निर्मला दीदी की बच्चों के नाम पाती – निर्भिक एवं तनाव रहित होकर परीक्षा देवे-सफलता निश्चित प्राप्त होगी – निर्मला भूरिया ।
झाबुआ/रतलाम। प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्रभाई मोदी द्वारा 29 जनवरी को देशभर के छात्र-छात्राओं से परीक्षा पर चर्चा करके उन्हे परीक्षा में तनाव नही लेने परीक्षा की तैयारी को लेकर चर्चा की थी । उसी से प्रभावित होकर मध्यप्रदेश की महिला एवं बाल विकास मंत्री सुश्री निर्मला भूरिया ने भी प्रदेश भर के बच्चोें को पत्र लिख कर कहा है कि आगामी 5 फरवरी से बोर्ड की परीक्षा परीक्षा प्रारंभ होने वाली है,उसके लिये उन्होने छात्र-छात्राओं को शुभकामनायें देते हुए लिखा है परीक्षा है तो निश्चित तौर पर थेडा डर हर किसी के मन में रहता है, बस हमें इस डर पर ही काबु पाना है । आपको किसी से नही बल्कि अपने आप से प्रतिस्पर्धा करनी चाहिये । मेरा बच्चों से यही कहना है कि जीवन में हर मोड पर दबाव आता रहता है, लेकिन ये हम पर निर्भर करता है कि हम उस दबाव से किस तरह निपटते हैै।
उन्होने पत्र मे लिखा है कि अनेक बार ऐसा भी हो जाता है कि हमारी उम्मीदों के अनुरूप हमे परिणाम नही मिलते ,लेकिन उसका यह मतलब नही है कि हम हार मान ले । यदि परीक्षा में किसी कारण से असफल हुए तो भी चिंताकरने की जरूरत नही है । प्रदेश के यशस्वी मुख्यमंत्री डाॅ. मोहन यादव जी की सरकार में ’’रुक जाना नही योजना’’ लागू है जिसमें यदि कोई छात्र फेल भी हो गया तो उसे दोबारा परीक्षा देने का मौका भी मिलेगा ।
सुश्री भूरिया ने आगे लिखा कि आप सब जानते है कि हमारे देश के प्रधानमंत्री आदरणीय नरेन्द्रभाई मोदी जी को आपकी कितनी चिंता है । अभी कुछ दिन पूर्व ही उन्होने परीक्षा पर चर्चा कार्यक्रम के जरिये आपसे संवाद किया था । तब उन्होनेे बताया था कि किस तरह हम परीक्षा के तनाव से बच सकते है । मै हमारे प्रधानमंत्रीजी की केवल एक बात को दोहराती हूं- परीक्षा हाॅल में हमेशा समय के पूर्व पहूंचें ,गहरी सांस लीजिये इससे जब आपके हाथ में पेपर आयेगा तो आपको तनाव महसूस नही होगा। हमेशा क्वेश्चन पेपर को पढ लीजिये और उन्हे हल करने का समय तय कर लीजिये । जब आपको टाईम मेनेजमेंट आ जायेगा तो परीक्षा परिणाम पर भी इसका असर दिखेगा ।
सुश्री भूरिया ने पत्र मे लिखा है कि मेरा माता पिता से भी यही कहना है कि वे अपनी उम्मीदों का बोझ बच्चों पर न लादे । हर बच्चा अपने आप में विशेष होता है और उनकी क्षमताएं अलग अलग। इसलिये उनसे परीक्षा के दौरान सकारात्मक संवाद कर प्रोत्साहित करें । उन्हे बतायें कि उनकी आपके जीवन में क्या अहमीयत है । यदि ऐसा किया तो बच्चे पूरी तरह से तनाव मुक्त होकर परीक्षा देगें और परिणाम भी बेहतर आएगा।
मंत्रीजी ने आगे लिखा है कि प्यारे बच्चों, स्वामी विवेकानंदजी ने भी कहा था कि ’’एक समय अपनी पूरी आत्मा उसमें डाल दो और बाकी सब कुछ भुल जाओं।’’ तो ये समय केवल परीक्षा की तैयारी कार है और इसमें पूरी तरह डूब जाओ ,बाकी सब नकारात्मक वातों को छोड दे । स्वयं समर्थवान बनिये ? तभी सफलता निश्चित है। उन्होने सभी बच्चों को अन्त में पुनः एक बार शुभकामनायें देते हुए निश्ति होकर परीक्षा देने का आग्रह किया है ।