झाबुआ

दिनकर जयंती पर राष्ट्रीय कवि संगम द्वारा काव्य संध्या का आयोजन (कार्यक्रम में लोकतंत्र सेनानी स्व.योगेन्द्र भावसार को पुष्पांजलि अर्पित की गई )

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दिनकर जयंती पर राष्ट्रीय कवि संगम द्वारा काव्य संध्या का आयोजन
(कार्यक्रम में लोकतंत्र सेनानी स्व.योगेन्द्र भावसार को पुष्पांजलि अर्पित की गई )
 झाबुआ – राष्ट्र कवि रामधारी सिंह दिनकर की जयंती पर राष्ट्रीय कवि संगम झाबुआ द्वारा स्थानीय पैलेस गार्डन पर सुंदर रूप में काव्य संध्या का आयोजन किया गया । कार्यक्रम का शुभारंभ वरिष्ठ साहित्यकार डॉ.के.के.त्रिवेदी, पं.गणेशप्रसाद उपाध्याय, एम.एल.फुलपगारे , यशवंत भंडारी “यश” एवं सामाजिक महासंघ के अध्यक्ष नीरज राठौर द्वारा माँ सरस्वती की प्रतिमा पर माल्यार्पण एवं दीप प्रज्वलित कर किया गया । रचनाकर श्रीमती भारती सोनी की सरस्वती वन्दना के साथ शुरू हुए इस कार्यक्रम में उपस्थित अतिथि एवं साहित्यकारों ने राष्ट्र कवि रामधारी सिंह दिनकर की तस्वीर पर माल्यार्पण करने के साथ ही हाल ही में दिवंगत हुए लोकतंत्र सेनानी योगेन्द्र जी भावसार को भावपूर्ण पुष्पांजलि प्रदान की । कार्यक्रम में उपस्थित अतिथियों के स्वागत के पश्चात वरिष्ठ साहित्यकार डॉ.के.के.त्रिवेदी एवं पं.गणेशप्रसाद उपाध्याय सहित कई साहित्यकारों ने स्व. श्री भावसार के जीवन पर प्रकाश डालते हुए उनके कई अविस्मरणीय सेवा कार्यों को याद किया और उन्हें काव्य रूप में श्रद्धा सुमन अर्पित किए । काव्य संध्या कार्यक्रम में रचनाकार यशवंत भंडारी “यश”ने विभिन्न विषयों पर दोहे ,कहानीकार डॉ.अंजना मुवेल ने नई कविता मेरे पास रखी है कुछ चिट्ठियां,जयेंद्र वैरागी ने देशभक्ति पर मुक्तक, डॉ.पी.डी.रायपुरिया ने चंद्रयान पर अपनी नई रचना चंदा पर लहराए तिरंगा,और श्रीमती भारती सोनी ने पिता पर अपनी सुंदर रचना की प्रस्तुति दी । वही नव रचनाकार दीपांशु गुप्ता ने भी दिनकर की प्रसिद्ध कविता वर्षों तक वन में घूम-घूम,बाधा-विघ्नों को चूम-चूम की शानदार प्रस्तुति से कार्यक्रम का समां बांध दिया ।
कार्यक्रम में मनोज कुमार , श्रीमती मीनाक्षी सावल, कृष्णकांत सावल, श्रीमती वंदना सावल,प्रकाश,अजय सहित कई काव्यप्रेमी उपस्थित रहे । कार्यक्रम का संचालन संस्था अध्यक्ष प्रवीण कुमार सोनी द्वारा किया गया तथा आभार रचनाकर जयेंद्र वैरागी ने व्यक्त किया ।

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