झाबुआ

हम सबके लिए खुशी और परम सौभाग्य का समय है कि सदियों के लम्बे इन्तजार के बाद यह शुभ समय आया है-राजेन्द्र अग्निहौत्री । श्री वैकुंठधाम गुरूद्वारा हुआ राममय, आकर्षक रांगोली बना कर श्रद्धा से भावना व्यक्त की गई।

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हम सबके लिए खुशी और परम सौभाग्य का समय है कि सदियों के लम्बे इन्तजार के बाद यह शुभ समय आया है-राजेन्द्र अग्निहौत्री ।
श्री वैकुंठधाम गुरूद्वारा हुआ राममय, आकर्षक रांगोली बना कर श्रद्धा से भावना व्यक्त की गई।

झाबुआ । भगवान रामलला के प्राण प्रतिष्ठा महोत्सव पर सोमवार को श्री वैकुंठधाम गुरूद्वारा श्री सरस्वतीनंदन स्वामी भजनाश्रम में दीपावली की तरह उल्लास छाया रहा। अन्नदाता के प्रगम्य दिवस पर आयोजित नाम संकीर्तन सप्ताह में परा गुरूद्वारा अयोध्या के श्रीराम लल्ला के की तरह सजा नजर आया। उत्सव में डूबे देश के विभिन्न प्रांतो से पधारे श्रद्धालुजनों ने भगवान रामलला के स्वागत के राम नाम संकीर्तन से पूरा माहौल राममय बना दिया । जन्मोत्सव नाम संकीर्तन सप्ताह पर सोमवार को श्रीराम जन्मभूमि मंदिर पर रामलला की प्राण प्रतिष्ठा पर आकर्षक रंगोली, आश्रम प्रभारी भूदेव आचार्य के मार्गदर्शन मे महिला मण्डल की अंजली भट्ट, आशु वैरागी ने बनाई। जिसके आकर्षक स्वरूप को देख कर हर कोई प्रफुल्लित दिखाई दिया तथा सभी नतमस्तक हो गये । भगवान श्री रामलला की प्राण प्रतिष्ठा के अवसर पर श्री वैकुंण्ठधार गुरूद्वारा में राम धुन के बाद  दोपहर 12.20 पर आरती हुई । जिसमें बडी संख्या में श्रद्धालुजनों ने भाग लिया ।
श्री रामलला के प्रतिमा के प्राण प्रतिष्ठा के अवसर पर ट्रस्ट के अध्यक्ष राजेन्द्र अग्निहौत्री ने कहा कि रामलला की जीवंत सी मूर्ति की प्राण प्रतिष्ठा होना,भारत के इतिहास में एक महत्वपूर्ण घटना है। आज समूचे राष्ट्र के साथ ही पूरा अंचल ऐसे सबसे महत्वपूर्ण ऐतिहासिक क्षण का गवाह बना है। अयोध्या में श्रीराम मंदिर के उद्घाटन का आयोजन करोड़ों देशवासियों के लिए बहुत अविस्मरणीय पल है। हम सभी गुरूभक्त भी श्रद्धा के साथ आल्हादित है । उन्होंने कहा कि यह हम सबके लिए खुशी और परम सौभाग्य का समय है कि सदियों के लम्बे इन्तजार के बाद यह शुभ समय आया है। राम राज्य की परिकल्पना को साकार करने के लिए हम सभी को अपने संकल्प एवं कर्तव्यों को पूरा करते हुए राष्ट्र निर्माण में अपना योगदान देने के लिये कृत संकल्पित है ।
श्री तुषारभट्ट ने कहा कि  भगवान श्रीराम भारतीयसंस्कृति की प्राणा सत्ता है । अयोध्या में श्रीराम जन्मभूमि पर पूर्ण परात्पर ब्रह्म भगवान श्रीरामलला की प्राण प्रतिष्ठा का यह महान क्षण भारत के भाग्य के कपाट खोलने में सहायक सिद्ध होगा ।
इस अवसर पर श्री भागवत शुक्ला ने प्रसन्नता जाहिर करते हुए कहा कि मर्यादा पुरुषोत्तम प्रभु श्रीराम सिर्फ भारतवासियों के लिए नहीं वरन पूरी मानवता के लिए अद्वितीय आदर्श हैं। अब कई वर्षों के लंबे संघर्ष और प्रतीक्षा के पश्चात अवधपुरी में प्रभु का भव्य और दिव्य मंदिर का निर्माण और आज पवित्र क्षण में रामलला की गर्भगृह में प्राण प्रतिष्ठा के साथ ही हम सबकी मनोकामना पूर्ण हो गई है। अभी हम जिस सुअवसर से गुजरे हैं, मानवता के इतिहास में ऐसा विलक्षण दृश्य कभी-कभी ही देखने को मिलते हैं।
इस अवसर पर रमेन्द्र सोनी, भागवत शुक्ला, ज्ञानदेव आचार्य, दिनेश उपाध्याय मफतभाई, कंचन भाई, नरेन्द्र भाई, जयन्ती शिवाभाई, खुशाल, कैलाश, राहुल, पुनमभाई, आदि सहित महाराष्ट्र गुजरात राजस्थान से पधारे हजारो की संख्या मे उपस्थित भक्तो ने लाभ लिया । इस अवसर पर महाप्रसादी का भी वितरण किया गया ।

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