झाबुआ

विवेकानंद ने पढ़ाया युवाओं को राष्ट्रवाद का पाठ, वे देश की युवाशक्ति के प्रेरणापुंज थे- सांसद श्री गुमानसिंह डामोर राष्ट्रीय युवा दिवस पर सांसद श्री डामोर ने अंचलवासियों को दी  अग्रिम बधाई

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विवेकानंद ने पढ़ाया युवाओं को राष्ट्रवाद का पाठ, वे देश की युवाशक्ति के प्रेरणापुंज थे- सांसद श्री गुमानसिंह डामोर
राष्ट्रीय युवा दिवस पर सांसद श्री डामोर ने अंचलवासियों को दी  अग्रिम बधाई ।

झाबुआरतलाम/ पूरे देश में 12 जनवरी को स्वामी विवेकानन्द जी की 161 वी जन्म जयंती  राष्ट्रीय युवा दिवस के रूप  में मनाई जावेगी । इस दिन सूर्य नमस्कार,प्राणायाम सहित कई बौद्धिक आयोजन किये जावेगें। इस अवसर पर क्षेत्रीय सांसद श्री गुमानसिंह डामोर ने स्वामी विवेकानंदजी को नमन करते हुए कहा कि स्वामी विवेकानंदजी ने युवाओं को राष्ट्रवाद, आध्यात्म व कर्तव्य परायणता के लिए प्रेरित किया। उन्होने कहा कि पूरे विश्व को सनातन संस्कृति के दीप से प्रकाशित करने वाले स्वामी विवेकानंद की जयंती पर उन्हें कोटिशः नमन व अंचलवासियों को राष्ट्रीय युवा दिवस की शुभकामनाएं। उन्होंने कहा कि राष्ट्र निर्माण के लिए स्वामी जी ने अपने विचारों से युवाओं को राष्ट्रवाद, अध्यात्म व कर्तव्यपरायणता के लिए प्रेरित किया।
श्री डामोर आगे कहा कि विवेकानंद जातिवाद व सामाजिक आडंबरों के प्रखर आलोचक व सामाजिक समरसता के पक्षधर थे। उन्होंने युवाओं में राष्ट्र चेतना जागृत करने के साथ आधुनिकता से अध्यात्म को जोड़ने के विचार दिए। उनका असीम ज्ञान व प्रेरक विचार युगों-युगों तक युवाओं के लिए प्रेरणा का एक केंद्र बने रहेंगे। यह दिन भारत के महानतम दार्शनिकों में से एक स्वामी विवेकानंदजी की जयंती के अवसर पर मनाया जाता है। विवेकानंद जी भारतीय मूल्यों के प्रतीक और हमारे युवाओं के लिए एक प्रेरणापुंज थे। स्वामी जी भारत जोड़ो में विश्वास करते थे, जो की भारत के आंतरिक मूल्यों में रचा-बसा है। जिसको उन्होंने 1893 में शिकागो में विश्व धर्म संसद में अपने ऐतिहासिक भाषण से स्पष्ट रूप से अभिव्यक्त किया था । स्वामी जी ने कहा था, सांप्रदायिकता, कट्टरता और इसके भयानक वंशजों के धार्मिक हठ ने लंबे समय से इस खूबसूरत धरती को जकड़ रखा है। उन्होंने इस धरती को हिंसा से भर दिया है। और कितनी ही बार यह धरती खून से लाल हो चुकी है। न जाने कितनी सभ्यताएं तबाह हुईं और कितने देश मिटा दिए गए।
श्री डामोर ने कहा कि स्वामी विवेकानंद को युवाओं का प्रेरणास्त्रोत कहा जाता है. स्वामी विवेकानंदजी ने कहा कहा था- ’’उठो जागो और तब तक मत रुको जब तक तुम्हें तुम्हारे लक्ष्य की प्राप्ति न हो जाए।’’ हमारा कर्तव्य है कि हर संघर्ष करने वाले को प्रोत्साहित करना है ताकि वह सपने को सच कर सके और उसे जी सके। जब तक तुम खुद पर भरोसा नहीं कर सकते तब तक खुदा या भगवान पर भरोसा नहीं कर सकते। यदि हम भगवान को इंसान और खुद में नहीं देख पाने में सक्षम हैं तो हम उसे ढ़ूढ़ने कहां जा सकते हैं। जितना हम दूसरों की मदद के लिए सामने आते हैं और मदद करते हैं उतना ही हमारा दिल निर्मल होता है। ऐसे ही लोगों में ईश्वर होता है। श्री डामोर ने कहा कि स्वामीजी के इन सन्देशों का हर भारतीय, एवं युवा वर्ग को अनुसरण करना चाहिये । श्री डामोर के अनुसार पूरे विश्व को सनातन संस्कृति के दीप से प्रकाशित करने वाले स्वामी विवेकानंद की जयंती पर उन्हें कोटिशःनमन व अंचलवासियों को राष्ट्रीय युवा दिवस की शुभकामनाएं।

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