अलीराजपुर

अलीराजपुर – अनुसूचित जनजाति से गैर अनुसूचित जनजाति को हस्तांतरित भूमि वापस मूल भूमि स्वामी अनुसूचित जनजाति के व्यक्ति के नाम किये जाने का आदेश पारित , तहसीलदार ने ग्राम गिराला के एक प्रकरण में आदेश पारित किया ।

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अलीराजपुर से ब्यूरो चीफ नयन टवली की खबर ✍️

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अलीराजपुर – तहसीलदार तहसील न्यायालय अलीराजपुर द्वारा अनुसूचित जनजाति के व्यक्ति की भूमि को गैर अनुसूचित जनजाति के व्यक्तियों को हस्तांतरित किये जाने के प्रकरण में गैर अनुसूचित जनजाति से वापस मूल भूमि स्वामी अनुसूचित जनजाति के व्यक्ति को भूमि वापस किये जाने का आदेश पारित किया है। उक्त निर्णय के तहत ग्राम गिराला निवासी नरेश पिता गुलसिंह एवं गुमानसिंह पिता गुलसिंह जाति भील द्वारा कलेक्टर महोदय को आवेदन किया गया कि उनकी ग्राम गिराला स्थित कृषि भूमि सर्वे नंबर 135 जिसका कुल रकबा 1.07 हेक्टेयर है, जो कि राजस्व अभिलेख में पूर्व से 1992 तक हमारे शामिल खातेदार के नाम से दर्ज थी लेकिन अलीराजपुर निवासी अनावेदक गैर अनुसूचित जनजाति के व्यक्तियों के नाम पर उक्त भूमि हस्तांतरित कर दी गई है। उक्त शिकायती आवेदन पत्र पर कार्यवाही करते हुए राजस्व अभिलेखों का अवलोकन करने पर पाया गया कि वर्ष 1992 में तत्कालीन पीठासीन द्वारा प्रतिकूल कब्जे के आधार पर म.प्र. भू राजस्व संहिता 1959 की धारा 109 एवं 110 के तहत प्रकरण क्रमांक 0008/अ 6/1992-93 तथा 0009/अ 6/1992-93 में आदेष पारित किया गया विधि की मंशा के विपरीत है। म.प्र. भू राजस्व संहिता 1959 की धारा 109,110 के अंतर्गत कब्जे आधार पर भूमि स्वामी स्वत्व प्रमाणित / प्रदाय करने का अधिकार राजस्व न्यायालय को नहीं है। सूक्ष्म परीक्षण किया जाने पर पाया गया कि शिकायतकर्ता की पैतृक भूमि को कब्जा के आधार पर एमपीएलआरसी 1959 धारा 109,110 के अंतर्गत तत्कालीन तहसील न्यायालय के पीठासीन अधिकारी द्वारा अन्य व्यक्तियों के नाम ट्रांसफर कर दिया जो कि भू राजस्व संहिता के प्रावधानों के विपरीत है। उक्त मामला सिविल प्रवृति का है। जिसे राजस्व न्यायालय में अतिक्रमित करते हुए आदेश पारित किया जाना पाया गया। इस प्रकरण में पाया गया कि उक्त पैतृक भूमि अनुसूचित जनजाति से अनुसूचित जाति को ट्रांसफर कर पुनः अनुसूचित जाति से सामान्य वर्ग के व्यक्ति को विक्रय कर दी गई। इससे कही न कही अनुसूचित जनजाति के व्यक्ति की भूमि को गलत तरीके से योजनाबद्ध ढंग से खुर्द-बुर्द किया गया। इस प्रकरण को अनुविभागीय अधिकारी अलीराजपुर के माध्यम से कलेक्टर जिला अलीराजपुर से पुनविलोन की अनुमति ली गई। प्रकरण की सूक्ष्मता से जांच उपरांत कलेक्टर एवं जिला दंडाधिकारी डाॅ. अभय अरविंद बेडेकर ने 2 सितंबर 2023 द्वारा उक्त प्रकरण इस निर्देष के साथ प्रकरण में प्रत्यावर्तित किया गया कि म.प्र. भू राजस्व संहिता 1959 के उचित उपबंधों के आधार गुण दोष आधारित निर्णय करें एवं अनुसूचित जनजाति के व्यक्ति को भूमि संबंधित प्रदत्त अधिकारों की रक्षा करें। इस प्रकरण में तहसीलदार अलीराजपुर तहसील न्यायालय द्वारा जारी आदेश में बताया गया कि ग्राम गिराला स्थित सर्वे नं. 135/1 रकबा 0.53 हेक्टेयर एवं 135/2 रकबा 0.54 हेक्टेयर कुल रकबा 1.07 हेक्टेयर भूमि का अवैधानिक तरीके से नामांतरण किया गया तथा योजनाबद्ध तरीके से उक्त प्रष्याधिन भूमि अनुसूचित जनजाति से गैर अनुसूचित जनजाति को हस्तांतरित की गई जो शासन के नियम को अनदेखा कर न्याय सिद्धान्तों का उल्लंघन है। तहसीलदार अलीराजपुर ने उक्त प्रकरण में प्रकरण संबंधित भूमि के मूल भूमि स्वामी सह खातेदार वालसिंह, रायसिंह, गुलसिंह पिता मोहनसिंह जाति भील (अनुसूचित जनजाति) निवासी गिराला का नाम पूर्ववत कर आदेष पारित करते हुए आदेश जारी किया। ग्राम गिराला के हल्का पटवारी को आदेशानुसार राजस्व अभिलेख में अमल कर अमल दरामद रिपोर्ट 3 दिवस में तहसीलदार अलीराजपुर न्यायालय में प्रस्तुत करने के आदेश भी दिए गए है ।

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