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स्व अटल जी के जन्म दिवस पर एक यादगार लम्हा  झाबुआ के डॉ रामशंकर चंचल, भी फ़िजी विश्व हिन्दी समेलन में 

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स्व अटल जी के जन्म दिवस पर एक यादगार लम्हा 
झाबुआ के डॉ रामशंकर चंचल, भी फ़िजी विश्व हिन्दी समेलन में 
झाबुआ आदिवासी पिछड़े अन्चल केमहान साहित्य साधक डॉ रामशंकर चंचल के लिए और झाबुआ जिले के लिए सचमुच यह यादगार लम्हों में एक है कि स्व अटल बिहारी वाजपेयी जी के साथ विश्व हिन्दी भाषा सम्मेलन में देश से आमन्त्रित मात्र २१ हिन्दी लेखक में झाबुआ के डॉ रामशंकर चंचल को भी आमन्त्रित किया गया था~उम्र के ३५ वर्ष में झाबुआ के डॉ रामशंकर चंचल को विश्व हिन्दी भाषा सम्मेलन में देश के स्व प्रधान मंत्री के साथ विश्व हिन्दी भाषा के सम्मेलन में फ़िजी में आमन्त्रित करना सचमुच बेहद गर्व के यादगार लम्हों में एक है जिसे स्व अटल बिहारी वाजपेयी के जन्म दिवस पर सदा ही स्मरण किया जाता है कि झाबुआ की पावन भूमि में  रानापुर में जन्में झाबुआ में सालों से निवास कर रहे महान साहित्य साधक डॉ रामशंकर चंचल भी है देश के उन २१ साहित्यकारों में जिन्हें स्व अटल बिहारी वाजपेयी के मुख्य अतिथि मै हुए फ़िजी विश्व हिन्दी भाषा सम्मेलन में आमन्त्रित किया गया था, यह सचमुच झाबुआ के लिए बहुत यादगार लम्हा था जब जिले के डॉ चंचल को भी इस अद्भुत विश्व सम्मेलन में आमन्त्रण मिलना और फ़िजी के प्रधान मंत्री के और फ़िजी देश के में सात दिन के लिए उनके विशेष रूप से मेहमान बन रहना जो स्व अटल जी के हर जन्म दिवस पर बहुत ही सम्मान से इस सुखद पल को याद किया जाता है वन्दनीय है झाबुआ और डॉ चंचल जो देश के लिए हिन्दी भाषा के अमूल्य योगदान के लिए एक अद्भुत अविरल मिसाल है प्रणाम करता है जिला झाबुआ आज भी सतत् सक्रिय अद्भुत रूप से डॉ रामशंकर चंचल की साहित्य साधना को बड़े गर्व के साथ

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