रतलाम 26जनवरी 2024/ गणतंत्र दिवस की संध्या रतलाम कालिका माता परिसर में लोकतंत्र के लोक उत्सव भारत पर्व का आयोजन किया गया। राज्य शासन के निर्देश पर आयोजित भारत पर्व में उपस्थित महापौर श्री प्रहलाद पटेल, कलेक्टर श्री भास्कर लाक्षाकार, सीईओ जिला पंचायत श्री अमन वैष्णव, आयुक्त नगर निगम श्री विकास सोलंकी द्वारा कलाकार दलों का स्वागत किया गया।
भारत पर्व आयोजन में भोपाल के श्री योगेश बाथम तथा उनके दल द्वारा देशभक्ति से ओत-प्रोत गीतों की प्रस्तुति दी गई जिसे सुनकर दर्शक झूम उठे। इसी प्रकार धार के श्री कृष्णा मालीवाड़ तथा उनके दल द्वारा लोक नृत्य भगोरिया की सुंदर प्रस्तुति ने देखने वालों का मन मोह लिया। इसके अलावा रतलाम की सुश्री प्रतिभा साहा, सुश्री कीर्ति जलधारी, सुश्री श्यामा सिंघाड़ ने सितार वादन की मधुर स्वर लहरिया बिखेरी जिसमें देशभक्ति गीत की प्रस्तुति दी गई। तबले पर संगत श्री प्रसन्न दुबे ने की। कार्यक्रम का संचालन श्री आशीष दशोत्तर ने किया।
विकास प्रदर्शनी आयोजित की गई
गणतंत्र दिवस पर लोकतंत्र के लोक उत्सव भारत पर्व आयोजन के दौरान जिला जनसंपर्क कार्यालय रतलाम द्वारा केंद्र शासन तथा राज्य शासन की योजनाओं, कार्यक्रमों की उपलब्धियां पर आधारित आकर्षक प्रदर्शनी का आयोजन किया गया। प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में केंद्र शासन द्वारा संचालित की जा रही योजनाओं को दर्शकों द्वारा सराहा गया। इसी प्रकार मध्यप्रदेश में मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के नेतृत्व में लागू की जा रही योजनाओं कार्यक्रमों से आम जनता के जीवन में आ रही खुशहाली को भी प्रदर्शित किया गया था जिसकी दर्शकों ने सराहना की। प्रदर्शनी में जल जीवन मिशन, पी.एम. आवास, आयुष्मान कार्ड, पी.एम. स्वनिधि, पी.एम. मुद्रा, डी.जी. लाकर सुविधा, अपराधों पर नियंत्रण आदि योजनाओं की उपलब्धियों तथा योजनाओं के माध्यम से जनजीवन में आई खुशहाली को प्रदर्शित किया गया था।
प्रदर्शनी में तीन नए कानूनों के संबंध में भी जानकारी दी गई
भारत पर्व के अवसर पर रतलाम में आयोजित विकास प्रदर्शनी में हाल ही में देश की संसद द्वारा पारित किए गए तीन नए कानूनों के संबंध में भी जानकारी दी गई। इनमे भारतीय न्याय संहिता 2023, भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता 2023तथा भारतीय साक्षय अधिनियम 2023सम्मिलित है जिनके बारे में नागरिकों को बताया गया। उपरोक्त कानूनो का मुख्य उद्देश्य नागरिकों के मानव अधिकारों एवं महिलाओं बच्चों की सुरक्षा सुनिश्चित करना है। पीड़ित केंद्रित न्याय तंत्र स्थापित करना है। जटिल प्रक्रियाओं के सरलीकरण से आपराधिक न्याय प्रणाली को और सुगम तथा सुलभ बनाना है तथा जेल एवं सुधारगृहों से भीड़ कम करना आदि सम्मिलित है।