झाबुआ

बंद आश्रय स्थल खुला, महिला कक्ष से कार्यालय साफ

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बंद आश्रय स्थल खुला, महिला कक्ष से कार्यालय साफ

रतलाम। बे सहाराओं के लिए शहर में नगर निगम की ओर से बनाए गए रैन बसेरा ‘आश्रय स्थल अनदेखी का शिकार हो गए थे। पत्रिका ने 29 नवंबर को प्रमुखता से पेज नंबर सात पर ‘बे-सहारों का सहारा रैन बसेरा बंदÓ शीर्षक से खबर प्रकाशित कर जिम्मेदारों का ध्यानाकर्षित करवाया, बुधवार सुबह से ही तीन आश्रय स्थलों की पूछ परख और व्यवस्थित करने के लिए जिम्मेदारों ने दौड़ लगा दी।बस स्टैंड पर आश्रय स्थल बंद था, वहीं पांजरापोल में महिला कक्ष में अन्य कार्यालय चल रहा था। शाम तक शहर के तीन आश्रय स्थल फिर से साफ-सुथरे हो गए, अव्यवस्था सुविधा में बदल गई। आश्रय स्थल पर हो रही अव्यवस्था का पता चलने पर बुधवार रात्रि शहर में रन बसेरों का निरीक्षण कलेक्टर भास्कर लाक्षाकार ने किया।

रात आश्रय स्थल देखने पहुंचे कलेक्टर

कलेक्टर लाक्षाकार ने बस स्टैंड, कालिका माता, सिविक सेंटर, पांजरा पोल के बाद जिला अस्पताल पहुंचकर व्यवस्थाएं देखी और सर्दी के मौसम में कोई लापरवाही नहीं हो के लिए अधिकारियों को निर्देशित किया। कलेक्टर ने रैन बसेरा देखा वहां पर बे सहाराओं को दी जाने वाली वाली व्यवस्थाओं के संबंध में अधिकारियों से जानकारी ली। संबंधित कर्मचारियों को आवश्यक दिशा-निर्देश भी दिए, इसके बाद सिविक सेंटर आश्रय स्थल और फिर हाथी खाना पांजरापोल स्थित आश्रय स्थल पहुंचकर कर्मचारियों से जानकारी ली। इस दौरान एसडीएम संजीवकेशव पांडे तथा नगर निगम के अधिकारी साथ थे।
सुबह से दौड़ लगाई कर्मचारियों ने
बस स्टैंड पर बंद पड़े आश्रय स्थल पर सुबह से साफ-सफाई कर रंगाई-पुताई कर सुव्यवस्थित कर पलंग रखकर बे-सहाराओं के लिए खोल दिए। महिला कक्ष और सुविधाघर की सुबह से सफाई कर पलंग और गद्दे बिछ गए, तो पांजरा पोल स्थित आश्रय स्थल पर महिला कक्ष में संचालित हो रहा कार्यालय सुबह अन्यत्र नजर आया कक्ष में पुन: पुराने खड़े पलंग को सही कर उन पर छह गद्दे, चद्दर, कम्बल और तकिये लाकर बिछा दिए गए।
पांजरा पोल आश्रय स्थल व्यवस्थित
सुबह से आश्रय स्थल के आसपास हो रही गंदगी की सफाई जेसीबी से करवाई गई। महिला कक्ष में लग रहे ग्राहक सेवा केंद्र एमएम इन्फोटेक का कार्यालय की टेबल कुर्सियां हटाकर पूरे कमरे की साफ-सफाई कर खड़े कर रखे पलंग को सही कर बिछाया गया। उन पर छह गद्दे, कम्बल, तकिये चद्दर लगाकर सुव्यवस्थित किया। मुख्य द्वार के ऊपर आश्रय स्थल अंदर महिला-पुरुष के दोनों कमरों पर बोर्ड लगाए। अस्त व्यस्त सामान हटाकर सुविधाघर की सफाई कर बाल्टी, मग, साबुन आदि रखे गए।
बस स्टैंड आश्रय स्थल खोला

महू-नीमच रोड बस स्टैंड बंद पड़े आश्रय स्थल को बुधवार सुबह खोला गया। सुबह से रंगाई पुताई कर आश्रय स्थल का बोर्ड टांगा गया। बंद पड़े महिला कक्ष और सुविधाघर की साफ-सफाई करते हुए सुव्यवस्थित किया। महिला कक्ष में पलंग लगाकर गद्दे बिछाए गए। सुबह आकर कर्मचारियों ने 2022 का रजिस्टर देखा। बताया कि लोकेश नामक कर्मचारी पहले था, उसका स्वास्थ्य खराब होने के बाद से आश्रय स्थल बंद पड़ा था। सिविक सेंटर के कर्मचारी निरंजनसिंह की ड्यूटी बस स्टैंड पर लगाई गई।(दैनिक पत्रिका से साभार)

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