संकल्प ग्रुप द्वारा किया प्रथम चरण मे दस ग्रामीण वृद्ध महिलाओ को गरम कंबल का वितरण।
कड़ाके की ठंड में जरूरतमंदों को बांटे कम्बल, ओढ़ाई स्नेह की चादर ।
झाबुआ । सर्दी की रातें गरीबों एवं इस अंचल के गरीब वर्ग के लिए बहुत भारी पड़ती हैं। उन्हें तलाश रहती है किसी ऐसे मसीहा की जो आकर उनको ठंड से बचा सके। ठिठुरते हुए रात न गुजारनी पड़े। बहुत से वृद्व गरीब आदिवासी इन सर्दी की रातों में खुले आसमान के नीचे कांपते रहते हैं। हालांकि ऐसे कई लोग हैं जो गरीबों की पीड़ा को समझते हुए नेक कार्य के लिए आगे आते हैं और गर्म कपड़े, कम्बल आदि का वितरण कर लोगों को मानव सेवा के लिए प्रेरित करते हैं। सर्द होती रातों में ठंड से कापंते गरीब, असहाय, लाचार लोगों को गर्माहट देने की ठोस पहल के तहत कड़ाके की ठंड में गरीब बच्चों व बुजुर्गों को गर्म कपड़ों के अभाव में न जीना पड़े इसके लिए संकल्पग्रुप की महिला सदस्याओं ने श्रीमती भारती सोनी संकल्पग्रुप प्रमुख के नेतृत्व में गरीब लोगों के बीच जाकर गोपालपुरा में हवाईपट्टी के आसपास के 10 महिला एवं वृद्व लोगों के बीच जाकर गर्म याने उनी कंबलों का वितरण कर मानव सेवा माधव सेवा के महामंत्र को साकार किया ।
श्रीमती भारती सोनी ने बताया कि हम लोग अपने पूर्वजों से गरीब, असहाय लोगों की सहायता करना सीखे हैं। संकल्प ग्रुप नंे गरीब परिवार को ठंड से बचाने का प्रयास किया है। कड़ाके की सर्दी में गर्म कपड़े लेकर बुजुर्ग व महिलाओं के मुंह से दुआएं ही निकल रही थीं। उन्होने शहर के लोगों से अपील की कि जो लोग जिन गर्म वस्त्रों को वह अपने प्रयोग में नहीं ला रहे हैं ऐसी वस्तुओं को अपने आस-पास की झुग्गी-झोंपड़ियों में देकर गरीब लोगों का सहयोग करें ताकि वे भी ठंड से अपनी बचाव कर सकें। गरीब की सहायता करना सबसे बड़ा पुण्य का काम है।
इसी ध्येय को शिरोधार्य कर शीत लहर के इस मौसम मे ग्रामीण परिवेश के वृद्धजनो की सहायता के लिए संकल्प ग्रुप ने गोपालपुरा हवाई पट्टी के आसपास की वृद्ध महिलाओ को सभी सदस्यों के सहयोग से गरम कंबल वितरित किये। कड़ाके की ठंड में जरूरतमंदों को बांटे कम्बल, ओढ़ाई स्नेह की चादर । उपस्थित सदस्यों ने हृदय भाव से इन वृद्धाओ को कंबल ओढाकर अतुल्य स्नेह पाया। ग्रुप की अध्यक्ष भारती सोनी के अनुसार यह प्रथम चरण है अभी अन्य ग्रामीण क्षेत्र की और भी वृद्ध महिलाओ को गरम कंबल वितरण करने संकल्प प्रक्रियाधीन है। इस अवसर पर ज्योति त्रिवेदी, चेतना चैहान, रागिनी राठौर, देवकन्या सोनगरा व आंगनवाडी से शीतल जिया का सहयोग सराहनीय रहा।