षक स्वरूप धारण कर यथार्थ शर्मा ने सभी को दर्शन एवं निहारने को मजबुर कर दिया । कस्तुरबा नगर से चल यात्रा नगर के मुख्यमार्गो से होते हुए मंदिर पर समापन हुई जहां भगवान की महामंगल आरती की गई । तथा प्रसादी का वितरण किया गया । रात्री 8 बजे भगवान की महामंगल आरती में सैकडो की संख्या में श्रद्धालुजन एकत्रित हुए तथा आरती मे भाग लिया । आरती के बाद महाप्रसादी का वितरण किया गया
भगवान परशुराम ने गढ़मुक्तेश्वर से गंगाजल लेकर पुरातन महादेव मंदिर में शिवलिंग का अभिषेक किया था- महंत अभिषेक गिरी ।
शिव हनुमान मंदिर में मनाया गया अन्तिम श्रावण सोमवार,गढ मुक्तेश्वर की आकर्षक झांकी सजाई गई ।
रतलाम । श्रावण के अन्तिम सोमवार को स्थानीय कस्तुरबा नगर गली नम्बर 6 में शिव हनुमान मंदिर में बिराजित भगवान भोलेनाथ के मंदिर में श्रद्धा-भक्ति के साथ मनाया गया । प्रातःकाल से ही यहां दर्शनार्थियों एवं श्रद्धालुओं का तांता लगा । भ्रवान भोलेनाथ का महिलाओं एवं पुरूष भक्तों ने दुग्धभिषेक, जलाभिषेक, रूदा्रभिषेक के साथ ही विधि विधान से पूजा अर्चना कर भोलेबाबा की कृपा प्राप्त करने के लिये अर्चना की । मंदिर के महन्त श्री अभिषेक गिरी ने बताया कि श्रावण के अधिक मास के अन्तिम सोमवार को भगवान का आकर्षक तरिके से गढमुक्तेश्वर स्वरूप का श्रृंगार किया गया । सैकडों की संख्या में श्रद्धालुओं ने गढ मुक्तेश्वर स्वरूप् के दर्शन वंदन किये । गढ मुक्तेश्वर के बारे में जानकारी देते हुए महंत अभिषेक गिरी ने बताया कि भारत में गढ़मुक्तेश्वर हिन्दुओं के लिए प्राचीन तीर्थ स्थल है। इस स्थान को गढ़मुक्तेश्वर इसलिए कहा जाता है क्योंकि कहते हैं यहीं भगवान शिव के गणों को पिशाच योनि से मुक्ति मिली थी। गढ मुक्तेश्वर गंगा नदी के किनारे स्थित है। यह स्थान हिन्दुओं के लिए संास्कृतिक व धार्मिक दृष्टि से बेहद महत्त्वपूर्ण है। क्योंकि भगवान शिव के गणों को पिशाच योनि से मुक्ति मिली थी। मान्यता है कि भगवान परशुराम ने गढ़मुक्तेश्वर से गंगाजल लेकर पुरातन महादेव मंदिर में शिवलिंग का अभिषेक किया था। तभी से ही कांवड़ यात्रा की परंपरा शुरू हुई थी।
श्री शिव हनुमान मंदिर से सायंकाल 3-30 बजे से भगवान भोलेनाथ की शाही पालकी गाजे बाजे, ढोल ढमाकों के साथ निकाली गई । बेंड बाजे के धुन बज रहे भक्ति संगीत में श्रद्धालुजन नृत्य करते हुए चल रहे थे । जगह जगह डोली मे बिराजित भगवान भोलेनाथ की महिलाओं ने आरती, पूजन कर प्रसाद अर्पित किया । वही शाही सवारी के आगे अश्वारोह हाथ में सनातन ध्वज लेकर चल रहे थे। भगवान शिवजी का आकर्षक स्वरूप धारण कर यथार्थ शर्मा ने सभी को दर्शन एवं निहारने को मजबुर कर दिया । कस्तुरबा नगर से चल यात्रा नगर के मुख्यमार्गो से होते हुए मंदिर पर समापन हुई जहां भगवान की महामंगल आरती की गई । तथा प्रसादी का वितरण किया गया । रात्री 8 बजे भगवान की महामंगल आरती में सैकडो की संख्या में श्रद्धालुजन एकत्रित हुए तथा आरती मे भाग लिया । आरती के बाद महाप्रसादी का वितरण किया गया