झाबुआ

यह वही प्रवीण सुराणा है जिसने कल्याणपूरा को , भाजपा की अयोध्या बनाने में अहम भूमिका निभाई थी….।

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झाबुआ – विधानसभा चुनाव का बिल्कुल बजने के बाद से ही जिले में राजनीतिक उठापटक कर दौर शुरू हो चुका है तथा आरोप प्रत्यारोप का दौर भी शुरू हो गया हैं । भाजपा का झाबुआ जिले का लक्ष्य पेटलावद, थांदला व झाबुआ की सीटो पर भाजपा के पक्ष में माहौल बनाकर, शासन की योजनाओं को गुणगान कर , भाजपा को तीनों ही सीटों पर विजय हासिल करना । वही झाबुआ विधानसभा प्रत्याशी भानू भूरिया भाजपा जिलाध्यक्ष के पद पर है वही उन्हें आगामी चुनाव को देखते हुए , अपने विधानसभा क्षेत्र में सक्रियता से कार्य करने की बात को लेकर , प्रदेश सगंठन ने कार्यवाहक जिलाध्यक्ष की नियुक्ति की । वही पिछले दिनों झाबुआ प्रवास के दौरान प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने भरी सभा में मंच से प्रदेश अध्यक्ष श्री शर्मा से कहा था की जिलाध्यक्ष की नियुक्ति की जाए। श्री चौहान के कहने के बाद भी कार्यवाहक जिलाध्यक्ष के रूप प्रवीण सुराणा की नियुक्ति की गई हैं । यह वहीं प्रवीण सुराणा है जिसने कल्याणपूरा को भाजपा की अयोध्या बनाने में अहम भूमिका निभाई थी ।

बीते दो दशक पूर्व प्रदेश की बागडोर जब से भाजपा के हाथो में आयी.हैं उन शुरूआती दौर के दिनों को छोड़ , बाद में संगठन की स्थिति पर भाजपा संगठन 2013 के बाद से जिले की संगठनात्मक गतिविधियों और उनकी कार्यप्रणाली समझ लेती, तो न भाजपा में गुटबाजी को हवा मिलती और न ही तत्कालीन समय भाजपाई संगठन में ऐसे काज होते, जिससे सत्ता और संगठन पर आंच आती। सत्य कड़वा जरूर होता परंतु यह डाबर जन्म घुट्टी जैसा ही होता हे। खेर सुबह का भुला शाम को घर आए, तो भुला नहीं कहते या यू कहे की देर आए दुरुस्त आए , तो इसमें प्रदेश संगठन ने जो निर्णय लिया वह अब भी कही न कहीं एक शब्द की वजह से संगठन में पड़ी दरार पटाने में सो फीसदी सही नही कहा जा सकता। राजनीति में यह सब जायज है फिर भी असल नजरिए से यह दिए गए दायित्व और दायित्वदार हेतु हवन करते हाथ जलना वाली कहावत ही चरितार्थ करेगा। आज भाजपा प्रदेश अध्यक्ष विष्णु दत्त शर्मा द्वारा जिले के संगठन में एक नई नियुक्ति करते हुए भाजपा की कल्याणपुरा क्षेत्र के निर्विवाद, समर्पित, निष्ठावान प्रवीण सुराणा को भाजपा जिला संगठन का कार्यवाहक अध्यक्ष नियुक्त किया । खेर जो भी हो भाजपा को जिले में देर से सही किंतु दुरुस्त रूप से संगठन में आई दरार, चुनाव में होने वाले विरोध,भीतरघात सो फीसदी तो नही , पर बहुत कुछ रोकने में सफलता मिलेगी। शायद प्रदेश भाजपा संगठन और जिले के असल, पुराने भाजपाई या जो भाजपा के निष्ठावान ही उन्हें अपने दल का इतिहास पता ही होगा , स्वर्गीय सांसद दिलीप सिंह भूरिया जब कांग्रेस छोड़ भाजपा में आए थे तभी सुराणा ने भी स्वर्गीय भूरिया के साथ भाजपा में प्रवेश किया था और कल्याणपूरा को भाजपा की अयोध्या, जो वर्तमान में कहा जा रहा वह प्रवीण सुराणा की ही देन है। इतिहास गवाह है जब कल्याणपुरा पेटलावद विधानसभा का हिस्सा हुआ करता था तब यहा से भाजपा को कभी लीड नही मिली थी। यह तो चुनावी रिकार्ड के इतिहास में भीं दर्ज है। जब से प्रवीण सुराणा ने स्वर्गीय दिलीप सिंह भूरिया के साथ भाजपा में प्रवेश किया उसके बाद से ही भाजपा ने इस क्षेत्र से बढत बनाना शुरू किया और समय के साथ कल्याण पूरा को भाजपा की अयोध्या बना दिया। अब जब जिले की बागडोर एक शब्द के साथ संगठन ने दी , तो सफलता काफी हद तक प्रदेश संगठन को मिलने की राह खुल जरूर गई , पर पूर्ण सफलता पूर्ण कालिक दायित्व से ही संभव हे। वर्तमान भी सुराणा जिले की पेटलावद,ओर झाबुआ के साथ ही थांदला क्षेत्र के मेघनगर क्षेत्र में खासा राजनीतिक दबदबा रखते है तथा तथा उनमें एक कुशल नेतृत्व क्षमता भी है तथा जिले में भाजपा में हो रही गुटबाजी को कम कर एक माला में पिरोकर, सभी को भाजपा के झंडे के तले काम करने की प्रेरक क्षमता भी है । उनमे सता व संगठन में समन्वय स्थापित करने की विशेष कला है । बस आवश्यकता हे राजनीति के कशुल खिलाड़ी, सभी को संगठन में साथ में रख सफलता के कदम चूमने के प्रविण्यता रखने वाले प्रवीण सुराणा के पद के आगे कार्यवाहक शब्द विलोपित कर पूर्ण अध्यक्ष पद का दायित्व सोपने की ।

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