झाबुआ

*साध्वी निखिलशीलाजी के सानिध्य में प्रेरणा व्होरा ने 16 उपवास की तपस्या पूर्ण की *

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थान्दला (वत्सल आचार्य)- आचार्य श्री उमेशमुनिजी के सुशिष्य प्रवर्तक जिनेन्द्रमुनिजी की आज्ञानुवर्तिनी साध्वी् निखिलशीलाजी, दिव्यशीलाजी,प्रियशीलाजी,दीप्तिजी ठाणा-4 स्थानीय पौषध भवन पर चातुर्मास हेतु विराजित हैं। साध्वी मंडल के सानिध्य में प्रातः राई प्रतिक्रमण, प्रार्थना,व्याख्यान प्रातः09 से 10 बजे तक, दोपहर मे ज्ञान चर्चा, शाम को देवसी प्रतिक्रमण,कल्याण मंदिर,चोवीसी आदि विविध आराधनाएँ हो रही है। जिसमें श्रावक श्राविकाएँ उत्साहपूर्वक आराधना कर रहे हैं। साध्वी निखिलशीलाजी व साध्वी मंडल के सानिध्य मे श्री संघ के श्रावक-श्राविकाएं उपवास,आयंबिल,नीवीं,एकासन,बियासन आदि विविध तप आराधना प्रतिदिन कर रहे है। प्रतिदिन राईय एवं देवसिय प्रतिक्रमण श्रावक वर्ग का दौलत भवन(महिला स्थानक) पर व श्राविका वर्ग का प्रतिक्रमण पौषध भवन पर हो रहा है।

साध्वी मंडल के सानिध्य में तपस्याओं का दौर जारी

साध्वी निखिलशीलाजी व साध्वी मंडल के सानिध्य में यहाँ तपस्याओं का दौर जारी है। यहाँ पर प्रेरणा आयुष व्होरा ने 16 उपवास की व सारांश श्रीश्रीमाल ने 9 उपवास की तपस्या पूर्ण की। तपस्या पूर्ण होने पर श्रीसंघ की ओर से विभिन्न तपाराधको ने तप की बोली लेकर तपस्वी का शॉल ओढाकर माला पहनाकर बहुमान किया। गुरूवार को धर्मसभा मे रवि गादिया ने 11 उपवास, श्री धर्मलता जैन महिला मण्डल की पूर्व अध्यक्ष तारा भंसाली व हितेश पावेचा ने 10-10 उपवास के प्रत्याख्यान ग्रहण किए । वही कई तपाराधको ने विविध तप के प्रत्याख्यान ग्रहण किए । कई आराधक वर्षीतप की आराधना भी कर रहे है जिसमें कुछ आराधक ऐसे भी है जो लंबे समय से वर्षीतप की आराधना निरंतर कर रहे है। धर्मसभा का संचालन श्री संघ सचिव प्रदीप गादिया ने किया। गुरूवार को प्रभावना का लाभ नानालाल श्रीश्रीमाल परिवार ने लिया।

फोटो :- प्रेरणा व्होरा 16 उपवास

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