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त्रि-दिवसीय गीता जयंती समारोह 21 से 23 जनवरी तक श्रद्धा कु साथ मनाया जावेगा । गीता केवल एक शास्त्र ही नहीं वर्णन सनातनी परंपराओं की एक संविदा है- पण्डित विश्वनाथ शुक्ला ।

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त्रि-दिवसीय गीता जयंती समारोह 21 से 23 जनवरी तक श्रद्धा कु साथ मनाया जावेगा ।
गीता केवल एक शास्त्र ही नहीं वर्णन सनातनी परंपराओं की एक संविदा है- पण्डित विश्वनाथ शुक्ला ।

झाबुआ । झाबुआ में गीता जयंती समिति के द्वारा इस उपलक्ष में प्रतिवर्ष धार्मिक एवं आध्यात्मिक कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं । गीता जयंती समारोह समिति इस वर्ष नगर में 59 वां गीता जयंती समारोह मना रही है, .जिसमें नगर में स्थित चारभुजा नाथ मंदिर में 21 जनवरी से 23 जनवरी 2024 तक सामूहिक गीता पाठ का आयोजन पंडित श्री विश्वनाथ शुक्ला के मार्गदर्शन में किया जाना निश्चित किया गया है । जानकारी देते हुए समिति के सक्रिय सदस्य राधेश्याम परमार ने बताया कि उक्त पाठ प्रतिदिन सायंकाल 6 बजे से 7 बजे तक किया जाएगा । तत्पश्चात गीता जी की आरती तथा प्रसादी का वितरण भी किया जाएगा। पण्डित विश्वनाथ शुक्ला के अनुसार मोक्षदा एकादशी के दिन भगवान श्रीकृष्ण ने कुरुक्षेत्र में महाभारत युद्ध के दौरान अर्जुन को गीता ज्ञान दिया था। 700 श्लोक में उद्धरित गीता महाभारत काव्य के भीष्म पर्व से ली गई है।
उनके अनुसार  गीता योग का ग्रंथ है.जिसे न केवल सनातनी परंपरा को मानने वाले पढ़ते हैं,वरन विभिन्न धर्मावलंबी इस महाशास्त्र को पढ़कर चिरंतन काल से चली आ रही परंपरा का अध्ययन कर शास्त्रोक्त विधि से कैसे समाज को धर्म के अनुरूप नियंत्रित किया जावे, उसकी सीमाएं निर्धारित करती है। गीता केवल एक शास्त्र ही नहीं वर्णन सनातनी परंपराओं की एक संविदा है। जिसमें आध्यात्मिक परंपराओं का पालन करने की प्रक्रिया का वर्णन है । उन्होने बताया कि प्रत्येक वर्ष मार्गशीर्ष महीने की शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि को गीता जयंती का पर्व मनाया जाता है। मान्यता के अनुसार, इस दिन भगवान श्रीकृष्ण ने अर्जुन को गीता का उपदेश दिया था। गीता जयंती के दिन पूजा और उपवास करने का भी विधान है। मान्यता है कि ऐसा करने से साधक का मन पवित्र होता है। साथ ही सुख-सौभाग्य की प्राप्ति होती है। पण्डित शुक्ला के अनुसार विश्व का एक इकलौता ग्रंथ है श्रीमद भगवत गीता, जिसकी जयंती मनाई जाती है। यही कारण है कि गीता ग्रंथ का जन्म भगवान श्रीकृष्ण के मुख से हुआ है। ज्ञातव्य है कि गीता में वर्णित सभी श्लोक श्रीकृष्ण के मुख से निकले हैं। इसलिए गीता जयंती मनाई श्रद्धा एवं भक्ति के साथ मनाई जाती है।
समिति ने नगर के समस्त समाजजनो, समाज प्रमुखों तथा गणमान्य नागरिकों से अनुरोध किया है कि भी इस कार्यक्रम में सम्मिलित होकर धर्म लाभ प्राप्त करें

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