RATLAM

मुंबई-दिल्ली रेलमार्ग पर 4.2 डिग्री का कर्व हटाने के लिए भैरोगढ़ यार्ड में डाला नया ट्रैक ~ मुंबई-दिल्ली रेलमार्ग ट्रेनों की स्पीड 160 किमी प्रतिघंटा करने के लिए क्रमवार कर्व खत्म किए जा रहे हैं।

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कर्व हटाने के लिए भैरोगढ़ यार्ड में पटरी बिछाता रेलवे का अमला। 

मुंबई-नई दिल्ली रेलमार्ग पर 160 किमी प्रतिघंटा की स्पीड करने की तैयारी

नागदा से गोधरा तक सभी कर्व खत्म कर रहा रेलवे

अब इस ट्रैक पर भी ट्रेनों की स्पीड बढ़ाई जा सकेगी।

 रतलाम। मुंबई-दिल्ली रेलमार्ग पर वर्ष 2024 तक ट्रेनों की स्पीड 160 किमी प्रतिघंटा करने के लिए रतलाम मंडल में रतलाम-गोधरा रेलमार्ग पर भैरोगढ़ यार्ड में वर्षों पुराने कर्व संख्या 97 अप का रीअलाइनमेंट कर गति प्रबंध को समाप्त किया गया।

स्पीड कम होने से बढ़ जाता था ट्रैफ‍िक
भैरोगढ़ यार्ड में किमी 616/15 से 615/19 के मध्य 4.2 डिग्री कर्व होने के कारण अप लाइन पर 60 किमी प्रतिघंटा का गति प्रतिबंध था। इससे ट्रेनों की संरक्षा के साथ ही स्पीड कम होने से रतलाम-गोधरा खंड में ट्रैफिक भी बढ़ जाता था। अब इस ट्रैक पर भी ट्रेनों की स्पीड बढ़ाई जा सकेगी।

चुनौतीपूर्ण कार्य था

दिल्ली-मुंबई मुख्य रेल मार्ग पर होने के कारण प्रतिदिन सैकड़ों यात्री एवं मालगाड़ियों के आवागमन के बीच भैरोगढ़ यार्ड रिमाडलिंग एवं इलेक्ट्रानिक इंटरलाकिंग कार्य पूरा करना काफी चुनौतीपूर्ण था। रेलमंडल जनसंपर्क अधिकारी खेमराज मीणा ने बताया कि रतलाम रेलमंडल प्रशासन के टीडब्ल्यूओ शाखा ने 21 नवंबर को कार्य प्रारंभ कर सात दिन में रविवार को पूरा कर लिया।
विद्युतीकरण कार्य समय रहते पूरा
री-अलाइनमेंट में नए ट्रैक के अनुसार विद्युतीकरण कार्य को भी समय रहते पूरा किया गया। भैरोगढ़ पर एक नया स्टेशन भवन का निर्माण भी किया गया है। इलेक्ट्रानिक इंटरलाकिंग का कार्य समानांतर रूप से किए जाने से समय एवं लागत की बचत भी हुई।
चार घंटे घटेगा सफर का समय
मुंबई-दिल्ली रेलमार्ग ट्रेनों की स्पीड 160 किमी प्रतिघंटा करने के लिए क्रमवार कर्व खत्म किए जा रहे हैं। पूर्व में रतलाम-नागदा के बीच बांगरोद-रूनखेड़ा सेक्शन में एक डिग्री, खाचरौद-बेड़ावन्या के बीच तीन डिग्री, रतलाम-गोधरा रेलखंड पर बिलड़ी में तीन डिग्री के कर्व को 900 मीटर नया टर्नआउट डालकर खत्म किया जा चुका है।
ब्रिज मजबूत किए
वर्ष 2017-18 में स्वीकृत हुए इस प्रोजेक्ट में अधिक वजन वाली रेल पटरियां लगाने के साथ ही ब्रिज मजबूत किए गए हैं। सिग्नल तकनीक भी आधुनिक संसाधनों से लैस की जा रही है। पटरियों के नीचे लोचदार एच-बीम स्लीपर लगाए गए हैं। स्पीड बढ़ने से मुंबई से दिल्ली के बीच का सफर 12 घंटे में पूरा हो जाएगा जबकि अभी 15 से 16 घंटे लगते हैं।( नईदुनिया से साभार)

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