RATLAM

मौसम के राजा ‘गराडू’ की रतलाम में आवक शुरू, ये हैं सेवन के फायदे रतलाम में अलग-अलग स्थानों पर तले हुए मसालायुक्त गराडू 300 से 400 रुपए प्रतिकिलो के भाव से बेचे जा रहे हैं।

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मौसम के राजा ‘गराडू’ की रतलाम में आवक शुरू, ये हैं सेवन के फायदे रतलाम में अलग-अलग स्थानों पर तले हुए मसालायुक्त गराडू 300 से 400 रुपए प्रतिकिलो के भाव से बेचे जा रहे हैं।

रतलाम मंडी में 30 से 50 रुपये और बाजार में 60 से 80 रुपये किलो तक बिक रहे

आवक बढ़ने के साथ ही मालवा की माटी में उत्पादित गराडू देश के कई स्थानों पर अपने अनूठे स्वाद के चलते धूम मचाएगा।

आगामी दिनों में ठंडक बढ़ते ही गराडू का वजन बढ़ जाएगा।

नईदुनिया प्रतिनिधि,

रतलाम। मौसम के राजा ‘गराडू’ की आवक शुरू हो गई है। हालांकि शीत ऋतु ने अभी तक अपने तेवर नहीं दिखाए हैं, लेकिन शौकीनों ने गराडू के जायके का लुत्फ उठना शुरू कर दिया है। आवक बढ़ने के साथ ही मालवा की माटी में उत्पादित गराडू देश के कई स्थानों पर अपने अनूठे स्वाद के चलते धूम मचाएगा।

यह है कीमत

वर्तमान में खेरची में 60 से 80 रुपये और मंडी में 30 से 50 रुपए प्रतिकिलो गराडू बिक रहा है। जिले में इस वर्ष 100 से ज्यादा हेक्टेयर में गराडू का उत्पादन हो रहा है। किसानों के अनुसार एक बीघा में 50 से 70 क्विंटल का गराडू का उत्पादन होता है। इस बार गराडू की फसल ठीक है। वर्तमान में मौसम में ठंडक की कमी के कारण गराडू का आकार (वजन) नहीं बढ़ा है। आगामी दिनों में ठंडक बढ़ते ही गराडू का वजन बढ़ जाएगा।

बढ़ जाएंगी दुकानों की संख्‍या

शहर में गर्मागरम मसालायुक्त गराडू की दुकानें सजना प्रारंभ हो गई है। वर्तमान में इनकी संख्या कम है, लेकिन आवक बढ़ते ही शहर में 100 से अधिक स्थानों पर जायकेदार मसालायुक्त गराडू की दुकानें सजेंगी, जहां शौकीनों का शाम से रात तक मेला लगेगा। अलग-अलग स्थानों पर तले हुए मसालायुक्त गराडू 300 से 400 रुपए प्रतिकिलो के भाव से बेचे जा रहे हैं।
मांगलिक आयोजन में भी खपत
खानपान और सेहत की दृष्टि से शीत ऋतु को महत्वपूर्ण माना गया है। यही कारण है कि देवउठनी एकादशी से शुरू होने वाली मांगलिक आयोजनों की धूम में कई जगह मौसम का राजा गराडू आयोजकों की पहली पसंद रहेगा। कई आयोजक शादी-ब्याह सहित अन्य पार्टियों में मेहमानों को मसालायुक्त जायकेदार गराडू परोसकर आयोजन को खास बनाएंगे।
गुजरात-राजस्थान में भी रहती है मांग
शीत ऋतु में मेवे के रूप में उपयोग होने वाले गराडू की मांग हर जगह रहती हैं। जिले में उत्पादित गराडू इंदौर, उज्जैन, मंदसौर, नीमच, भोपाल, दिल्ली, बड़ौदा, अहमदाबाद, बांसवाड़ा आदि स्थानों पर भेजा जाता है।
एक हेक्टेयर में 400 क्विंटल उत्पादन
इस वर्ष जिले में 100 से अधिक हेक्टेयर में गराडू का उत्पादन किया जा रहा है। वर्तमान में गराडू की फसल अच्छी स्थिति में है। कहीं से कोई बीमारी या वायरस की शिकायत नहीं मिली है। एक हेक्टेयर में 350 से 400 क्विंटल का उत्पादन होता है।
गराडू सेवन के फायदे

गर्मागर्म गराडू सर्दी की शाम-रात में खाने से आपको न केवल लाजवाब स्वाद मिलता है। गर्माहट के साथ-साथ शरीर के लिए आवश्यक ऊर्जा भी देता है।यह फाइबर याने रेशे से भरपूर होता है, जो कोलेस्ट्राल को कम करने में मदद करता है। खास तौर से यह बुरे कोलेस्ट्रा को हटाने में मदद करता है। इसके अलावा फाइबर आपके पाचन तंत्र को भी बेहतर बनाता है और कब्ज में फायदेमंद होता है।गराडू कापर, आयरन, कैल्शियम, पोटेशियम, मेंगनीज, फास्फोरस के अलावा कई पोषक तत्वों से भरपूर होता है, जो आपके स्वास्थ्य और सेहत के लिए बेहद फायदेमंद होते हैं।गराडू में विटामिन्स के साथ एंटी आक्सीडेंट भी भरपूर मात्रा में होते हैं, जो न केवल मानसिक तनाव को कम करते हैं, अपितु आपको जवां दिखने में भी मदद करता हैं। यह झुर्रियों के आने की प्रक्रिया को धीमा करने में सहायक है।रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने के लिए भी गराडू फायदेमंद हैं। इसके अलावा यह हड्डियों के विकास में भी सहायक हैं और शरीर की चोट या फिर घाव को जल्दी भरने में सहायक है।(DAINIK NAI DUNIYA SE SABHAR)

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