झाबुआ

मानव स्वभाव ही ऐसा है की हम बीना उत्सव के नही रह सकते उत्सव प्रिय होना मानव स्वभाव है हमारे त्यौहार होना ही चाहियेकेलाशजी मालीवाल

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सेवा भारती संकुल थांदला द्वारा भव्य गणेश विसर्जन कार्यकम संपन्न

दशहरा मैदान पर सामूहिक रूप से ग्रामीण क्षेत्रों से आई झांकी को देखने उमड़ी भीड़

थांदला (वत्सल आचार्य) थांदला विधानसभा क्षेत्र में सेवा भारती द्वारा पीछले 28 वर्षो से गणेशजी की प्रतिमा का वितरण थांदला संकुल स्तर पर किया जाता है कुल 116 गांव में गणेशजी की प्रतिमा की स्थापना कर उल्लास के साथ ये पर्व धूमधाम से मनाया जाता है।
सेवा भारती द्वारा इस पर्व को मनाते हुवे 28 वे वर्ष में प्रवेश कर चुकी है। अनंत चतुर्दशी पर वितरण की गई गणेशजी की प्रतिमा प्रत्येक गांव से स्थानीय दशहरा मैदान पहुंचती है जहा सामूहिक रूप से पूजा अर्चना के पश्चात नगर में भ्रमण करती है।
इस एतिहासिक गणेश विसर्जन के आयोजन में विशिष्ट अतिथि केलाशजी मालीवाल जिला सह कार्यवाह ने अपने उदबोधन में कहा की सेवा भारती द्वारा विगत वर्षो से धार्मिक कार्यों में अपनी सहभागिता कर रही है थांदला संकुल में सेवा भारती ने अपनी उत्कृष्ट सेवा के 28 वर्ष पूर्ण कर एक कीर्तिमान बनाया है
आपने गणेशजी के विसर्जन के अवसर बाबा गणेश के समस्त अंगो को परिभाषित कर प्रथम पूज्य गणेश की आराधना पर जोर दिया गणेश मंत्र को नित्य करने पर मन पवित्र एवम आत्म शान्ति मिलती है एवम् गणेशजी से जुड़ी अलौकिक कथाओं का जिक्र किया। आपने गणपती विसर्जन क्यों किया जाता है इसके बारे में सटीक जानकारी देते हुवे बताता की
अनंत चतुर्दशी के दिन गणपति को जल में विसर्जित किया जाता है. पौराणिक कथा के अनुसार वेद व्यास जी महाभारत ग्रंथ लिखने के लिए भगवान गणेश को चुनते हैं. वेद व्यास जी कथा सुनाते हैं और गणेश जी लिखते हैं. वेद व्यास जी कथा सुानाते समय अपनी आंखें बंद कर लेते हैं और लगातार 10 दिन तक कथा सुनाते रहते हैं. गणेश जी लगातार वे कथा लिखते रहते हैं. इससे गणेश जी के शरीर का तापमान बहुत ज्यादा बढ़ जाता है. तब वेद व्यास जी गणेश जी को तालाब में स्नान कराते हैं. तभी से गणेश विसर्जन की प्रथा शुरू हुई। अंत में सामूहिक रूप से गणेशजी की महा आरती कर प्रत्येक झांकी को प्रसादी का वितरण बड़े रामजी मन्दिर से किया गया।
कार्यकम में मुख्य वक्ता कैलाश जी मालीवाड,
विशेष अतिथि सेवा भारती जिला संयोजक अमृत भाबर, खंड कार्यवाह कालू चरपोटा, आशा नार्शिंग होम के संचालक ,नगर सेवा प्रमुख डाक्टर विवेक नगर, कैलाश जी आचार्य, ध्यान गिरी जी महाराज उदेपुरिया, शंकर जी महाराज टीमरवानी, आनद जी राठौर, जयंत जी आचार्य उपस्थित थे कार्यक्रम का संचालन कमलेश कटारा और आभार प्रदर्शन थांदला संकुल प्रमुख बदसींग कटिजा द्वारा किया गया।

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