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ग्राम को नशा मुक्त करने, पीआरए द्वारा गांव की समस्या का निराकरण, ग्राम को स्वच्छ बनाना और पैसा एक्ट को धरातल तक पहचान

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ग्राम को नशा मुक्त करनेपीआरए द्वारा गांव की समस्या का निराकरणग्राम को स्वच्छ बनाना और पैसा एक्ट को धरातल तक पहचान

रतलाम / मांगलिक भवन सरवन में में पंचायत उपबंध (अनुसूचित क्षेत्रों पर विस्तार) नियम 2022, एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन मांगलिक भवन सरवन में पैसा मोबालाइजर, प्रस्फुटन समिति के सदस्यों, सचिव, सरपंच, रोजगार सहायक, सामाजिक कार्यकर्ता, गांव के पटेल, तड़वी, पैसा समिति अध्यक्ष, सीएमसी एलडीपी के छात्र छात्राओ का रखा गया।

इस अवसर पर जिला समन्वयक मध्यप्रदेश जन अभियान परिषद श्री रत्नेश विजयवर्गीय, पैसा समन्वयक श्री दिनेश वसुनिया, विकासखंड समन्वयक मध्यप्रदेश जन अभियान परिषद सैलाना श्री रतनलाल चरपोटा, मेंटर श्री अभिषेक चौरसिया, कलावती डोडियार, श्री दिनेश गहलोत, श्री परमेश माल, नवांकुल संस्था प्रमुख श्री मानसिंह मईड़ा, पैसा एक्ट अध्यक्ष श्री देवीलाल खराड़ी उपस्थित रहे।

रत्नेश विजयवर्गीय द्वारा संबोधित करते हुए बताया कि बिरसा मुंडा के जन्मदिवस से प्रदेश में पंचायत उपबंध (अनुसूचित क्षेत्रों पर विस्तार) नियम 2022 लागू कर दिए गए। इसमें अनुसूचित क्षेत्रों की ग्रामसभा को सशक्त बनाया गया है। जो कि मध्यप्रदेश के 89 विकासखंड में लागू किया है, पेसा एक्ट के तहत आदिवासी समुदाय की पारंपरिक सामाजिक व्यवस्था को मान्यता दी गई है।केंद्र सरकार ने पेसा अधिनियम 1996 कानून लागू किया था। मध्यप्रदेश के बड़े आदिवासी नेता और झाबुआ के सांसद रहे श्री दिलीप सिंह भूरिया की अध्यक्षता में समिति बनी थी, उसकी अनुशंसा पर ही यह मॉडल कानून बना था। यह बात अलग है कि 24 दिसंबर 1996 को पेसा कानून देश में लागू हुआ था लेकिन देश में सबसे अधिक आदिवासियों के घर यानी मध्यप्रदेश में कानून लागू करने में 27 साल लग गए। इससे पहले देश के 6 राज्यों हिमाचल प्रदेश, आंध्रप्रदेश, तेलंगाना, राजस्थान, गुजरात, महाराष्ट्र ने पेसा कानून बनाए गए हैं।

देश में जनजातीय समुदाय की आबादी 10 करोड़ है और इसमें से डेढ़ करोड़ से ज्यादा मध्य प्रदेश में हैं। पेसा कानून किसी के खिलाफ नहीं है। यह मध्य प्रदेश के 89 जनजातीय ब्लॉक में लागू होगा। यह शहरों में नहीं बल्कि गांव में लागू होगा। ग्रामसभाओं में जनजातीय समुदाय के अलावा वहां रहने वाले अन्य लोग भी सदस्य रहेंगे। मेले और बाजार का प्रबंध, स्कूल, स्वास्थ्य केंद्र ठीक चलें, आंगनबाड़ी में बच्चों को पोषण आहार मिले, आश्रम, शालाएं और छात्रावास बेहतर तरीके से चलें, यह सब काम ग्रामसभा देखेगी। शराब की नईं दुकानें बिना ग्रामसभा की अनुमति के नहीं खुलेंगी। शराब या भांग की दुकान अस्पताल, स्कूल या धार्मिक स्थान के पास है तो ऐसी दुकानें वहां से हटाने की अनुशंसा करने का अधिकार भी ग्रामसभा को होगा।

गांव से अगर काम के लिए युवक-युवती या किसी अन्य को ले जाया जाता है तो उसे पहले ग्रामसभा को बताना पड़ेगा कि ले जाने वाला कौन है, कहां ले जा रहा है ताकि जरूरत के वक्त उनकी मदद हो सकें। बिना बताए ले जाने पर कानूनी कार्रवाई की जाएगी। तेंदुपत्ता तोड़ने और बेचने का अधिकार भी ग्रामसभाओं को दिया जाएगा। गांव में मनरेगा और अन्य कामों के लिए आने वाले धन से कौन सा काम किया जायेगा। इसे पंचायत सचिव नहीं बल्कि ग्रामसभा तय करेगी। गांव में तालाबों का प्रबंध अब ग्राम सभा करेगी चाहें सिंघाड़े लगाएं या मछली पालें और उससे जो आय होगी वह भी गांव के भाई-बहनों को प्राप्त होगी।

पेसा नियमों और अधिकारों के प्रति जागरूकता के लिए सभी प्रशिक्षित कार्यर्ताओं को अपने ग्राम में जागरूकता कार्यक्रम करने के लिए कहा गया। रोल प्ले द्वारा ग्राम सभा की गई प्रतिभागियों को बताया गया कि किस प्रकार ग्राम सभा करना है। इसके उपरांत पीआरए तकनिक का प्रयोग करते हुए गांव का नक्शा बनवाया ओर उसमे गांव की समस्या को किस प्रकार दूर करे के बारे में  बताया गया। सभी प्रतिभागियों को प्रमाण पत्र वितरण किये गए । नशा मुक्ति अभियान के अंतर्गत सभी को शपथ दिलाई गई ।

इस अवसर पर ब्लॉक समन्वयक श्री रतनलाल चरपोटा द्वारा मंच का संचालन व आभार किया गया। पैसा कानून पर दिनेश वसुनिया पैसा समन्वयक द्वारा प्रशिक्षण दिया गया। श्री पीरूलाल निनामा वनवासी कल्याण परिषद जिला समन्वयक, श्री रामू गामड़ पैसा अध्यक्ष सरवन, सरपंच सचिव, सीएमसी एलडीपी के छात्र , छात्राएं प्रशिक्षण में उपस्थित रहे।

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