झाबुआ

राष्ट्र शिवार्चन, शिव-आराधना से राष्ट्र- आराधना को लेकर 16 सितम्बर को विश्व मांगल्य सभा का होगा भव्य आयोजन । ~~~~ भारत का हर घर महापुरूषों के निर्माण का शक्ति केन्द्र बने इसलिये हर घर का ’मातृस्थान’ सक्षम होना आवश्यक हेै– श्रीमती सूरज डामोर ।~~~ मातृशक्ति को आयोजन में सहभागी होने की अपील की गई ।

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राष्ट्र शिवार्चन, शिव-आराधना से राष्ट्र- आराधना को लेकर 16 सितम्बर को विश्व मांगल्य सभा का होगा भव्य आयोजन ।

भारत का हर घर महापुरूषों के निर्माण का शक्ति केन्द्र बने इसलिये हर घर का ’मातृस्थान’ सक्षम होना आवश्यक हेै– श्रीमती सूरज डामोर ।

मातृशक्ति को आयोजन में सहभागी होने की अपील की गई ।
झाबुआ ।  संस्कार, सामथ्र्य, सदाचार एवं सेवा के बोधिवाक्य को लेकर विश्व मांगल्य सभा मध्यप्रदेश द्वारा  राष्ट्र शिवार्चन, शिव-आराधना से राष्ट्र- आराधना को लेकर  16 सितम्बर शनिवार दोपहर 3.30 बजे से श्री कनकेश्वरी देवी विद्या विहार एमआईजी थाने के पीछे इन्दौर में  राष्ट्र शिवार्चन कार्यक्रम का आयोजन किया जा रहा है। विश्व मांगल्य संभा की प्रदेश अध्यक्ष, पूर्व आइएएस अधिकारी श्रीमती सूरज डामोर ने जानकारी देते हुए बताया कि भारत का हर घर महापुरूषों के निर्माण का शक्ति केन्द्र बने इसलिये हर घर का ’मातृस्थान’ सक्षम होना आवश्यक हेै। इसी उद्देश्य को लेकर प्रातःस्मरणीय देवी अहिल्याबाई होल्कर की नगरी इन्दौर में विश्व मांगल्य सभा द्वारा पुरूषोत्तम मास के उपलक्ष्य में 201 शिव मंदिरों में भगवान शिव की उपासना का  जो संकल्प पूरा किया गया । इसके समापन समारोह के अवसर पर प्रमुख वक्ता प.पू.स्वामी श्री जितेन्द्रनाथ महाराज श्री नाथ पीठाधिश्वर श्री क्षेत्र अंजनीगा्रम सभाचार्य, विश्व मांगल्न सभा द्वारा बोद्धिक आशीर्वचन प्रदान किये जावेगें । इस अवसर पर विशेष अतिथि पद्मभूषण श्रीमती सुमीत्रा ताई महाजन पूर्व लोकसभा स्पीकर, पद्मश्री डा.श्रीमती जनक पलटा मगिलिगन संस्थापिका व निदेशिका  सेंटर फार सस्टेनेवल डेवलपमेंट, एड. जूही पूष्यमित्र भार्गव, प्रथम नागरिक इन्दौर एवं श्रीमती सूरज डामोर अध्यक्ष मध्यप्रदेश मांगल्य सभा उपस्थित रहेगी ।
श्रीमती डामोर के अनुसार इस अवसर पर विश्व मांगल्य सभा के तत्वावधान मेें 1000 महिलाओं द्वारा सामुहिक श्री रूद्राष्टक एवं श्री शिव मानस पूजा का पाठ, अष्टोत्तर नामावली का सामुहिक पाठ एवं बिल्वार्चन, शिव अनादि कला साधना केन्द्र इन्दौर द्वारा शिवस्तुति पर प्रस्तुति एवं बालकों द्वारा संस्कृत श्लोक पाठ की प्रस्तुति दी जावेगी ।
श्रीमती डामोर ने विश्व मांगल्य सभा के बौद्धिक, धार्मिक, सामाजिक, मातृ शक्ति को समर्पित उद्देश्यो को समर्पित कार्यक्रमों का जिक्र करते हुए कहा कि सशक्त राष्ट्र के लिए सक्षम मातृत्व का होना बहुत आवश्यक है। जब माता सक्षम और संस्कारवान होगी तो उससे उत्पन्न संतान निश्चित रूप से सशक्त राष्ट्र के निर्माण में सहभागी बनेगी। भारतीय संस्कृति में मां का बड़ा महत्व है। जितने भी वीर महापुरुषों के उदाहरण हम सबके सामने प्रस्तुत किए जाते हैं उनके मूल में एक मां की त्याग तपस्या व संस्कार सहित लालन-पालन छिपा होता है। हमारी संताने राष्ट्रवादी-राष्ट्रीय समाज के विचार वाली हों, इसके लिए एक मां का दायित्व अहम हो जाता है। विश्वमांगल्य सभा मातृ निर्माण के देव-देश कार्य में लगा हुआ है। एक संस्कारित राष्ट्रीय विचारों से ओतप्रोत माता निश्चित ही महापुरुष की जन्म दात्री होती है। उन्होने कहा कि भारत में राष्ट्र की मूल संस्था परिवार होती है, परिवार माता पर निर्भर करता है अर्थात इस राष्ट्र के निर्माण या उत्थान के लिए एक मां की भूमिका अहम होती है। श्रीमती डामोर के अनुसार संस्कार हमारे जीवन का मार्ग प्रशस्त करते हैं। इसके बिना जीवन अधूरा है। साहित्य व संस्कृति के बारे में बच्चों को समय -समय पर बताया जाना हमारा दायित्व है। इससे उन्हें कुछ अच्छे गुण सीखने का अवसर मिलेगा। समाज में सम्मान से जीने का हक दिलाते हैं। व्यक्ति जैसा व्यवहार करता है, वैसा ही उसके संस्कारों का प्रदर्शन होता है। उन्होने कहा कि मां की तुलना कभी नहीं किसी से नहीं की जा सकती है, वह तो अपने आप नें नारी शक्ति है। विश्व मांगल्य सभा का उद्देश्य संस्कारों में ईमानदारी, त्याग, अनुशासन, साहस, परिश्रम आदि गुण हैं। उन्होंने कहा कि इसके अभाव में हम सुखी व उन्नत जीवन की कल्पना भी नहीं कर सकते हैं।
श्रीमती डामोर ने 16 सितम्बर को इन्दौर मे आयोजित ’’राष्ट्र शिवार्चन, शिव-आराधना से राष्ट्र- आराधना’’ कार्यक्रम में अधिक से अधिक मातृशक्ति को उपस्थित होकर इसमें सहभागी होने की अपील की  है

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