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रामलला के आने की खुशी में 22 जनवरी को दिवाली की रोशनी से जगमग हो पूरा अंचल । सांसद श्री गुमानसिंह डामोर ने अंचल के नागरिको से किया आव्हान ।

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रामलला के आने की खुशी में 22 जनवरी को दिवाली की रोशनी से जगमग हो पूरा अंचल ।
सांसद श्री गुमानसिंह डामोर ने अंचल के नागरिको से किया आव्हान ।
झाबुआ ।
 प्रभू श्रीराम की जन्मस्थली अयोध्याधाम में आगामी 22 जनवरी को श्री रामलला विराजमान का कार्यक्रम पूरी दुनिया में भव्यातिभव्य रूप में होने वाला है। सांसद श्री गुमानसिंह डामोर ने अंचल की धर्मप्रेमी जनता से आह्वान किया है कि वह सभी जहां भी हैं, अपने घरों को 22 जनवरी को श्रीराम ज्योति से रोशन कर दें। अयोध्या में प्रभु श्रीराम मंदिर निर्माण और श्रीराम लला विराजमान के लिए यही खुशी होगी।
श्री डामोर ने राम का वनवासी आदिवासी समाज से गहरा रिश्ता होने का उल्लेख करते हुए कहा कि महर्षि अत्रि को राक्षसों से मुक्ति दिलाने के बाद प्रभु श्रीराम दंडकारण्य क्षेत्र में चले गए, जहां आदिवासियों की बहुलता थी। यहां के आदिवासियों को बाणासुर के अत्याचार से मुक्त कराने के बाद प्रभु श्रीराम 10 वर्षों तक आदिवासियों के बीच ही रहे। उन्होंने वनवासी और आदिवासियों के अलावा निषाद, वानर, मतंग और रीछ समाज के लोगों को भी धर्म, कर्म और वेदों की शिक्षा दी। वन में रहकर उन्होंने वनवासी और आदिवासियों को धनुष एवं बाण बनाना सिखाया, तन पर कपड़े पहनना सिखाया, गुफाओं का उपयोग रहने के लिए कैसे करें, ये बताया और धर्म के मार्ग पर चलकर अपने रीति-रिवाज कैसे संपन्न करें, यह भी बताया। उन्होंने आदिवासियों के बीच परिवार की धारणा का भी विकास किया और एक-दूसरे का सम्मान करना भी सिखाया। उन्हीं के कारण हमारे देश में आदिवासियों के कबीले नहीं, समुदाय होते हैं। उन्हीं के कारण ही देशभर के आदिवासियों के रीति-रिवाजों में समानता पाई जाती है। भगवान श्रीराम ने ही सर्वप्रथम भारत की सभी जातियों और संप्रदायों को एक सूत्र में बांधने का कार्य अपने 14 वर्ष के वनवास के दौरान किया था। एक भारत का निर्माण कर उन्होंने सभी भारतीयों के साथ मिलकर अखंड भारत की स्थापना की थी। दस तरह से भगवान श्रीराम का आदिवसी-बनवासी लोगों से आत्मीय रिश्ता रहा है।
श्री डामोर ने कहा कि अयोध्या में 500 साल बाद प्रभु श्रीराम के मंदिर निर्माण और श्री रामलला की प्राण प्रतिष्ठा के जश्न में 22 जनवरी को सिर्फ देश ही नहीं, बल्कि पूरी दुनिया दिवाली की रोशनी से जगमग होगी। हमारे संसदीय क्षेत्र में भी 22 जनवरी को घर घर दीपावली मनाने का आग्रह करते हुए उन्होने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्रमोदी ने देश के सभी 140 करोड़ लोगों से 22 जनवरी के दिन अपने घरों को ’श्रीराम ज्योति’ नामक दीपक की रोशनी से अपने घरों को जगमग करने का आह्वान किया है। इसलिये पूरेअंचल के लोगों से अनुरोध है कि श्री रामलला की अयोध्या वापसी के जश्न में अपने-अपने घरों को दीपक की रोशनी से जगमग कर दें। ताकि 22 जनवरी को ऊर्जा, आशा, अकांक्षा और उम्मीद व जोश से भरपूर एक नई दिवाली देखने को मिले।
श्री डामोर ने कहा कि आगामी 22 जनवरी को पीएम मोदी अयोध्या में निर्मित हो रहे प्रभु श्रीराम मंदिर का उद्घाटन करेंगे और इसी दिन श्रीराम लला मंदिर में विराजमान होंगे। इस दिन 500 साल बाद भगवान राम को पक्का घर मिला है।
श्री डामोर ने संसदीय क्षेत्र के लोगों से आह्वान करते हुए कहा कि आप सभी लोग जहां भी हैं, उनसे निवेदन है कि इस दिन अपने घरों में श्रीराम ज्योति जरूर जलाएं और अपने घरों को दीये की रोशनी से जगमग कर दें।तथा अपने अपने शहर,गा्रम में स्थित मंदिर में जरूर दर्शनार्थ जाकर स्वयं को भगवान श्रीराम के प्राण प्रतिष्ठा के अवसर पर अपनी भक्ति का, अपने आध्यात्म का संकल्प व्यक्त करें ।श्री डामोर ने यह भी अपील की है कि अपने शहर, घरों, गांवों और आसपास के मंदिरों को स्वच्छ रखकर श्रीराम उत्सवश्रद्धा के साथ मनायें। भजन-कीर्तन और अन्य भक्ति कार्यक्रम करें। श्री डामोर ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री मोदी की मंशा के अनुरूप सभी लोग 22 जनवरी की शाम दिवाली मनाएं। पूरा अंचल इस दिन जगमग-जगमग होना चाहिए।

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