महोदय, इन दिनों श्री अयोध्याधाम में भव्य श्रीराम मंदिर में भगवान श्रीराम लला की प्रतिष्ठा को लेकर’’ मेरी झोपडी के भाग आज खुल जायेगें…..भजन काफी प्रसिद्धी पारहा है । इस भजन का झाबुआ जिल की प्रचलित भीली बोली में अनुवाद मेरे द्वारा किया गया है। आदिवासी अंचल में यदि यह भजन इस अंचल में प्रचलित होता है तो यह मेरा सौभाग्य होगा । जय श्रीराम । राजेन्द्रकुमार सोनी,
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म्हारा झोपडा ना भाग आज खुली जाहे………
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म्हारा झुपडा ना भाग
आज खुली जाहे
बाबो राम आवहे,
राम आवहे आवहे,
राम आवहे।
म्हारा झुपडा ना भाग
आज खुली जाहे
राम आवहे।।
,राम आवहे तो,
आगंणो सजावुंगी ,
दीवा लगई ने,
दिवाळी मनावुंगी ।
मारा जनमा ना बदा पाप
गली जाहेगा ।
राम आवहे
म्हारा झुपडा ना भाग
आज खुली जाहे
राम आवहे।।
राम झुलेगा तो,
पालने झुलावुंगी,
मीठा मीठा हूं,
भजन हुणावुंगी ।
म्हारी जिंदगी का बद्दा
दुख मिटी जाहे,
राम आवहे ।
म्हारा झुपडा ना भाग
आज खुली जाहे
राम आवहे ।
हूं तो मन लगाडी ने,
भोग लगाडूंगी।
माखन मिसरी हूं
राम ने खवाडूंगी ।
वाली वाली राधा,
लाडका श्याम नी हाथे आवहे ।
श्याम आवहे ,
म्हारा झुपडा ना भाग
आज खुली जाहे
राम आवहे ।।
म्हारो जनम सुफल,
थाई जायेगा ,
म्हारो तन झुमेगा ने
हिरदों गीत गावहें ।
राम म्हारी रूपाली
किस्मत समकावेगा ,
राम आवहे ।।
म्हारा झुपडा ना भाग
आज खुली जाहे
राम आवहे ।।
म्हारा झुपडा ना भाग
आज खुली जाहे
राम आवहें ।।
राम आवहे आवहे
राम आवहें ।।
,म्हारा झुपडा ना भाग
आज खुली जाहे
राम आवहें ।। (अनुवादक- राजेन्द्रकुमार सोनी )