झाबुआ

भाजपा जिलाध्यक्ष श्री सुराणा के नेतृत्व में भाजपा रूठो को मनाने में हो रही कामयाब

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झाबुआ- जैसे-जैसे विधानसभा चुनाव की तारीख पास आती जा रही है वैसे-वैसे विधानसभा चुनाव लड़कर विधायक बनने का सपना देखने वाले बागीयो की बगावत भी अब धीरे-धीरे शांत होती जा रही है । यदि हम बात करें भाजपा की तो भाजपा जिलाध्यक्ष के सफल नेतृत्व में बागीयो को साधने में और रूठो को मनाने में भाजपा लगातार कामयाब होती जा रही है जिससे प्रत्याशियों को चुनाव प्रचार और चुनाव में दिक्कतें और परेशानियां न हो । टिकट की चाह रखने वाले नेताओं ने घोषित प्रत्याशियों के खिलाफ माहौल बनाने के लिए रैली निकाली , मीडिया में भी खूब बढ़-चढ़कर बयान भी दिए ,चर्चा में भी आए मगर अब नामांकन फार्म जमा करने की अंतिम तारीख से पहले सब शांत हो गए । संभवत: पार्टी व संगठन का महत्व उन्हें समझ में आ गया है और उन्हें समझा दिया गया है जिले की तीनों विधानसभा सीटों पर भाजपा से बगावत करने वाले आधा दर्जन से ज्यादा नेता अनुशासन का पाठ पढ़कर पुन: संगठन में लौट आए हैं और पार्टी की नीति अनुसार काम करने को तैयार है । जो भाजपा जिलाध्यक्ष की कुशल रणनीति का परिचायक है ।

श्री सुराणा के प्रयास से बागीयो को मनाया गया…..
भाजपा जिलाध्यक्ष श्री सुराणा के प्रयास और राजनीतिक सुझबुझ से पार्टी के नाराज पदाधिकारी और कार्यकर्ता भी भाजपा उम्मीदवार के पक्ष में काम करने के लिए तैयार हो गए। जिले की पेटलावद और झाबुआ विधानसभा में श्री सुराणा ने यह कर दिखाया। झाबुआ विधानसभा में पार्टी प्रत्याशी को थोपा हुआ उम्मीदवार बताने वाले  जिला महामंत्री के बगावती तेवर भी अब नरम पड़ गए हैं जिलाध्यक्ष प्रवीण सुराणा के नेतृत्व में उन्हें बागी होने से बचा लिया गया और पार्टी संगठन के साथ काम करने के लिए राजी भी कर लिया गया है । वही पूर्व विधायक शांतिलाल बिलवाल की नाराजगी को दूर करने के किस्से भी सुनने में आ रहे हैं । इसके अलावा राणापुर क्षेत्र में भानु भूरिया का विरोध करने वाले भंवरसिंह बिलवाल, गोविंद अजनार पिछले कुछ समय से नजर नहीं आ रहे हैं । वही राणापुर की पूर्व नगर पालिका अध्यक्ष सुनीता अजनार भी पार्टी की बैठकों में लगातार दिखाई दे रही है । पेटलावद में जनपद अध्यक्ष रमेश सोलंकी नामांकन फार्म ले आए थे। कुछ मंडल अध्यक्ष भी अंदरूनी तोर पर पार्टी से नाराज थे। शनिवार को श्री सुराणा पेटलावद गए और सभी से चर्चा की। चर्चा के बाद सभी नाराज पदाधिकारी भाजपा उम्मीदवार के पक्ष में काम करने के लिए तैयार हो गए। आज श्री सोलंकी को भी मनाने में सफल हो गए। रूठों को मनाने में श्री सुराणा ने जिस तरह सफलता पाई, उसका फायदा सीधे तौर पर झाबुआ विधानसभा प्रत्याशी भानू भूरिया, पेटलावद विधानसभा प्रत्याशी निर्मला भूरिया को मिलना तय माना जा रहा है। भाजपा जिला अध्यक्ष द्वारा लगातार जिले के मंडल अध्यक्षों के से भी संपर्क किया जा रहा है । श्री सुराणा के नेतृत्व में भाजपा लगातार डैमेज को कंट्रोल करने में कामयाब होती जा रही है । और यदि समय रहते बाकी बागीयो को भी भाजपा मनाने में कामयाब हो जाती है तो विधानसभा चुनाव में भाजपा प्रत्याशीयो की राह आसान हो सकती हैं ।

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