झाबुआ

शहर की सड़कें बनीं पार्किंग स्थल -मेला मैदान की है कमी,क्या स्थिति होगी आने वाले त्याहारों पर…? पूरे राजवाड़े को ही बेच दिया गया है….और पार्किंग की व्यवस्था नहीं – बैंकों के सामने स्थिति बेहद खराब………………

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शहर की सड़कें बनीं पार्किंग स्थल -मेला मैदान की है कमी,क्या स्थिति होगी आने वाले त्याहारों पर…?

पूरे राजवाड़े को ही बेच दिया गया है….और पार्किंग की व्यवस्था नहीं – बैंकों के सामने स्थिति बेहद खराब………………

झाबुआ। । शहर में पार्किंग न होने के कारण त्योहारों पर लोगों को परेशानियों का सामना करना पड़ता है। वाहन रखने जगह न मिलने पर सड़कों पर वाहन खड़े किए जाते हैं और जाम की स्थिति निर्मित होती है। त्योहारों के पहले नपा द्वारा पार्किंग को लेकर कोई प्लान भी तैयार नहीं किया जाता है। शहर के मुख्य बाजार, राजवाड़ा, बाबेल चौराहेऔर कमल टाकीज गली पर भीड़ अधिकतम रहती है। इन जगहों पर कहीं भी पार्किंग की व्यवस्था नहीं है। त्योहारों पर शहर में मेला मैदान की कमी भी खलती है। मैदान न होने से लोगों को मजबूरी में सड़क के किनारे ही दुकानें लगानी पड़ती हैं। साथ ही दीपावली पर पटाखा दुकानें लगाने के लिए भी हर बार जगह की कमी सामने आती है,लेकिन इस ओर जनप्रतिनिधियों द्वारा ध्यान नहीं दिया जा रहा है।

पार्किंग की व्यवस्था नहीं………….
नगर के प्रमुख स्थानों पर वाहनों के खड़े करने पार्किंग की व्यवस्था नहीं है। इससे लोगों वाहनों को इधर-उधर खड़ा करना मजबूरी हो जाती है। इसके कारण आए दिन विवाद की स्थिति बन रही है। ट्रैफिक व्यवस्था दुरूस्त करने यातायात पुलिस और प्रशासन का कोई ध्यान नहीं है।

यातायात व्यवस्था पूरी तरह से चरमरा गई है……
 नगर की यातायात व्यवस्था पूरी तरह से चरमरा गई है। अव्यवस्थित यातायात के कारण सड़कें पार्किंग स्थल बन गई हैं। लोग अपने वाहनों को बेतरतीब तरीके से सड़कों पर खड़े कर रहे हैं। जिससे आए दिन जाम की स्थिति बन जाती है।

बैंकों के सामने स्थिति बेहद खराब … ……………...
शहर में किसी भी बैंक के पास स्वयं की पार्किंग नहीं है। यही वजह है कि यहां आने वाले लोगों के वाहन सड़क पर हमेशा खड़े ही रहते हैं। त्योहार सीजन में जरूरी है कि वाहनों को व्यवस्थित खड़ा कराया जाए, ताकि लोगों को परेशान न होना पड़े, कुछ दिन पूर्व रहवासियों ने धरना देकर इसकी शिकायत प्रशासन से की भी थी। जिसके बाद  पुलिस ने बैंकों में जाकर भी हिदायत देनी थी लेकिन कुछ दिन बाद हालात जस के तस बन गए है। सबसे बुरी स्थिति तो राजवाड़ा क्षेत्र की बैंक ऑफ बड़ौदा,एसबीआई और बीओआई की है,यहाँ तो मकान मालिक पर तुरंत कठोर कार्यवाही करने की नितांत आवश्यकता है वही कई बार इनको समझाईस और चतावनी देने के बाद भी वे आज तक बेख़ौफ़ बैठे है।

आए दिन बनती है विवाद की स्थिति ……………….
बाजार क्षेत्र ,राजवाड़ा और कमल टॉकीज गली में जाम लगने के कारण कई बार विवाद की स्थिति भी बन जाती है। इसके बाद भी इसमें कोई सुधार नहीं हुआ है। इसी प्रकार की स्थिति बस स्टैंड क्षेत्र पर भी है, जहाँ यातयात पुलिस मात्र ड्यूटी पर खड़े रहकर अपनी ड्यूटी समय खत्म होने का ही इंतज़ार करते है। जिसके कारण यातायात पूरी तरह से अव्यवस्थित रहता है। पूर्व में कई बार वाहन निकालने की बात को विवाद भी हो चुका है। कई बार शांति समिति की बैठक में इस मुद्दे को उठाया गया,लेकिन अभी तक वाहनों के लिए पार्किंग की व्यवस्था नहीं की गई। यहां पर रविवार को साप्ताहिक हाट वाले दिन लोगों को हर बार दिक्कतो का सामना करना पड़ता है।

कमल टॉकीज गली की स्थिति बेहद चिंताजनक……
कमल टॉकीज की गली में तो स्थिति यह हो जाती है कि लोगों का पैदल निकलना भी मुश्किल होता है। दुकानों के सामने ही बाइक खड़ी कर दी जाती हैं। यहाँ की संकरी गलियों में ही दोनों तरफ  वाहन खड़े कर दिए जाते है,जिससे दुकानों तक भी लोगों को पहुंचने में परेशानी होती है।

पूरे राजवाड़े को ही बेच दिया गया है…
नपा चाहे तो राजवाड़ा के द्वार पर खुद के बनाए गए स्थायी मंच को हटाकर एक व्यवस्थित पार्किंग बना सकती है,यह तो उनके लिए बेहद ही सहज भी है। वह यहाँ पार्किंग बना सकती है,लेकिन अभी तक इस पर ध्यान नहीं दिया जा रहा है। जबकि स्थायी मंच की यहाँ आवश्यकता ही नही है।वैसे भी कही पर भी स्थायी मंच बनते भी नही है। झाबुआ में तो हद ही हो गयी है कि मंच बनाया तो भी पुरातन की धरोहर के मुख्य द्वार पर ,जबकि नियम अनुसार पुरातन धरोहर के अस्तित्व को बदला ही नही जा सकता है। पूरे प्रेदेश में झाबुआ ही एक उदाहरण जहाँ पूरे राजवाड़े को ही बेच दिया गया है। गौरतलब है कि हर जगह राजवाड़े प्रशासन के अधीन ही रहते है। प्रशासन की इस ओर चुप्पी क्यो है….? यह तो वे ही जाने….खैर, दीपावली के पूर्व प्रशासन द्वारा वाहन के लिए अलग से खड़े करने की कोई व्यवस्था बनाई जानी चाहिए।
पार्किंग बनाने परिषद की बैठक में विचार किया जाएगा…………………..
राजवाड़े के मुख्य द्वार पर स्थाई पार्किंग बनाने हेतु परिषद की बैठक में विचार किया जाएगा। साथ ही पुलिस विभाग की मदद से  मुख्य बाजार और शहर में इस समस्या का निराकरण किया जाएगा।
………….जाबिर खान-सीएमओ-झाबुआ।

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