झाबुआ

शास्त्रों के अनुसार कन्या पूजन के दिन आमंत्रित की गई कन्याओं का सच्चे मन से स्वागत करना चाहिए-पण्डित द्विजेन्द्र व्यास हाउंसिंग  बोर्ड कालोनी मां जगदंबा धाम परिसर पर हुआ कन्या भोज का अनुकरणीय आयोजन ं

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शास्त्रों के अनुसार कन्या पूजन के दिन आमंत्रित की गई कन्याओं का सच्चे मन से स्वागत करना चाहिए-पण्डित द्विजेन्द्र व्यास
हाउंसिंग  बोर्ड कालोनी मां जगदंबा धाम परिसर पर हुआ कन्या भोज का अनुकरणीय आयोजन 


झाबुआ ।
 शारदेय नवरात्रि की पंचमी 19 अक्टूबर को शिवालय सेवा समिति और मां नवदुर्गा धाम हाउसिंग बोर्ड कॉलोनी द्वारा संयुक्त रूप से मां जगदंबा धाम परिसर में कन्या भोज का आयोजन किया गया। आयोजन में शामिल कन्याओं के पैर पखारे ये और उन्हे मातास्वरूपा मान कर पूजनादि अनुष्ठान किया गया । पण्डित द्विजेन्द्र व्यास के अनुसार कन्या भोज के अवसर पर कन्यापूजन का बडा ही शास्त्रोक्त महत्व होता है। शास्त्रों के अनुसार कन्या पूजन के दिन आमंत्रित की गई कन्याओं का सच्चे मन से स्वागत करना चाहिए । इससे देवी मां प्रसन्न होती हैं। इसके बाद स्वच्छ जल से उनके पैरों को धोना चाहिए। इससे भक्त के पापों का नाश होता है। इसके बाद सभी कन्याओं के पैर छूकर आशीर्वाद लेना चाहिए। इससे भक्त की तरक्की होती है। पैर धोने के बाद कन्याओं को साफ आसन पर बैठाना चाहिए। अब सारी कन्याओं के माथे पर कुमकुम का टीका लगाना चाहिए और कलावा बांधना चाहिए। कन्याओं को भोजन कराने से पहले अन्य का पहला हिस्सा देवी मां को भेंट करें, फिर सारी कन्याओं को भोजन परोसना चाहिये । हमारे शास्त्रों में कन्याओं को साक्षात देवी स्वरूपा माना जाता है ।मां दुर्गा को हलवा, चना और पूरी का भोग लगाया जाता है। भोजन समाप्त होने पर कन्याओं को अपने सामथ्र्य अनुसार दक्षिणा अवश्य दें। क्योंकि दक्षिणा के बिना दान अधूरा रहता है। अंत में कन्याओं के जाते समय पैर छूकर उनका आशीर्वाद लें और देवी मां को ध्यान करते हुए कन्या भोज के समय हुई कोई भूल की क्षमा मांगें। ऐसा करने से देवी मां प्रसन्न होती हैं और भक्तों के सभी कष्ट दूर होते हैं। और शिवालिका समिति द्वारा शास्त्रोक्त विधि से कन्याभोज का पंचमी को आयोजन किया ।


कन्या पूजन का यह आयोजन में सरस्वती शिशु मंदिर, बुनियादी पाठशाला रामकृष्ण आश्रम माध्यमिक विद्यालय पुरानी जनपद पंचायत के सामने की कन्याओं को आमंत्रित कर किया गया । आयोजनकर्ताओं द्वारा इन विद्यालयो से कन्याओं को कार्यक्रम स्थल लाया गया और कन्या भोज के बाद पुनः उन्हें विद्यालय छोड़ा गया। शिवालय सेवा समिति और नवदुर्गा धाम समिति की महिलाओं एवं झाबुआ यूथ क्लब के युवाओं द्वारा कन्या भोज में परोसगारी में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। आयोजन की सफलता पर शिवालय सेवा समिति ने नवदुर्गा धाम समिति का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि अगले वर्ष शिवालिक सेवा समिति और नवदुर्गा धाम समिति के साथ मिलकर नगर कन्या भोज का आयोजन करेगी । समिति के पदाधिकारियों ने नगर की धर्म प्रेमी जनता से समिति द्वारा आयोजित कार्यक्रमों में सहयोग की अपील की ताकि आज की युवा पीढ़ी सनातन धर्म के पारम्परति रीति रिवाजों से विमुख होरही है उन्हे हमे बताना होगा यह हर परिवार का नैतिक दायित्व होता है । क्योकि आज की युवा पीढ़ी को संस्कार की शिक्षा देने की महती आवश्यकता है। हमारा देश विज्ञान के नाम पर नहीं बल्कि हमारी आध्यात्मिक सत्य सनातनी संस्कृति और महापुरुषों के पराक्रम के बलबूते पर ही पहचाना जाता है। हमारी इस संस्कृति का अनुसरण बड़े-बड़े देश करते चले जा रहे है। लेकिन हम अपनी इस संस्कृति को भूलकर पाश्चात्य सभ्यता की ओर आगे बढ़ रहे है और बच्चों को भी आगे बढ़ा रहे है। आध्यात्मिता के आगे विज्ञान नतमस्तक है। धर्म के प्रति निष्ठा, गुरु के प्रति शिष्य का समर्पण, माता पिता के आगे संतान का सेवा भाव ही जीवन के प्रमुख लक्ष्य है। युवा शक्ति को जागृत करने की आवश्यकता है।
कन्या भोज के सफल आयोजन पर शिवालिका समितिका आभार नगरवासियों ने व्यक्त किया है । ऐसे धार्मिक आयोजन करने के लिये साधुवाद दिया गया है ।

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