वैकुंठधाम गुरूद्वारा में पूज्य गुरूवर का प्रगम्य सप्ताह 17 से 25 जनवरी तक होगा आयोजित। गुरूदेव के अवतरण दिवस पर उनके अनुयायी अखंड नाम संकीर्तन में भाग लेकर कृत कृत होते है- राजेन्द्र अग्निहौत्री ।
वैकुंठधाम गुरूद्वारा में पूज्य गुरूवर का प्रगम्य सप्ताह 17 से 25 जनवरी तक होगा आयोजित।
गुरूदेव के अवतरण दिवस पर उनके अनुयायी अखंड नाम संकीर्तन में भाग लेकर कृत कृत होते है- राजेन्द्र अग्निहौत्री ।
झाबुआ । श्री सरस्वती नंदन स्वामी महाराज के प्रगम्य महोत्सव का आयोजन बैकुंठ धाम गुरुद्वारा थांदला में 17 जनवरी से 25 जनवरी तक आयोजित किया जा रहा है। भगवतस्वरूप श्री सत्यगुरुदेव अन्नदाताजी के कृपा पात्र भक्त मंडल के अध्यक्ष राजेंद्र प्रसाद अग्निहोत्री एडवोकेट ने बताया कि पूज्य गुरूदेव महाराज मारवाड क्षेत्र में भियपनि गा्रम में अवतरित हुए। माता का नाम अन्नपुर्णा तथा पिता का नाम गंगाधर था। गरूदेव ने चित्तोडगढ नगर में योगाभ्यास एवं संस्कृत साहित्य का अध्ययन किया । गुरूवर मुख्यतः नर्मदा के संत माने जाते थे । उन्होने कई बार नर्मदा परिक्रम की । बडवाह गा्रम में नर्मदा किनारे शिवमंदिर में योग साधना और समाधि नेकर बरब्रह्म मे एकाकार होते रहे। गुरूवर मे अलौकिकता के दर्शन जब नेपाल के नरेश ने किया,तब नेपाल नरेश ने 240 किलोग्राम का एक घंटा बना कर महाराजश्री का नाम उल्लेख करवा कर मंदिर मे लगवाया । गुरूवर परिव्रजाचार्य के रूप में विख्यात रहे। इन्होने पंण्ढरपुर में श्री विट्ठल भगवान का साक्षात्कार किया । आपके मुख से विठ्ठल-विट्ठल का अजपा जाप अहर्निश चलता रहता था । प्रभू श्री विट्ठल ही आपके आराध्य देव रहे है । आपने माता रूपिणी और रूकमणी के बीच भगवान श्री विट्ठल की प्रतिमाओं की स्थापना गुजरात के भदाम बडौदा और मध्यप्रदेश के थांदला और पेटलावद मंदिर में बनाकर की । बडौदा के पोमेलीफलिया वाडी क्षेत्र में संस्कृत पाठशाला खोलकर ब्राह्मण बालकों को वेदाभ्यास करवाया । थांदला में भी ब्राह्मण बालको के लिये संस्कृत पाठशाला खोलकर उन्हे संस्कृत अध्ययन की उपलब्धता करवाई । इनके अनुयायी गृहस्थ ही रहे। गृहस्थ परिजनों पर आपकी असीम अनुकंपा रही है। गुरूदेव के अवतरण दिवस पर उनके अनुयायी अखंड नाम संकीर्तन में भाग लेकर कृत कृत होते है ।
श्री अग्निहोत्री ने अनुसार पूज्य गुरुदेव के प्रगम्य महोत्सव में प्रति वर्षानुसार इस वर्ष भी महान अनुष्ठान 27 दिसंबर से आरंभ होकर 17 जनवरी को पूर्ण होगा , तथा दिनांक 18 जनवरी अरुणोदय से अखंड नाम संकीर्तन सप्ताह आरंभ होकर 25 जनवरी अरुणोदय तक चलेगा । पश्चात पादुका पूजन अरुणोदय की पावन बेला में किया जाकर मध्याह्न में 12.00 बजे पूज्य गुरुदेव की महा आरती एवं महाप्रसादी का आयोजन किया गया है । जिसमें समस्त भक्त मंडल परिवार एवं नगर के समस्त भक्त शिरोमणि एवं गुरु अनुयायी तथा समस्त श्रद्धालुजनो एवं गुरूभक्तों को सपरिवार सम्मिलित होने हेतु अपील की गई है । श्री अग्निहोत्री ने सर्वसाधारण जन को इस भक्तिमय कार्यक्रम में सम्मिलित होकर धर्मलाभ लेने की विनती की है। श्री अग्निहोत्री ने बताया कि इस आनंद उत्सव में पूज्य गुरुदेव के मध्य प्रदेश के अलावा महाराष्ट्र, गुजरात ,राजस्थान के गुरु भक्त भी बड़ी संख्या में सम्मिलित होकर अखंड संकीर्तन में सम्मिलित होंगे। सम्मिलित होने वाले भक्तों के निवास की व्यवस्था भी बैकुंठ धाम गुरुद्वारा थांदला में रखी गई है।,कार्यक्रम को सानंद संपन्न करने के लिए विभिन्न समितियां भी गठित की गई है, इसके संयोजक दीपक आचार्य एवं तुषार भट्ट है। जबकि भजन का प्रभार दीपक आचार्य, सत्य प्रकाश परमार, महिला भजन प्रभार कल्पना आचायर्, फोटो साहित्य प्रचार हेतु गणपतिदास बैरागी एवं प्रसाद वितरण समिति के प्रभारी रमेंद्र सोनी एवं साथियों को नामांकित किया गया है।
कार्यक्रम में सनातनी परंपरा में प्रचलित वेशभूषा में ही सम्मिलित होने हेतु सभी से विनति की गई है । कार्यक्रम मे सम्मिलित होने के लिए भागवत शुक्ला, श्री रंग आचार्य, कंचन भाई पाटनवाडिया, सुश्री डा. जया पाठक तथा आश्रम प्रभारी भूदेव आचार्य से संपर्क करने की अपील की है ।