झाबुआ – जिले के अवैध शराब के कारोबारीयो की चौतरफा उन्नति हो रही है । जिले में विकास कार्य हो या ना हो, लेकिन अवैध शराब के कारोबारियों का विकास अवश्य हो रहा है इनमें सबसे प्रचलित आनंद-अलकेश की जोड़ी ने अब शराब कारोबार से चौतरफा विकास किया और शराब की उपलब्धता मध्य प्रदेश के झाबुआ जिले में और गुजरात राज्य में इतनी आसान कर दी , कि आज की युवा पीढ़ी इसके जाल में फंस कर अपने भविष्य को बर्बाद कर रही है वही इन अवैध शराब कारोबारीयो की सक्रियता ने पिछले विधानसभा चुनाव में, कुछ हद तक प्रभावित भी किया था । लेकिन इस ओर किसी का ध्यान नहीं गया.. विशेष रूप से भाजपा का……।
अवैध शराब कारोबार को लेकर ना तो आबकारी विभाग और ना पुलिस विभाग द्वारा कोई ठोस कारवाई की जाती है । जिले में अवैध शराब के कारोबार गांव-गांव ,शहर शहर से लेकर होटल , ढाबों व किराना दुकानों के साथ साथ , अब तो यह अवैध कारोबार पडोसी गुजरात राज्य तक पहुंच चुका है एक तरफ तो गुजरात में शराब प्रतिबंधित है वहीं दूसरी ओर आनंद-अल्केश की जोड़ी ने इस अवैध शराब को मध्य प्रदेश गुजरात की बॉर्डर से निकालकर गुजरात पहुंचा रहे हैं । मध्य प्रदेश के पिटोल क्षेत्र के ग्राम वट्ठा और थांदला के काकनवानी गांव , जहां की आबादी हजारों में है वहां का ठेका करोड़ों रुपए इस बात का सूचक है कि यह ठेके करोड़ों रुपए में क्यों लिए जाते हैं । इन क्षेत्रों से गुजरात के लिमडी, झालोद, देवगढ़ बारिया , गोधरा आदि अनेक जिलों में अवैध शराब को पहुंचाया जाता है । चूंकि गुजरात में शराब प्रतिबंधित है इससे यह अवैध शराब दुगुने दामों में मोदी के गजरात मे बिकती है । एक तरफ तो देश मे राम नाम की धुन चल रही. हैं । अयोध्या में प्रभु श्रीराम के मंदिर मे प्राण प्रतिष्ठा के बाद देश में धार्मिक आयोजन लगातार आयोजित हो रहे हैं । देश मे जगह जगह अल सुबह से ही प्रभात फेरिया निकल रही है लोगों में धार्मिक भावनाएं भी जागृत हुई है । वही आनंद-अलकेश की जोड़ी की सक्रियता भी राम नाम की धुन को प्रभावित कर सकती है जहा इस जोड़ी ने शराब को गुजरात. राज्य के हर क्षेत्रों मे पहुंचाने का काम किया है और अब इनका लक्ष्य है कि यह अवैध शराब गुजरात राज्य मे शराब प्रतिबंध का पूरा फायदा उठाया जाए और अपनी जेबे गर्म की जाए। जिले मे विधानसभा चुनाव में भी इस जोड़ी ने शराब कारोबार को ऐसा मकडजाल फैलाया, कि किसी को समझ में नहीं आया और अंत में यह भाजपा के लिए नुकसानदायक साबित हुआ । ऐसे मे भाजपा के लिए चिंतन का विषय है कि.कही इस जोड़ी की सक्रियता आगामी चुनाव में भी भाजपा के लिए नुकसानदायक ना हो । सूत्रों के अनुसार जिले मे विधानसभा चुनाव में भी ग्रामीण व शहरी क्षेत्र में आनंद-मुकेश- अलकेश की जोड़ी ने अवैध शराब वितरण में अहम भूमिका निभाई थी । और कहीं ना कहीं इसका असर भी चुनाव परिणाम में देखने को मिला । चूकि देश में राम नाम की धुन घर-घर पहुंच चुकी है वहीं इस जोड़ी का भी प्रयास है कि वह शराब को घर-घर पहुंचाए । जिससे भाजपा को एक बड़े नुकसान होने की संभावना से भी इनकार नहीं किया जा सकता । आबकारी विभाग व पुलिस विभाग की लचीली कार्य प्रणाली के कारण अवैध शराब माफियाओं के हौसले बुलंद होते जा रहे हैं और मध्य प्रदेश के साथ-साथ गुजरात में भी अवैध शराब का कारोबार जोर-शोर से कर रहे हैं । वर्ष 2015-16 में तत्कालीन पुलिस अधीक्षक कृष्णावेणी देसावतु ने शराब माफिया अल्केश बाखला को बाहरी राज्य से पड़कर, कार्रवाई की थी और काफी हद तक अवैध शराब कारोबार पर अंकुश लगाया था । उसके बाद तत्कालीन एसपी संजय तिवारी के कार्यकाल के दौरान भी अवैध शराब माफिया या कारोबार पर काफी हद तक अंकुश लगा था । लेकिन उसके बाद कोई बड़ी कार्रवाई देखने को नहीं मिली । चर्चा ग्रामीण चौपालो पर चल पड़ी है कि एक तरफ तो भाजपा विकास की बात कर रही है दूसरी तरफ यह अवैध शराब माफिया घर-घर शराब पहुंचाने का प्रयास कर रहे हैं । चर्चा चौराहा पर चल पड़ी है कि जिले में दोनों ही दल के जन प्रतिनिधियो के होने के बाद भी आनंद -अलकेश की जोड़ी भी अवैध शराब परिवहन के मामले में विशेष तौर से गुजरात राज्य मे परिवहन कर , मोदी के गुजरात को भी अवैध शराब माफियाओं का गढ़ बनाकर , लाखों करोड़ों के वारे न्यारे कर रहे हैं । कहीं ना कहीं इन शराब माफियाओ की सक्रियता भाजपा के लिए नुकसानदायक साबित ना हो …इस और भाजपा को मंथन करना होगा…..।