झाबुआ। शहर सहित जिले मे अवैध रूप से जुए सट्टे का कारोबार लगातार बढ़ रहा है और आज की युवा पीढी इन सटोरिए के मकड़ जाल में फंसकर , सटोरिये इनको बर्बाद करने मे कोई कसर नहीं छोड रहे है l इन सटोरिये की कार्यप्रणाली और संचालन को लेकर तथा इनके सरगनाओ को लेकर भी अब तक कोई बड़ी कार्रवाई देखने को नहीं मिली है हां या जरूर है कि खानापूर्ति के लिए पुलिस विभाग द्वारा छोटे-छोटे जुआरियों और सटोरियों को पकडकर पुलिस द्वारा अपनी उपलब्धि. बताई जाती है लेकिन इनके सरगना अब भी पुलिस पकड़ से कोसों दूर है क्यों ……क्या कारण है ।
सूत्रों की बात माने तो आदिवासी बाहुल्य जिले मे जुएं-सटटे का अवैध कारोबार तेजी से फैल रहा हैं । अंचल में इन लोगों के चक्कर में फंसकर युवा पीढी अपना भविष्य खराब कर रही हैं । साथ ही सटटे की लत लग जाने.पर और जुए सट्टे मे हार जाने फर, कई चोरी के धंधे में लिप्त हो जाते हैं, परन्तु युवा पीढ़ी को यह बताने वाला कोई नहीं कि कमाई का कोई शॉर्ट कट तरीका नहीं होता है l शहर में यह जुए सट्टे के कारोबारी दिनभर अपने दो पहिया वाहन से घूमते हुए नजर आते हैं व मोबाइल पर संपूर्ण खाईवाल का काम करते हैं साथ.ही जुए सट्टे के सरगना की जानकारी आम आदमी को तो है लेकिन संभवत पुलिस विभाग को नहीं है या फिर पुलिस विभाग जानकर भी अनजान बना हुआ है । पुलिस कारवाई के अभाव में यह सटोरीये शहर के कई इलाकों में सट्टा लेते हुए देखे जा सकते हैं । कई बार पुलिस द्वारा कागजी खानापूर्ति हेतु कार्रवाई भी की जाती है और विभाग द्वारा अपनी उपलब्धि भी बताई जाती है लेकिन फिर भी पुलिस इन सरगनाओ को पकड़ने में कामयाब नहीं हो पाई है । जिला मुख्यालय सहित जिले भर में खाईवाल बेखौफ सट्टा चला रहे हैं। जिन पर जिम्मेदारों द्वारा कभी कभार ही कारवाई की जाती है । जिसके चलते इनका हौसला बढ़ते जा रहा है। जिम्मेदारों की लापरवाही के चलते इन खाईवालों का अवैध धन्धा इतना फल फूल रहा है कि इन्हें अपने यहां कर्मचारियों की नियुक्ति करना पड़ रही हैं । सूत्रो की माने तो इस क्षेत्र के अलावा सट्टा खाईवाल शहर के लक्ष्मी बाई मार्ग, तेलीवाड़ा,, ,दादावाड़ी गली, ,राजगढ़ नाका,हुडा क्षेत्र, हनुमान टेकरी के आसपास, सिद्धेश्वर कॉलोनी, राजवाड़ा के समीप पानी की टंकी के पास भी बेखौफ सट्टा चला रहे हैं। इसके अलावा शहर के मध्य स्थित अयोध्या बस्ती में सट्टे के अलावा चकरी, जुआ भी बेखौफ संचालित किया जा रहा है, इसके अलावा यहां नशे का यानी इंजक्शन लगाने वालों की भी भरमार है। कुछ साल पूर्व यहां एक छात्र की हत्या हुई थी जो नशेड़ी व सटोरियों ने ही की थी। पुलिस अपने वरिष्ठ अधिकारियों के निर्देश पर यदाकदा इन पर कार्रवाई करती तो है लेकिन कुछ समय बाद पुन: इनका अवैध कारोबार शुरू हो जाता है, कार्रवाई के दौरान इनमें से अधिकांश खाईवालो को कारवाई की पूर्व सूचना मिल जाती है, जिससे ये मौके से नदारद हो जाते हैं। कया शासन प्रशासन इस ओर ध्यान देकर जिले में चल रहे अवैध जुए सट्टे के अवैध कारोबार को लेकर कोई कार्रवाई करेगा…. या फिर यह सड यूं ही चलता रहेगा…..?