22 दिवसीय महा अनुष्ठान का होगा आयोजन, देश के कोने कोन से शामील होगें अनुयायी । गुरूवर परिव्रजाचार्य के रूप में विख्यात रहे तथा पंढरपुर में श्रीविट्ठल भगवान का साक्षात्कार किया – राजेन्द्र अग्निहौत्री .
22 दिवसीय महा अनुष्ठान का होगा आयोजन, देश के कोने कोन से शामील होगें अनुयायी ।
गुरूवर परिव्रजाचार्य के रूप में विख्यात रहे तथा पंढरपुर में श्रीविट्ठल भगवान का साक्षात्कार किया – राजेन्द्र अग्निहौत्री .
झाबुआ। परमात्मा स्वरुप अनंत श्री विभूषित श्री सरस्वती नंदन स्वामी महाराज का आध्यात्मिक महोत्सव वर्ष 2023-24 का 22 दिवसीय महाअनुष्ठान कार्यक्रम आज 27 दिसंबर 2023 बुधवार से आरंभ होकर 17 जनवरी 2024 तक ब्रह्मसमाज थांदला के ब्राह्मण एवं गुरु भक्त मंडल के सहयोग से पदमावती नदी के पावन तट स्थित गुरुद्वारा में धार्मिक कार्यक्रम निजी न्यास बैकुंठ धाम गुरुद्वारा थांदला में आयोजित किया जा रहा है। उक्त जानकारी देते हुए न्यास अध्यक्ष एडवोकेट राजेन्द्र अग्निहौत्री ने बताया कि पूज्य गुरुदेव के महाअनुष्ठान कार्यक्रम में 11 दिवसीय अर्चना अभिषेक सहस्त्र अर्चन, गणेश अथर्वशीर्ष, मां अन्नपूर्णा, सरस्वती तथा महालक्ष्मी का अर्चना अभिषेक एवं ऐश्वर्य दाता धनकुबेर आदि का रुद्राभिषेक विभिन्न दिनों में होना है। तत्पश्चात 11 जनवरी से 17 जनवरी तक सात दिवसीय भव्य कार्यक्रम परम पूज्य गुरुदेव भगवान का अर्चना अभिषेक अनुष्ठान एवं श्रीमद् भागवत पारायण एवं श्रीमद्भगवत गीता एवं श्री विष्णु सहस्त्रनाम एवं श्री गुरुचरित्र के पाठ उपरांत महाअनुष्ठान की पूर्णाहुति की जावेगी ।
उन्होने बताया कि परम पूज्य गुरुदेव महाराज मारवाड़ क्षेत्र में भियपनि ग्राम में अवतरित हुए आपकी माता का नाम अन्नपूर्णा तथा पिता का नाम श्री गंगाधर था । आपने चित्तौड़गढ़ नगर में योगाभ्यास एवं संस्कृत साहित्य का अध्ययन किया। आप मुख्यतः नर्मदा के संत माने जाते थे । गुरूवर नेे नर्मदा परिक्रमा कई बार की थी । बड़वाह ग्राम में नर्मदा किनारे शिवमंदिर में योग साधना और समाधि लेकर पर ब्रह्म में एकाकार होते रहे। गुरूवर में में अलौकिकता के दर्शन जब नेपाल देश के नरेश ने किया, तब नेपाल नरेश ने 240 किलोग्राम का एक घंटा बनवाकर महाराजश्री का नाम उल्लेख करवा कर मंदिर जी में लगवाया ।
गुरूवर परिव्रजाचार्य के रूप में विख्यात रहे आपने पंढरपुर में श्रीविट्ठल भगवान का साक्षात्कार किया । आपके मुख से विट्ठल-विट्ठल का अजपा जाप अहर्निस चलता रहता था। प्रभू श्री विट्ठल ही आपके आराध्य देव रहे तथा आपने माता रूपिणी और रुक्मणी के बीच भगवान श्री विट्ठल की मूर्तियों की स्थापना गुजरात के भदाम बड़ौदा और मध्य प्रदेश के थांदला एवं पेटलावद मंदिर में बनाकर की । बड़ौदा के पोमेलीफलिया वाडी क्षेत्र में संस्कृत पाठशाला खोलकर ब्राह्मण बालकों को वेदाभ्यास करवाया । थांदला में भी ब्राह्मण बालकों के लिए संस्कृत पाठशाला खोलकर उन्हें भी संस्कृत अध्ययन की उपलब्धता करवाई । इनके अनुयायी गृहस्थ ही रहे हैं । गृहस्थ परिजनों पर आपकी असीम अनुकंपा रही है। गुरूदेव के अवतरण दिवस पर उनके अनुयायी अखण्ड नाम संकीर्तन में भाग लेकर कृत-कृत होते रहे हैं।
श्री सरस्वती नंदन स्वामी का वार्षिक महाअनुष्ठान कार्यक्रम प्रतिवर्ष पोष शुक्ल पक्ष की अष्टमी से पूर्णिमा तक आयोजित किया जाता है। न्यास के अध्यक्ष श्री राजेंद्र अग्निहोत्री एडवोकेट ने बताया कि इस वर्ष महाराज श्री का प्रकट महोत्सव 22 दिवसीय आयोजित किया जा रहा है । न्यास के अन्य सदस्य भागवत शुक्ला, श्रीरंग आचार्य, डॉक्टर सुश्री जया पाठक ओम बैरागी, जगदीप आचार्य, रमेन्द्र सोनी, वासुदेव सोनी, ज्ञानदेव आचार्य सत्यप्रकाश परमार, कंचनभाई पटेल, ईश्वर वाणी ,जगदीश भाई बारिया किशोरचंद्र आचार्य, गणपतिदास बैरागी दीपक आचार्य , अरविंद चैहान, डा. राजेंद्रभट्ट,मोहन गढ़वाल वीरेंद्र आचार्य तुषार भट्ट एडवोकेट आदि सदस्य एवं भक्तगण, आश्रम प्रभारी पंडित भूदेव आचार्य के नेतृत्व में कार्यक्रम को सफल बनाने के लिए तन मन धन से प्रयासरत हैं।
आयोजन समिति ने महाअनुष्ठान को सफल बनाने के लिए स्वेच्छा से यजन करने अथवा यजमान के रूप में सम्मिलित होने की अपील सभी धर्मप्रमियों एवं श्रद्धालुजनो से की है।यजमान परिवार के लिए भोजन की व्यवस्था भी न्यास द्वारा ही की गई है । अनुष्ठान प्रतिदिन प्रात 10.00 बजे से दोपहर 3.00 तक रहेगा । अनुष्ठान में समस्त पूजन सामग्री एवं ब्राह्मणों की व्यवस्था भी न्यास द्वारा ही की गई है। .अतः अधिक से अधिक संख्या में यजमानों को एवं भक्तों को सम्मिलित होने की अपील न्यास द्वारा की गई है।