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रोशनदान से 5 करोड़ की ज्वेलरी चोरी:सैलून में हुलिया बदलकर तेज बारिश में पहुंचे; पुलिसवाले की गाड़ी मांगकर लाए

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रोशनदान से 5 करोड़ की ज्वेलरी चोरी:सैलून में हुलिया बदलकर तेज बारिश में पहुंचे; पुलिसवाले की गाड़ी मांगकर लाए  (शिवांकर द्विवेदी रतलाम~साभार दैनिक भास्कर से-)

रतलाम~~रतलाम का सराफा पूरे देश में मशहूर है। यहां रोज लाखों रुपए का व्यापार होता है। सुरक्षा के लिहाज से छह महीने पहले ही प्रशासन ने व्यापरियों की मदद से 25 लाख रुपए खर्च कर पूरे इलाके में 108 सीसीटीवी कैमरे लगाए थे। इसके बावजूद चोर तेज बारिश का फायदा उठाकर 15 सितंबर रात को पूर्व गृह मंत्री हिम्मत कोठारी के भतीजे प्रकाश कोठारी की जावरा स्थित ज्वेलरी शॉप से 5 करोड़ की चोरी कर फरार हो गए।

ये रतलाम जिले की अब तक की सबसे बड़ी चोरी है। जिस रास्ते से चोर वापस भागे, वहां अगली सुबह पुलिस को चांदी की ज्वेलरी बिखरी मिली। घंटाभर तो पुलिस को इन्हें समेटने में ही लग गया। मामले को करीब 20 दिन बीत चुके हैं, लेकिन आरोपी पुलिस की पहुंच से दूर हैं। हालांकि, पुलिस ने उनकी शिनाख्त कर ली है।

चोरी की ये वारदात अजीब इसलिए लगती है, क्योंकि चोर गुना से 312 किमी का सफर कर जावरा आए थे। सराफा में 30 से ज्यादा दुकानों में से कोठारी की दुकान को ही टारगेट किया। वारदात के लिए बदमाशों ने पुलिस विभाग से संबंधित एक व्यक्ति की कार का इस्तेमाल किया।

रतलाम एसपी राहुल कुमार लोढा ने बताया कि वारदात में 5 लोग शामिल हैं। चार के धुंधले चेहरे पुलिस के पास हैं। एक अज्ञात है। पुलिस ने सभी पर दस-दस हजार का इनाम घोषित किया गया है। व्यापारी प्रकाश कोठारी ने आरोपियों की पहचान और उन्हें पकड़वाने में मदद करने वाले व्यक्ति को 11 लाख रुपए इनाम देने की घोषणा की है।

मामले को गहराई से जानने के लिए दैनिक भास्कर की टीम जावरा पहुंची। चोरों ने जिस तरीके से दुकान में सेंधमारी की है, वो आपको हैरान कर देगा।

आधे किमी से भी कम दूरी पर पुलिस चौकी

चोरी रतलाम जिले के जावरा तहसील के बजाज खाना में हुई है। इस एरिया में 30 से ज्यादा सराफा दुकानें है। किराने-कपड़ों की दुकानों को मिला दें तो ये संख्या 150 से ज्यादा हैं। यहीं कोठारी ज्वेलर्स की दुकान है। दुकान से आधे किमी से भी कम दूरी पर पुलिस चौकी है। कोठारी की दुकान के ऊपर तीन मंजिला पक्का कंस्ट्रक्शन है।

ग्राउंड फ्लोर पर दुकान है और ऊपर के तीन फ्लोर में पूरा परिवार साथ में रहता है। दुकान के ठीक पीछे एक बिल्डिंग का कंस्ट्रक्शन चल रहा है। अंडर कंस्ट्रक्शन बिल्डिंग और कोठारी के मकान का पीछे वाला हिस्सा लगभग एक-दूसरे से लगा हुआ है।

अंडर कंस्ट्रक्शन बिल्डिंग के पिछले हिस्से से चोर घर में घुसे

कोठारी ज्वेलर्स के यहां चोरी 15-16 सितंबर की रात को हुई थी। उस रात यहां तेज बारिश हो रही थी। दुकान के फ्रंट गेट पर जो गार्ड तैनात था, वो कार के अंदर बैठ गया था। कार में उसे नींद आ गई। रात करीब 12 से साढ़े 12 बजे के बीच एक एसयूवी कार से पांच लोग यहां पहुंचे। ड्राइवर ने कोठारी की दुकान से करीब 50 मीटर दूरी पर कार खड़ी की।

कार से चार लोग निकले और कोठारी ज्वेलर्स के बगल से गुजरी एक संकरी गली से होते हुए अंडर कंस्ट्रक्शन मकान में दाखिल हो गए। पांचवां व्यक्ति बाहर ही इन लोगों का इंतजार करता रहा। बिल्डिंग का जो हिस्सा कोठारी के मकान से सटा हुआ था, वहां से ये चारों बारी-बारी घर के पहले फ्लोर के पिछले दरवाजे तक पहुंच गए।

दो फीट के रोशन दान से कमरे में पहुंचे

यहां से घर में दाखिल होने के लिए बदमाशों को एक दरवाजे को तोड़ना पड़ता, लेकिन इससे आवाज आती और घर के लाेग उठ जाते। ऐसे में चोरों ने इस दरवाजे के ऊपर बने दो फीट के रोशनदान से अंदर जाने की तरकीब लगाई। रोशनदान पर लोहे की मजबूत जाली लगी थी। इसे चोरों ने निकाल दिया। इसके बाद उनका एक साथी इसी दो फीट के गैप वाले रोशन दान से घर के अंदर चला गया। उसने पिछला दरवाजा खोला और सभी घर में घुस गए।

6 ताले काटे और घंटेभर में निकल गए

चारों बदमाशों ने घर में दाखिल होते ही सबसे पहले मेन हाॅल में बनी दो अलमारियों की तलाशी ली। इनमें उन्हें कुछ नहीं मिला। उन्होंने हाॅल से लगे एक कमरे को बाहर से बंद कर दिया। इसमें कोठारी की मां मनोरमादेवी सो रही थीं। बाकी परिवार के सदस्य घर के दूसरे और तीसरे फ्लोर पर सो रहे थे।

चोर सीढ़ियों के रास्ते नीचे घर के अंदर से दुकान तक जाने वाले दरवाजे तक पहुंचे। यहां उन्हें सुरक्षा के चार लेयर्स पार करने थे। जिस दरवाजे के सामने वो खड़े थे, उस पर तीन कुंडियां थीं। इन तीनों कुंडियों में रतलाम में मिलने वाले सबसे मजबूत लोहे के ताले जड़े हुए थे। इनको तोड़ने में समय जाता, इसलिए उन कुंडियों को ही निकाल दिया, जिस पर ये ताले लगे थे।

इस दरवाजे के ठीक बाद मोटे चादर वाली लोहे की शटर लगी थी। शटर पर दो-दो किलो के मजबूत दो ताले लगे थे। यहां कोई कुंडी नहीं थी, इसलिए चोरों को इन तालों को काटना पड़ा। इसके बाद उन्होंने दुकान से चांदी के गहने लूटे। साथ ही करीब 4 लाख कैश भी उठा लिया। इसके बाद ग्राउंड फ्लोर से ही एक-दूसरे दरवाजे से फरार हो गए। जिस दरवाजे से चोर बाहर निकले वहां भी एक ताला लगा हुआ था, जिसे उन्होंने आसानी से खोल लिया।

सुबह रास्ते में बिखरी मिली चांदी, पुलिसवाले की कार लेकर आए थे चोर

सुबह करीब 6:30 बजे कोठारी परिवार को चोरी का पता लगा तो उनके होश उड़ गए। सूचना मिलते ही एसपी से लेकर पुलिस के तमाम अधिकारी मौके पर पहुंचे। पुलिस को क्राइम सीन इंवेस्टिगेशन के दाैरान चोरों की वापसी वाले रास्ते पर चांदी के गहने बिखरे हुए मिले। पुलिस ने कार ट्रेस करने के लिए बजाज खाने में लगे सारे कैमरों की 24 घंटे की रिकॉर्डिंग चेक की।

इसके अलावा इस तरह के पैटर्न की चोरी के संबंध में आसपास के थानों से जानकारी भी मंगवाई। रिकॉर्डिंग में पुलिस को एक कार 15 सितंबर को दिन के समय लगातार कोठारी ज्वेलर्स के आसपास चक्कर लगाती दिखी। कार के बारे में पता किया तो मालूम पड़ा कि ये कार पुलिस विभाग के एक अधिकारी की है। उन्होंने जांच दल को बताया कि गाड़ी उन्होंने एक दिन पहले अपने ड्राइवर को दी थी।

ड्राइवर उनसे ये कहकर गाड़ी ले गया था कि उसके दोस्त का परिवार अयोध्या जाना चाहता है। इसके बाद गाड़ी ड्राइवर ने अपने दोस्त को दे दी। ये गाड़ी अयोध्या की जगह जावरा पहुंची। पुलिस के मुताबिक चोरी के 24 घंटे पहले आरोपी जावरा पहुंच चुके थे। कार होने के कारण पुलिस को इस ग्रुप पर शक भी नहीं हुआ। वहीं ड्राइवर भी फरार है।

वारदात से पहले सैलून जाकर हुलिया बदलवाया

जावरा थाना इंचार्ज हरीश जेजुलकर ने बताया कि पांच में से चार आरोपियों की पहचान की है। ये सभी गुना के पारदी समाज से संबंध रखते हैं। इनमें खेजड़ा के रहने वाले गंगाराम और पवन नाम के दो सगे भाई हैं। कालिया नाम का तीसरा आरोपी भी खेजड़ा का रहने वाला है।

चौथा मुरारी है, जो बिलाखेड़ी निवासी है। चारों ने अपनी पहचान छिपाने के लिए चोरी से पहले सैलून जाकर पुलिस स्टाइल में हेयर कटिंग और दाढ़ी सेट कराई थी। पांचवें आरोपी के संबंध में पुलिस को अब तक कोई स्पष्ट जानकारी नहीं मिल पाई है, क्योंकि ये बहुत कम ही कार के बाहर आया था।

चोरों को सब पता था… कोई करीबी वारदात में शामिल

कोठारी की दुकान में जिस तरह चोरी हुई है, उससे इस बात की संभावनी बन रही है कि पूरे खेल में घर और दुकान के बारे में जानने वाल कोई करीबी शामिल था। चोरों ने दूसरे-तीसरे फ्लोर को छोड़कर पहला फ्लोर ही चुना, क्योंकि यहां सिर्फ मनोरमा देवी का ही कमरा था। ग्राउंड और फर्स्ट फ्लोर पर वही एक दरवाजा था जिस पर रोशनदान लगा था। मतलब चोरों को मालूम था कि वो घर के अंदर एंट्री कहां से कर सकते हैं।

इसके अलावा चोर जिस दरवाजे से बाहर निकले उस ताले की चाबी कहां रखी होती थी, उन्हें ये भी जानकारी थी। तालों को तोड़ने के हिसाब से आरोपी औजार भी लेकर आए थे। पुलिस ने पिछले कुछ महीनों में कोठारी के यहां नौकरी छोड़ने वालों की लिस्ट भी मंगवाई है। इसके अलावा अंडर कंस्ट्रक्शन बिल्डिंग में काम करने वाले मजदूरों से भी पूछताछ कर रही है। पुलिस ने दावा किया है कि वो जल्द ही इस मामले में बड़ा खुलासा करेगी।

पांच पॉइंट में समझिए पुलिस क्यों आरोपियों से अब तक दूर

  1. गुना में पुलिस आरोपियों को पकड़ने के लिए दो बार जा चुकी है। ये सभी एक साथ रहते थे। घर पर 40 महिलाएं हैं। इनमें से कोई भी पूछताछ के दौरान सही जानकारी नहीं दे रहीं हैं। घर के सारे पुरुष जंगल में रहते हैं।
  2. चोर खबरों पर लगातार नजर बनाए हुए हैं। जैसे ही अखबार और डिजिटल मीडिया पर वारदात की खबर पब्लिश हुई ये सभी अंडर ग्राउंड हो गए हैं।
  3. समुदाय के अधिकतर लोग मूलतः क्राइम में ही संलिप्त हैं। पुलिस पर इनके लोग नजर बनाए हुए हैं। सारी जानकारी इन तक पहुंचाई जा रही है।
  4. कार की आखिरी लोकेशन गुना से मिली है, पुलिस को इसके बाद को कुछ नहीं पता। पुलिस कार की तलाश में पूरा जंगल तलाश रही है।
  5. सेलुलर नेटवर्क की जो आखिरी जानकारी मिली थी, वो जंगल के अदंर की थी। वहां पुलिस को कोई नहीं मिला। चोर पुलिस को अलग-अलग लोकेशन में नंबर ऑन कर चकमा दे रहे हैं।(साभार दैनिक भास्कर से)

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