झाबुआ

सामाजिक महासंघ झाबुआ ने की झाबुआ के राजा की आरती

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झाबुआ — सामाजिक महासंघ झाबुआ द्वारा हमेशा सकारात्मक कार्यों को अंजाम दिया जाता है चाहे वह कार्य सामाजिक हो रचनात्मक हो या खेल गतिविधि से जुड़ा हूवा सभी अवसरों पर एक जन जागरूकता की अपील करना सामाजिक महासंघ झाबुआ की खासियत रही है इस वर्ष गणेश उत्सव में झाबुआ के सभी गणेश पंडालो में रोजाना सुबह व शाम को बप्पा की आरती भव्य तरीके से की जा रही है
लेकिन झाबुआ के राजा की 22 सितंबर को रात्रि 8:30 बजे की गई आरती अपनी एक अमिट छाप छोड़ गई सामाजिक महासंघ झाबुआ ने यह तय किया था कि इस बार आरती शहर के वरिष्ठ नागरिकों द्वारा करवाई जाएगी एवं एक सामाजिक संदेश व महत्वपूर्ण अपील सरकार से की जाएगी इसी बात को ध्यान में रखते हुए एक व्यक्ति एक पेंशन की थीम बनाई गई थी ताकि देश का राजस्व बचाया जा सके और जनप्रतिनिधियों को अनेकों बार मिलने वाली पेंशन को रोककर केवल एक बार किया जाना कानून बनाकर लागू करे जिससे विकास कार्य का खाका तैयार करने में किसी प्रकार की आर्थिक परेशानी नहीं झेलना पड़े

एक व्यक्ति एक पेंशन की मांग से राष्ट्र का होगा विकास

सामाजिक महासंघ झाबुआ के अध्यक्ष नीरज सिंह राठौर एवं सचिव उमंग सक्सेना ने बताया कि इस महत्वपूर्ण मांग को लेकर सर्वप्रथम शहर के लगभग 6 दर्जन वरिष्ठ नागरिक पैलेस गार्डन पर एकत्रित हुए वहां से रैली के माध्यम से राजवाड़ा चौक, गोवर्धन नाथ मंदिर चौराहा,नेहरू मार्ग होते हुए कस्तूरबा मार्ग स्थित झाबुआ के राजा के दरबार में पहुंचे वहां पहुंचकर सामाजिक महासंघ के सदस्यों एवं उपस्थित वरिष्ठ नागरिक जनों ने बैनर पोस्टर लहराकर एक व्यक्ति एक पेंशन की मांग सरकार से की है इस अवसर पर डॉक्टर के के त्रिवेदी ने कहा कि जनप्रतिनिधियों को लगातार मिलने वाली पेंशन योजना देश में असमानता को जन्म दे रही है सांसद विधायक एवं अन्य पदों पर केवल एक बार चुने जाने के बाद उन्हें पेंशनों का लाभ प्राप्त होता है और बार-बार चुने जाने पर अनेकों बार पेंशन का लाभ प्राप्त होता है जबकि कर्मचारी 60 वर्ष की उम्र में सेवानिवृत होने के बाद एक ही पेंशन का लाभ ले पाते हैं यह बात असमानताओं को आगे बडाती है इसलिए पूरे देश में एक व्यक्ति एक पेंशन की योजना को कानून बनाकर लागू करना चाहिए

धर्म व राष्ट्र भक्ति के नारों से गुंजायमान हुआ पंडाल

सामाजिक महासंघ झाबुआ द्वारा की गई सरकार से मांग एक व्यक्ति एक पेंशन, असमानता दूर भगाना है एक व्यक्ति एक पेंशन अपनाना है, जन-जन की यही पुकार एक व्यक्ति एक पेंशन का हो संविधान, राजनीति का दोष मिटाना है एक व्यक्ति एक पेंशन लागू कराना है, देश का राजस्व बढ़ाना है एक व्यक्ति एक पेंशन कानून बनाना है, भारत माता की जय, वंदे मातरम ,धर्म भूमि झाबुआ की जय ,झाबुआ के राजा की जय, गणपति बप्पा मोरया जैसे नारे लगाकर पूरा पंडाल धर्म व राष्ट्र के नारों से गूंजायमान हो गया था सभी और इस बात की खासी चर्चा थी कि सरकार इस पर ध्यान दे तो यह मुद्दा राष्ट्र के विकास के लिए काफी अच्छा सिद्ध हो सकता है

यह रहे उपस्थित

इस अवसर पर पंडित गणेश उपाध्याय, राधेश्याम परमार,जयेंद्र बैरागी ,कोमल सिंह कुशवाहा, भेरू सिंह चौहान, नटवर सिंह राठौर,भारत सिंह राठौर, जगदीश टेलर, राजेश टेलर, अरुण अरोरा, जितेंद्र शाह, राजेश शाह, सुभाष दुबे ,विनोद जायसवाल , पी डी रायपुरिया, कुलदीप सिंह पवार, सुधीर कुशवाहा, रुक्मणी वर्मा, कुंता सोनी, राधा अरोड़ा,घनश्याम बैरागी, भेरू सिंह सोलंकी, गोपाल सिंह चौहान, राजेंद्र जोशी ,मधुसूदन शर्मा ,विजय अरोड़ा, सुशीला भट्ट ,अजय रामावत, गजेंद्र चंद्रावत ,प्रदीप जैन, हार्दिक अरोड़ा, कमलेश पटेल , हरीश लाल शाह आम्रपाली, चेतन व्यास, अजय सिंह पवार, सुनील चौहान, गोपाल सिंह राठौड़ एवं मनोहर सिंह राठौर सहित बड़ी संख्या में सामाजिक महासंघ के कार्यकर्ता एवं वरिष्ठ नागरिक उपस्थित थे इस दौरान झाबुआ के राजा के प्रमुख कार्यकर्ता बाबूलाल पांचाल जितेंद्र पांचाल, मनोज पांचाल, सचिन बैरागी सहित बड़ी संख्या में सदस्यगण उपस्थिति थे

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