RATLAM

भारी वर्षा में लोगों के बचाव हेतु होमगार्ड तथा एसडीआरएफ के जवान बगैर सोए अपने कर्तव्य पर डटे रहे

Published

on

भारी वर्षा में लोगों के बचाव हेतु होमगार्ड तथा एसडीआरएफ के जवान

बगैर सोए अपने कर्तव्य पर डटे रहे

रतलाम / जिले में विगत 16 सितंबर से भारी वर्षा के दौरान होमगार्ड तथा एसडीआरएफ के जवान बगैर सोए लगातार अपने कर्तव्य पर डटे रहे। लोगों को आपदा से बचने के लिए इन जवानों ने तीन दिन तीन रात लगातार काम किया। इस दौरान उन्होंने नींद भी नहीं ली है। कलेक्टर श्री नरेंद्र कुमार सूर्यवंशी के निर्देशन में होमगार्ड कमांडेंट श्रीमती रोशनी बिलवाल एवं प्लाटून कमांडर श्री सुमित खरे के नेतृत्व में होमगार्ड के 50 से 60 जवानों ने दिन-रात काम किया जिसके कारण भारी वर्षा में भी जिले में एक भी दुर्घटना नहीं हुई। इनमें एसडीआरएफ के 20 जवानों का योगदान अत्यंत सराहनीय है।

जिले में भारी वर्षा के दौरान जहां कहीं भी जल भराव नजर आया वहां होमगार्ड के जवान तैनात रहे। पूरी रात तैनात रहकर लोगों को पानी में आने जाने से रोका। इस दौरान गांव के कोटवार और चौकीदार भी साथ रहे। जहां रपट पर पानी बढ़ रहा था वहां नाकाबंदी की गई, लोगों की आवाजाही को रोका गया। अतिवृष्टि के दौरान जिले की उन जल संरचनाओं पर जहां पानी के कारण लोगों को परेशानी हो सकती थी, होमगार्ड के जवान रस्सी, मोटर बोट तथा अन्य बचाव के उपकरण लेकर मुस्तेदी से तैनात रहे।

रतलाम शहर में शनिवार को टाटा नगर और जूनी कलालसेरी के तीन-चार घरों में पानी घुसने पर होमगार्ड के जवानों द्वारा मकान खाली करवाकर लोगों को सुरक्षित नगर निगम द्वारा अंबेडकर भवन तथा अलकापुरी में बनाए गए शिविरों में पहुंचाया गया। जिले के आलोट ताल क्षेत्र में चंबल नदी के किनारे बसे मल्लाखेडी, बिसलखेडा, बद्दुखेडी, धतरावदा में जल भराव के कारण खतरा उत्पन्न होने पर रविवार रात्रि से पानी का खतरा उत्पन्न होने पर होमगार्ड तथा एसडीआरएफ के जवानों ने दिन-रात गांव में तैनात रहकर लोगों की सुरक्षा सुनिश्चित की। गांव में पानी भरने पर नीचे के कुछ मकानों को खाली करवाकर लोगों को ऊपर शिफ्ट करवाया गया। रेस्क्यू टीम सोमवार शाम वापस मुख्यालय लौटी। इसी प्रकार सोमवार को ताल क्षेत्र में चंबल नदी के किनारे पावर प्लांट पर फंसे दो व्यक्तियों को विशेष मोटर बोट भेजकर बचाया गया।

Trending