आदिवासी अंचल भी हुआ राममय, पुरे क्षेत्र में खुशी की लहर
झाबुआ। अयोध्या में भगवान श्रीराम के नवीन मंदिर निर्माण और रामलाल के मंदिर में विराजमान होने को लेकर पूरे देश व विश्व में लोगों में भगवान श्री राम के प्रति असिम श्रद्धा, प्रेम, विश्वास और उत्साह का रंग देखने को मिल रहा है। चहूं ओर भगवान राम के प्रति लोगों में विशेष उत्साह है। ऐसे समय में मध्य प्रदेश के आदिवासी बाहुल्य झाबुआ, आलिराजपुर में भी आदिवासी समाज और क्षेत्र के नागरिकों में भगवान राम के प्रति असिम उत्साह देखा जा सकता है। गांव-गांव व फलिये फलिये आदिवासी समाज के लोग ढोल की थाप पर झोपडी-झोपडी तक भगवान राम की कुंकु पत्रिका और पिले चावल देकर न्यौता दे रहे है। आदिवासीयों का प्रभु राम के प्रति स्नेह छलक रहा है, माता शबरी के वंषज ये भील, भीलाले भगवान राम के भजन किर्तन ग्रामीण क्षेत्रों में कर अपनी श्रद्धा भगवान राम के प्रति प्रदर्शित कर रहे है। कई आदिवासी संतों को अध्योध्या से निमंत्रण भी प्राप्त हुआ है फलस्वरूप वे अयोध्या के लिये कूच भी कर गये है।
आदिवासी बाहुल्य झाबुआ और आलिराजपुर जिलों में लोग प्रतिदिन बडे सवेरे प्रभात फेरियां भजन किर्तन और हाथों मे भगवान ध्वज लिये निकल रहे है। जिनमें महिला, पुरूष, बच्चे सभी वर्ग के लोग सम्मिलित है। मंदिरों को सजाया संवारा जा रहा है, रंगाई पुताई की जाकर मंदिरों पर विद्युत सज्जा की गई है। नगरों में जगह-जगह गलि मोहल्लों में भगवा झंडियां लगाई गई है, भगवान श्री राम के विशाल कट आउट लगाये गये है, नगर में विद्युत रोशनियां की गई है। 20 से 22 जनवरी तीन दिनों तक का खास आयोजन किये जायेगें।
जिनमें भजन संध्या, कविसम्मेलन के आयेाजन होगें। वहीं बाबरी ढांचे को ढहाने में कार सेवा करने वाले कार सेवकों का सम्मान भी किया जा रहा है। संपूर्ण क्षेत्र भगवामय हो रहा है, चहूं और भगवान श्री राम के जय कारे लगाये जा रहे है, लोगों में खुशी की लहर दौड रही है। 22 जनवरी को नगर भोज और महा प्रसादी, पूजन आदि के आयोजन होगें। पूरे देश और प्रदेश के साथ आदिवासी अंचल भी भगवान राम के प्रति श्रद्धा से ओत प्रोत पटा हुआ है। (दिलीप सिंह वर्मा की रिपोर्ट)